BSF Raising Day 2021: बीएसएफ जवानों के शौर्य और बलिदान के बल पर हम लेते चैंन की नींद, झारखंड विधानसभा अध्यक्ष ने दी बधाई
BSF Raising Day 1 दिसंबर 1965 को सीमा सुरक्षा बल ( Border Security Force BSF) की स्थापना हुई थी। आज बीएसएफ अपना 57वां स्थापना दिवस मना रहा है। पूरा देश बीएसएफ पर गाैरवान्वित है। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने बीएसएफ जवानों को बधाई दी है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। आज ही के दिन यानी 1 दिसंबर, 1965 को सीमा सुरक्षा बल ( Border Security Force, BSF) की स्थापना हुई थी। आज बीएसएफ अपना 57वां स्थापना दिवस मना रहा है। पूरा देश बीएसएफ पर गाैरवान्वित है। देश-प्रदेश के लोग घर में चैन की नींद लेते हैं तो इसमें बीएसएफ की बड़ी भूमिका है। सीमा पर दुश्मन देश के नापाक हरकतों पर 24x7 नजर रखते हुए जवाब देता है। देश की सीमाओं की रक्षा करता है। इस खास दिवस पर बीएसएफ जवानों के शौर्य और बलिदान को याद करते हुए लोग बधाई और शुभकामनाएं दे रहे हैं। झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रविंद्र नाथ महतो ने ट्वीट कर देश की सीमा पर मां भारती सुरक्षा में तैनात जवानों को शुभकामनाएं दी हैं।
सीमा सुरक्षा बल की स्थापना दिवस पर देश की सीमा की सुरक्षा करने वाले माँ भारती के वीर जवानों को शुभकामनाएं।
आपके अद्भुत साहस, शौर्य व पराक्रम पर हम सभी को गर्व हैं। .@BSF_India
— Rabindra Nath Mahato (@Rabindranathji) December 1, 2021
कछ के रण में पाकिस्तानी हमले के बाद बीएसएफ की हुई स्थापना
1965 का साल था और अप्रैल का महीना। एक तो अप्रैल का महीना और दूसरा पाकिस्तान की ओर से होने वाली नापाक हरकत। दोनों ने कुल मिलाकर गुजरात के भुज शहर से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर स्थित कच्छ के रण का तापमान बढ़ा दिया था। 9 अप्रैल, 1965 तड़के 3 बजे सुबह में पाकिस्तान ने कच्छ के रण स्थित भारत की दो चौकियों पर हमला कर दिया। उस समय सीमा की रक्षा की जिम्मेदारी सीआरपीएफ और गुजरात की राज्य पुलिस के हाथों में थी। करीब 15 घंटे चले युद्ध में सीआरपीएफ और गुजरात पुलिस के जवानों ने डटकर दुश्मन के सैनिकों का मुकाबला किया और उनको खदेड़ दिया। पाकिस्तान के 34 सैनिक मारे गए और 4 सैनिक युद्ध बंदी बनाए गए। नुकसान तो भारत का भी हुआ लेकिन बहुत कम। इसके बाद सीमाओं की रक्षा के लिए एक समर्पित सैन्य बल की जरूरत महसूस की गई और 1 दिसंबर को सीमा सुरक्षा बल की स्थापना की गई। के.एफ.रुस्तमजी सीमा सुरक्षा बल के पहले महानिदेशक थे।