Dhanbad Police: वर्दी भत्ता लेंने के चक्कर में बरसाती भी भूल गए पुलिसकर्मी, बारिश में पेड़ के नीचे छिपने की मजबूरी

पुलिस मेंस एसोसिएशन के पदाधिकारियों के माने तो बिहार में 13 माह के वेतन के अलावा 20 दिनों का सीपीएल भी पुलिस कर्मियों को मिलता है। यही बात अब राज्य के पुलिस कर्मियों को अखरने लगी है और दोनों एसोसिएशन अपनी मांग पर अडिग है।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 21 Jun 2021 11:00 AM (IST) Updated:Tue, 22 Jun 2021 06:48 AM (IST)
Dhanbad Police: वर्दी भत्ता लेंने के चक्कर में बरसाती भी भूल गए पुलिसकर्मी, बारिश में पेड़ के नीचे छिपने की मजबूरी
बिहार की अपेक्षा झारखंड में पुलिसकर्मियों को कम मिल रहा वर्दी भत्ता ( सांकेतिक फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। मानसून की बारिश शुरू हो चुकी है। दिन भर सड़क पर बिताने वाले पुलिसकर्मी और बारिश से बचने के लिए पेड़ के नीचे या फुटपाथ की दुकानों का सहारा ले रहे हैं। यह सब पुलिसकर्मियों के साथ इसलिए हो रहा है, क्योंकि उन्हें बिहार की तरह वर्दी भत्ता पाने की लालसा थी। बिहार में पुलिस कर्मियों को दस हजार रुपये प्रति वर्ष वर्दी भत्ता के रुप में मिलता है। यहां पर पुलिसकर्मियों को वर्दी भत्ता के रूप में चार हजार देकर सरकार ने अपना पिंड छुड़ा लिया। वर्दी भत्ता पाने वाले पुलिसकर्मियों को इसका सीधे तौर पर नुकसान हुआ।

पहले पुलिसकर्मियों को ठंड में गर्म कपड़े, कंबल, जूता वर्दी बेल्ट टोपी, बरसाती सभी विभाग उपलब्ध कराता था। अब उन सभी के एवज में 4000 से 4500 तक वर्दी भत्ता ही मिलते हैं। पदाधिकारी वर्ग के पुलिसकर्मियों को 4500 तथा सिपाही हवलदार के लिए 4000 वर्दी भत्ता के रूप में स्वीकृत हैं। जहां एक दशक पूर्व सभी मूलभूत सुविधाएं पुलिसकर्मियों को मिलती थी। वहीं वर्दी भत्ता की लालच में उन्हें उन सभी आवश्यक सुविधा से वंचित रहना पड़ गया है। इतना ही नहीं 13 माह की वेतन की लालच में पुलिसकर्मी 20 दिनों की सीपीएल क्षतिपूर्ति अवकाश भी गंवा चुके हैं। पुलिस कर्मियों को 13 माह का वेतन तो दिया जा रहा है परंतु साल में मिलने वाली 20 दिनों की क्षतिपूर्ति अवकाश बंद कर दिए गए हैं। पुलिस वा मेंस एसोसिएशन इसके विरोध में सरकार से कई बार गुहार लगा चुके हैं परंतु सुनवाई नहीं हुई।

पुलिस मेंस एसोसिएशन के पदाधिकारियों के माने तो बिहार में 13 माह के वेतन के अलावा 20 दिनों का सीपीएल भी पुलिस कर्मियों को मिलता है। यही बात अब राज्य के पुलिस कर्मियों को अखरने लगी है और दोनों एसोसिएशन अपनी मांग पर अडिग है। क्षतिपूर्ति अवकाश पुलिसकर्मियों को इसलिए मिलती रही है क्योंकि हर एक पर्व त्योहार में पुलिसकर्मियों को ड्यूटी करनी होती है यहां तक की रविवार को छुट्टी नहीं होती। इसी एवज में क्षतिपूर्ति अवकाश का प्रावधान पुलिस कर्मियों के लिए था। 18 दिन सीएल ही पुलिसकर्मियों का एक मात्र सहारा है।

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