ICT Award 2019: झारखंड से बोकारो की निरुपमा और देवघर की श्वेता राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित, राष्ट्रपति के हाथों मिलेगा पुरस्कार

यह पुरस्कार उन शिक्षको को प्रदान किया जाता है जिन्होने स्कूल पाठ्यक्रम और विषय शिक्षण में प्रौद्योगिकी समर्थित शिक्षा को प्रभावी ढंग से और नवीन रूप से एकीकृत करते हुए छात्र-छात्रओं के सीखने मे वृद्धि की है। उनमें चुनिन्दा शिक्षकों का राष्ट्रीय स्तर की ज्यूरी द्वारा चयन किया जाता है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 01 Jul 2021 02:13 PM (IST) Updated:Thu, 01 Jul 2021 10:26 PM (IST)
ICT Award 2019: झारखंड से बोकारो की निरुपमा और देवघर की श्वेता राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित, राष्ट्रपति के हाथों मिलेगा पुरस्कार
आइटीसी अवार्ड-2018 और 2019 की घोषणा ( सांकेतिक फोटो)।

जागरण संवाददाता, देवघर। मानव संसाधान विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2010 से देश भर के स्कूलों में सूचना और संचार प्रोद्योगिकी के उपयोग करते हुए शिक्षा में नवाचारों के लिए आई.सी.टी का उपयोग करने के लिए शिक्षको के लिए राष्ट्रीय आई.सी.टी. अवार्ड प्रदान किया जाता है। आइटीसी अवार्ड-2018 और 19 के विजेता की सूची जारी की गई है। आइटीसी अवार्ड-19 की सूची में झारखंड के दो शिक्षिकाओं का नाम हैं। इनमें देवघर की श्वेता शर्मा और बोकारो की निरुपमा कुमारी शामिल हैं।

आइटीसी अवार्ड उन शिक्षको को प्रदान किया जाता है, जिन्होने स्कूल पाठ्यक्रम और विषय शिक्षण में प्रौद्योगिकी समर्थित शिक्षा को प्रभावी ढंग से और नवीन रूप से एकीकृत करते हुए छात्र-छात्रओं के सीखने मे वृद्धि की है। उनमें चुनिन्दा शिक्षकों का राष्ट्रीय स्तर की ज्यूरी द्वारा चयन किया जाता है। देवघर से विवेकानंद मध्य विद्यालय की शिक्षिका श्वेता शर्मा का चयन किया गया है।

टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर शिक्षा को बनाया सुलभ

राममूर्ति प्रसाद, बोकारो। स्कूली शिक्षा में बड़े पैमाने पर इंफारमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए शिक्षा को सुलभ बनाने वाली रामरुद्र प्लस टू उच्च विद्यालय की शिक्षिका निरुपमा कुमारी को राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है। कोरोना काल में शिक्षा का स्वरुप पूरी तरह से बदल गया है। शिक्षक विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा प्रदान कर रहे हैं। भले ही शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों के लिए यह नया प्रयोग है। लेकिन शिक्षिका निरुपमा ने समय के अनुरुप अपने को पूरी तरह से तैयार कर लिया। जहां एक ओर इन्होंने तकनीकी रूप से अपने कौशल को विकसित किया, वहीं दूसरी ओर विद्यार्थियों को भी तकनीकी का बेहतर उपयोग कर शिक्षा ग्रहण करने का गुर बताया। इनके प्रयास से विद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थी इंफारमेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी की खूबियों को पहचान गए हैं। विद्यार्थी बेहतर तरीके से मोबाइल व लैपटॉप के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। बेहतर प्रदर्शन के आधार पर इन्हें 2020 में राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार भी मिल चुका है।

छोटे समूह में बच्चों को आईसीटी का उपयोग सिखाया

शिक्षिका अनुपमा कुमारी विद्यार्थियों को हिंदी विषय पढ़ाती हैं। तकनीकी के क्षेत्र में अपने कौशल को अद्यतन करने के लिए 46 सर्टिफिकेट कोर्स किया। डीजी साथ कार्यक्रम में सहयोग बढ़ाने के लिए विद्यालय के पूर्व छात्रों के साथ हिंदी विषय से संबंधित वीडियो तैयार किया। शिक्षकों के लिए भी विषयवार वीडियो की श्रृंखला तैयार की। इन्होंने विद्यालय में अध्ययनरत बच्चों का छोटा समूह तैयार किया और इन्हें आईसीटी का उपयोग सिखाया। यूट्यूब चैनल से ऑनलाइन कंटेंट बना कर बच्चों की पढ़ाई सुनिश्चित की। डीजी साथ एप पर इनके तैयार कुछ कंटेंट भी उपलोड किए गए हैं और कुछ रिव्यू में हैं। इन्होंने विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन प्रोजेक्ट वर्क, सांस्कृतिक गतिविधि एवं विविध प्रतियोगिता का भी आयोजन किया।

प्रश्न निर्माण में सह संयोजक के रूप में किया काम

राज्य सरकार के लार्नेटिक एप के प्रश्न निर्माण में निरुपमा कुमारी में हिंदी विषय में सह संयोजक के रूप में काम किया। डीजी साथ कार्यक्रम में राज्य स्तर पर कंटेंट तैयार करने में सहयोग किया। शिक्षकों को ऑनलाइन कार्य के लिए प्रशिक्षित किया। ऑनलाइन काव्य गोष्ठी व परिचर्चा का आयोजन किया। कोविड 19 के पहले चरण से ही अपने विद्यालय में शिक्षकों के सहयोग से ऑनलाइन शिक्षण की शुरुआत की। हिंदी दिवस पर विद्यार्थियों एवं शिक्षकों की सहायता से ई पत्रिका का निर्माण किया। जिले में पदाधिकारियों से मिल कर ई कंटेंट निर्माण की योजना बना कर शिक्षकों का समूह तैयार किया। 2020 से टीम के सदस्य के रूप में काम कर रही हैं।

रेडियो पर पुस्तकों का किया गया प्रसारण

निरुपमा कुमारी ने कहानी की कहानी एवं संस्मरण की कहानी पुस्तक लिखीं हैं। विद्यार्थियों के लिए इसका प्रसारण रेडियो पर किया गया। वह विद्यालय पुस्तकालय के लिए क्यूआर कोड का निर्माण कर रही हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय के पुस्तकालय की व्यवस्था को पूर्णत: डिजिटल बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है। एलइडी स्क्रीन के माध्यम से बच्चों को ऑनलाइन पुस्तकें उपलब्ध करायी जाएंगी। अपने वेबसाइड एवं यूट्यूब चैनल पर कक्षा नौवीं से बारहवीं तक के सभी कंटेंट व आंकलन उपलब्ध कराया जाएगा। विद्यार्थियों व शिक्षकों को आइसीटी के उपयोग को लेकर प्रोत्साहित किया जाएगा। कहा कि पहली बार राज्य की दो शिक्षिकाओं को यह पुरस्कार मिला है। शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की ओर से चयन प्रक्रिया के तहत शिक्षकों को राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार के लिए चयनित किया गया। आठ फरवरी 2021 को राष्ट्रीय स्तर पर आईसीटी से संबंधित प्रस्तुति दी। जिसे मंत्रालय की ओर से सराहा गया। कहा कि आईसीटी विभाग के विश्वजीत महतो एवं चंद्र किशोर सिंह के अलावा विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं एवं विद्यार्थियों के सहयोग से यह संभव हो सका है। आगे भी तकनीकी का प्रयोग कर विद्यालय सहित क्षेत्र में शिक्षा का बेहतर माहौल तैयार किया जाएगा।

श्वेता का ई-कंटेंट कर गया काम

आरसी सिन्हा, देवघर। देवघर की अंग्रेजी भाषा की शिक्षिका श्वेता शर्मा का चयन आइसीटी (नेशनल इंफारमेशन एंड कंयूनिकेशन टेक्नोलाजी) अवार्ड के लिए किया गया है। यह अवार्ड महामहिम राष्ट्रपति के हाथों दिया जाता है। पहली बार इस अवार्ड में झारखंड ने खाता खोला है। दोनों की अवार्ड नारी शक्ति के नाम गया है। विवेकानंद माध्यमिक स्कूल की अंग्रेजी शिक्षिका देवघर से श्वेता शर्मा और हिंदी शिक्षिका में बोकारो से निरूपमा को मिला है। श्वेता ने बच्चों के लिए जो ई कंटेंट तैयार किया वह कामिक्स और एनिमेशन पर आधारित है। पहली बार हुए इस प्रयोग की सराहना झारखंड में हुई इसके बाद इसे दीक्षा एप पर डाला गया। संप्रति डीजी साथ प्लेटफार्म पर श्वेता का अंग्रेजी विषय पर तैयार पाठयक्रम ही चलता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वन नेशन वन प्लेटफार्म के तहत दीक्षा एप को लांच किया था।

मिला चयन पत्र

श्वेता शर्मा ने बताया कि उनको एनसीईआरटी से चयन का पत्र आ गया है। 2019-20 के लिए चयन किया गया है। जिला शिक्षा अधीक्षक वीणा कुमारी ने आइसीटी अवार्ड में देवघर का नाम रोशन करने के लिए शिक्षिका श्वेता की प्रशंसा की। क्या है आइसीटी अवार्ड मानव संसाधान विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा वर्ष 2010 से देश भर के स्कूलों में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग करते हुए शिक्षा में नवाचारों के लिए आईसीटी का उपयोग करने के लिए शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय आइसीटी अवार्ड दिया जाता है। यह पुरस्कार उन शिक्षकों को मिलता है जिन्होंने स्कूल पाठ्यक्रम और विषय शिक्षण में प्रौद्योगिकी समर्थित शिक्षा को प्रभावी ढंग से और नवीन रूप से एकीकृत करते हुए छात्र-छात्राओं के सीखने में प्रयोग किया है। शिक्षकों का राष्ट्रीय स्तर की ज्यूरी इस अवार्ड के लिए चयन करती है। यह अवार्ड पूरे देश के सभी 28 राज्य 7 केंद्र शासित प्रदेश सहित एटॉमिक स्कूल तथा रक्षा मंत्रालय संचालित स्कूल के शिक्षकों को दिया जाता है।ऑनलाइन स्व नामांकन के बाद केंद्रीय शैक्षिक तकनीकी संस्थान नई दिल्ली द्वारा देशभर के नामित 200 अध्यापकों ने वर्ष 2018 एवं 2019 में किए गए कार्यों के लिए पांच से 11 फरवरी के बीच वर्चुअल मोड पर राष्ट्रीय ज्यूरी के समक्ष अपना प्रस्तुतीकरण दिया था।

इस पुरस्कार के लिए 24 शिक्षकों का चयन

2019 में राष्ट्रीय स्तर पर 24 शिक्षकों का चयन किया गया है उसमें राज्य से दो शिक्षक का चयन हुआ है। प्रोफाइल श्वेता शर्मा (सहायक शिक्षिका) योग्यता (बीएससी बीएड) (वर्तमान में इग्नू से एमए अंग्रेजी में अध्ययनरत)पिछले 15 वर्षों से सरकारी शिक्षिका के रूप में कार्यरत। प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया दीक्षा पोर्टल पर राज्य स्रोत समूह सदस्य के रूप में आकर्षक ई-कंटेंट तैयार करना, स्कूली बच्चों को दशम वर्ग तक डीजी इंग्लिश हब नामक ग्रुप में निःशुल्क पढ़ाना एवं उन्हें नवीन तकनीक से अवगत कराना ताकि वह एक एंड्राइड को ज्ञानार्जन के लिए सटीक तरीके से प्रयोग कर पाएवर्ष 2017 में जिला स्तरीय श्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार एवं 2018 में राज्य स्तर पर सर्वश्रेष्ठ शिक्षक से सम्मानित। राज्यस्तरीय सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी समूह (एसआरजी) एवं दीक्षा पोर्टल पर कंटेंट क्रिएटर और एनिमेटर के रूप में शामिल। अभी तक दीक्षा एप के लिए 50 से अधिक एवं डिजी साथ के लिए 75 से अधिक ई-कंटेंट का निर्माण की हैं।जिले के डीआरजी के रूप में शैक्षिक संवाद में निष्ठा कार्यक्रम में एसआरपी के रूप में विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में योगदान किया है।

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