आसबे तुमी आबार बोछोर बोलकर मांं को नम आंखों से दी गई विदाई Dhanbad News
राजगंज में बजरंगबली मंदिर में आयोजित चैत्री दुर्गा पूजा का समापन घट विसर्जन के साथ हुआ। गुरुवार सुबह मंदिर परिसर से पालकी से मांं का नवपत्रिका एवं घट को पालकी में लेकर गल्लीकुल्ही स्थित बड़का बांध के लिए निकले।
राजगंज, जेएनएन: राजगंज में बजरंगबली मंदिर में आयोजित चैत्री दुर्गा पूजा का समापन घट विसर्जन के साथ हुआ। गुरुवार सुबह मंदिर परिसर से पालकी से मांं का नवपत्रिका एवं घट को पालकी में लेकर गल्लीकुल्ही स्थित बड़का बांध के लिए निकले। महिला पुरुष श्रद्धालु एवं समिति के सदस्य माँ का जयकारे लगाकर पैदल तालाब पहुंचे। जहां आचार्यो द्वारा पूजा अर्चना कर आसबे तुमी आबार बोछोर बोलकर नम आंखों से मांं की बिदाई दी गई। साथ ही मांं दुर्गा का स्थापित छोटी प्रतिमा को विसर्जित किया गया।
इसके पूर्व विजया दशमी का पूजन किया गया। मां दुर्गा से क्षमा याचना की गई। नियम के अनुसार इस वर्ष भी महिलाएओ ने सिंदूर खेला। सुहागिनों ने एक दूसरे को सिंदूर लगाकर परिवार में खुशहाली लाने के लिए मांं से कामना किया। वही युवतियां आपस मे सिंदूर खेल उज्ज्वल भविष्य का याचना माँ से किया। हालांकि कोविड के मद्देनजरमहिला वर्ग कम संख्या में मंदिर पहुंची थी। चैती दुर्गा पूजा का अनुष्ठान कोरोना को देखकर सादगी से किया गया। कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए आयोजन सम्पन्न हुआ।
आयोजन को सफल बनाने के लिए यजमान सुबोध चौरसिया, वंदना देवी, आचार्य गंगेश चंद्र पांडेय,मानोज पांडेय, वाशुदेव पांडेय, परमेश्वर पांडेय, प्रमोद चौरसिया, बिनोद दे, संदीप अग्रवाल, आशीष अग्रवाल, अमित कुशवाहा, सुधीर विश्वकर्मा, हरि विश्वकर्मा, अमित अग्रवाल, संजय माहुरी, दीपू दे, उज्ज्वल कुमार, राघव मुंशी,राजू कुम्हार आदि का सहयोग रहा।