निरसा व मैथन के छठ घाटों पर अर्पित किया गया चैती छठ का प्रथम अर्घ्य
जाटी निरसा/मैथन/गलफरबाड़ी निरसा मैथन समेत एग्यारकुंड के घाटों में लोक आस्था का महा
जाटी, निरसा/मैथन/गलफरबाड़ी : निरसा, मैथन समेत एग्यारकुंड के घाटों में लोक आस्था का महापर्व चैती छठ में रविवार की शाम अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को अर्घ्य अर्पण किया गया। व्रतियों ने अर्घ्य देकर सुख शांति व समृद्धि की कामना की।भगवान भास्कर से कोरोना महामारी को खत्म करने की विनती की।
रविवार शाम निरसा के भालजोरिया स्थित खुदिया नदी घाट, पुसोई नदी घाट, गोपीनाथपुर कोलियरी स्थित नदी घाट पर भगवान भास्कर को छठ व्रतियों ने अर्घ्य अर्पित किया। कोरोना महामारी को देखते हुए ज्यादातर लोगों ने मास्क लगा रखा था।
मैथन डैम स्थित छठ घाट पर भी अर्घ्य अर्पण किया गया। सुरक्षा में डीवीसी सुरक्षा विभाग के जवान, पदाधिकारी व मैथन छठ पूजा सेवा समिति के लोग मौजूद रहे। गलफरबाड़ी ओपी अंतर्गत कृष्णा कांटा के समीप छठ घाट पर व्रतियों ने अर्घ्य अर्पण किया। समिति के सदस्यों में बिट्टू गुप्ता, अनुज कुमार,सचिन,वरूण पांडेय, टिकु, किट्टू लोगों की सेवा में लगे रहे।
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कतरी नदी में अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य
संस, कतरास: कतरास कोयलांचल में चार दिवसीय चैती छठ महापर्व के चौथे दिन रविवार को जगह-जगह पर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य प्रदान किया गया। शहर तथा आसपास के व्रती गाजा-बाजा के साथ घाट पर पहुंची। छठ मैया के गीतों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया। घाट पर करीब दो से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची। कोरोना संक्रमण के बढ़ते तेवर को देखते हुए श्रद्धालुओं ने सरकार की गाइडलाइन का पालन किया। कतरी नदी घाट तथा सूर्य मंदिर को आकर्षक तरीके से सजाया गया है। घाट पर निर्जला उपवास रखी व्रती भगवान सूर्य की पूजा अर्चना किया तथा सूप व डाला में श्रद्धालुओं ने अर्घ्य प्रदान किया। सुबह उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य प्रदान के बाद 36 घंटे का यह उपासना समाप्त हो जायेगा। इधर सभी कोरोना से देश को उवारने तथा स्वजनों के लंबी उम्र की कामना किया।