Chaitra Navratri 2021: पहले दिन हो रही मां शैलपुत्री की पूजा, चैत्र नवरात्रि पर 9 दशक बाद बना विशेष संयोग
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह 2 32 बजे ग्रहों के राजा सूर्य का मेष राशि में गोचर होगा और संवत्सर प्रतिपदा और विषुवत संक्रांति दोनों एक ही दिन 13 अप्रैल को है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह स्थिति करीब 9 दशक बाद बन रही है।
धनबाद, जेएनएन। चैत्र माह की नवरात्रि मंगलवार (13 अप्रैल, 2021) को नव संवत्सर के साथ शुरू हो गई। इस दौरान वसंत ऋतु होने के कारण इसे वासंती नवरात्र भी कहा जाता है। सालभर में 2 गुप्त और 2 प्राकट्य नवरात्र होते हैं। पंडिताें के अनुसार इस बार कोई भी तिथि क्षय नहीं होगी, जिससे नवरात्रि पूरे 9 दिनों की रहेगी। हिंदू कैलेंडर के अनुसार पूरे साल में चार बार नवरात्रि मनाई जाती है। इनमें से मार्च-अप्रैल और सितंबर-अक्टूबर में प्राकट्य नवरात्रि एवं जनवरी-फरवरी और जून-जुलाई में आने वाली नवरात्रियों को गुप्त नवरात्रि कहा जाता है। प्राकट्य नवरात्रियों में नवदुर्गा की पूजा होती है। वहीं गुप्त नवरात्रि में सिद्धि प्राप्त करने के लिए विशेष मंत्र जाप के साथ देवी के महाविद्या स्वरूपों की पूजा की जाती है। शहर के हीरापुर, सरायढ़ेला, बैंक मोड़ सहित
कई दुर्गा स्थानों में कलश स्थापना की गई है। लोग घरों में भी कलश स्थापना कर पूजा कर रहे हैं। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा हो रही है।
इस वर्ष भी धोड़े पर सवार हाेकर आएगी मां दुर्गा
पंडित का कहना है कि इस बार चैत्र नवरात्रि में मां दूर्गा घोड़े पर सवार होकर आएंगी। इससे पहले शारदीय नवरात्रि पर भी मां घोड़े पर सवार होकर आई थी। देवी मां जब भी घोड़े पर आती हैं, तो युद्ध की आशंका बढ़ जाती है।
9 स्वरूपों की अराधना की जाएगी मां दूर्गा की
चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की उपासना की जाती है। जिसमें शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्रि की पूजा की जाती है। इन सभी देवियों का विशेष महत्व माना गया है। इन सभी देवियों की पूजा करने से नवग्रहों की शांति भी होती है।
90 साल बाद बन रहा विशेष संयोग
चैत्र नवरात्रि के पहले दिन सुबह 2: 32 बजे ग्रहों के राजा सूर्य का मेष राशि में गोचर होगा और संवत्सर प्रतिपदा और विषुवत संक्रांति दोनों एक ही दिन 13 अप्रैल को है। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार यह स्थिति करीब 9 दशक बाद बन रही है। साथ ही चैत्र नवरात्रि की शुरूआत अश्विनी नक्षत्र में सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग में हो रही है।
शुभ मुहूर्त घटस्थापना की तिथि : 13 अप्रैल 2021, मंगलवार शुभ मुहूर्त : सुबह 05:28 बजे से सुबह 10:14 बजे तक। अवधि : 04:15 घंटे।