NKCPL ने 12 घंटे काम कराकर 8 घंटे का दिया पैसा, केंद्रीय सूचना आयोग ने लिया संज्ञान

अरविन्द ने बताया कि कंपनी में काम करने वाले लोगों से शिकायत मिली थी कि 12 घंटा काम करके आठ घंटे का ही पैसा मिलता है। ईपीएफ़ मेडिकल सुविधायें और आवास मुहैया कराने के मामले में भी कंपनी की शिकायत मिली थी।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 24 Jun 2021 12:46 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 12:46 PM (IST)
NKCPL ने 12 घंटे काम कराकर 8 घंटे का दिया पैसा, केंद्रीय सूचना आयोग ने लिया संज्ञान
एनकेसीपीएल के मामले की केंद्रीय सूचना आयोग में सुनवाई ( सांकेतिक फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। जामाडोबा और भेलाटांड़ में काम करने वाली नरेश कुमार कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (एनकेसीपीएल) के मामले में केंद्रीय सूचना आयोग आज सुनवाई करेगा। एनकेसीपीएल कंपनी पर वहां काम करने वाले श्रमिकों ने नियम कानून का उल्लंघन कर शोषण करने का आरोप लगाया था। आरटीआई कार्यकर्ता अरबिन्द सिन्हा की शिकायत पर आयोग ने संज्ञान लिया। अरविन्द ने बताया कि कंपनी में काम करने वाले लोगों से शिकायत मिली थी कि 12 घंटा काम करके आठ घंटे का ही पैसा मिलता है।  ईपीएफ़, मेडिकल सुविधायें और आवास मुहैया कराने के मामले में भी कंपनी की शिकायत मिली थी। कंपनी के एक भुक्तभोगी वर्कर प्रवीण कुमार सिन्हा (आईडी संख्या-9738) का कहना है कि एक वर्ष काम करने के बाद कंपनी ने उसके नाम का फर्जी हस्ताक्षर किया हुआ त्यागपत्र कुरियर से उसके घर भेज दिया और सेवा समाप्त कर दी।

प्रवीण कुमार ने लिखित शिकायत उप मुख्य श्रम आयुक्त कार्यालय धनबाद से भी की है। बकाया पैसा और ईपीएफ में जमा पैसा भी अब तक नहीं मिला है। आर्थिक तंगी का असर उनके दो बच्चों की शिक्षा पर भी पड़ रहा है जो कि अभी एक सरकारी प्राथमिक विद्यालय में पढ़ रहे हैं। प्रवीण कुमार सिन्हा की आपबीती सुनने के बाद जनसभा के जिला प्रतिनिधि सह आरटीआई कार्यकर्ता अरबिन्द सिन्हा ने संज्ञान लेते हुए काम की अवधि, न्यूनतम वेतन, मानदेय, चिकित्सा व्यवस्था, ईपीएफ, आवास की सुविधा एवं श्रमिकों को दी जाने वाली अन्य सुविधाओं से जुड़ी सूचनाएं उप मुख्य श्रम आयुक्त कार्यालय धनबाद के जन सूचना अधिकारी से मांगी थी।

जब सूचना अधिकारी ने सूचनाएं नहीं दी, तब आरटीआई कार्यकर्ता ने बाध्य होकर कंपनी और जनसूचना अधिकारी के खिलाफ दिनांक 28 मार्च 2019 को प्रथम अपीलवाद एवं 20 जुलाई 2019 को केंद्रीय सूचना आयोग में द्वितीय अपीलवाद दायर कराया। आयोग ने दो वर्ष बाद सिन्हा को पत्र के माध्यम से सूचित करते हुए बताया कि 24 जून 2021 को ऑडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस मामले में सुनवाई होगी। आरटीआई कार्यकर्ता ने खुशी जाहिर करते हुए बताया कि एक लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आज वह न्याय के दरवाजे पर खड़े हैं। उम्मीद है कि पीड़ित को न्याय दिलाने में कामयाब होंगे।

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