Dhanbad Judge Death Case: अब सुराग देने वालों को मिलेगा 10 लाख, साजिश तक पहुंचने के लिए सीबीआइ ने बढ़ाई इनाम की राशि

Dhanbad Judge Death Case जिला एवं सत्र न्यायाधीश-8 उत्तम आनंद की माैत के मामले में सीबीआइ के हाथ अब तक खाली हैं। सीबीआइ ने महत्वपूर्ण सुराग देने वालों को 10 लाख रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। पहले 5 लाख इनाम राशि घोषित की गई थी।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 04:29 PM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 04:44 PM (IST)
Dhanbad Judge Death Case: अब सुराग देने वालों को मिलेगा 10 लाख, साजिश तक पहुंचने के लिए सीबीआइ ने बढ़ाई इनाम की राशि
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायधीश-8 उत्तम आनंद ( फाइल फोटो)।

विधि संवाददाता, धनबाद। धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत को 41 दिन हो गए हैं । परंतु अब तक सीबीआइ के हाथ इस मामले में खाली हैं। लिहाजा मामले की जांच कर रहे स्पेशल सेल ने इनाम की राशि को 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख रुपए कर दिया है। बुधवार को सीबीआइ ने शहर के विभिन्न चौक-चौराहों पर पोस्टर चिपका कर लोगों से हत्या का सुराग देने की अपील की है। इसके पूर्व स्वतंत्रता दिवस के दिन सीबीआई के स्पेशल सेल ने न्यायाधीश की मौत से संबंधित जानकारी देने वालों के लिए पांच लाख रुपए इनाम की घोषणा की थी। सीबीआई ने शहर के सभी चौक चौराहों पर पोस्टर लगाकर लोगों से अपील की है कि यदि कोई व्यक्ति न्यायाधीश के हत्यारों या उससे संबंधित कोई भी जानकारी रखता हो तो वह सीबीआइ स्पेशल क्राइम ब्रांच वन नई दिल्ली कैंप सीएसआइआर सत्कार गेस्ट हाउस धनबाद मे इसकी सूचना दें या सीबीआइ के एसपी सह मामले के अनुसंधानकर्ता विजय कुमार शुक्ला को मोबाइल नंबर पर फोन कर इसकी जानकारी दें। जानकारी देने वालों को सीबीआइ 10 लाख का इनाम देगी । सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा।

सीबीआइ ने जारी किया नंबर

शहर में चिपकाए गए पोस्टरों में तीन मोबाइल नंबर सीबीआइ ने जारी किया जिस पर सूचना देने की अपील की गई है। वह नंबर है 7827728856, 011- 24368640, 011-24368641

सुबह पांच बजे हुई थी वारदात

28 जुलाई को न्यायाधीश उत्तम आनंद घर से सुबह 5:00 बजे के लगभग मॉर्निंग वॉक के लिए निकले थे। घर वापस नहीं आने पर पत्नी कीर्ति सिन्हा ने रजिस्ट्रार को फोन कर इसकी सूचना दी ।रजिस्ट्रार ने मामले की सूचना एसएसपी धनबाद को दी, जिसके बाद पुलिस महकमा न्यायाधीश को ढूंढने में लग गया था। थोड़ी देर बाद रणधीर वर्मा चौक के पास न्यायाधीश घायल मिले। एएनएमएमसीएच ले जाने पर मृत घोषित कर दिए गए। पहले इसे सामान्य सड़क हादसा माना गया लेकिन सीसीटीवी फुटेज में एक आटो को जानबूझकर धक्का मारते दिखने पर सनसनी फैल गई। हाई कोर्ट ने मामले पर संज्ञान लिया। पुलिस ने देर रात चालक लखन वर्मा और उसके साथ बैठे राहुल वर्मा को गिरफ्तार किया था। हाईकोर्ट के आदेश पर 4 अगस्त को सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज कर ली थी।

पहले झारखंड पुलिस ने की जांच, अब कर रही सीबीआइ

अब तक इस मामले में दो एजेंसियों ने जांच पड़ताल की । प्रारंभिक जांच डीआईजी अभियान संजय आनंद लाटकर के नेतृत्व में एसआईटी ने की परंतु एसआईटी के हाथ भी कुछ नहीं लगे । अब सीबीआइ की टीम हत्या की गुत्थी सुलझाने में लगी है सीबीआइ ने इस मामले में ताबड़तोड़ कार्रवाई भी की। और मामले की स्टेटस रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को सौंपी जिस पर अदालत ने असंतोष जाहिर किया था। दूसरी ओर सीबीआइ दोनों आरोपियों की नार्को टेस्ट के लिए गुजरात ले गई थी । नारको टेस्ट में भी सीबीआइ के हाथ विशेष कोई जानकारी नहीं लगी।

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