Bokaro Airport: झारखंड में राजधानी रांची के बाद अब बोकारो से उड़ेंगे घेरलू विमान, स्टील कारोबारियों का बीएसएल तक सफर होगा आसान

पीएम मोदी का सपना है कि देश में हवाई सेवा सुलभ हो। इसी परिप्रेक्ष्य में रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत सेल के 40 साल पुराने बोकारो हवाई अड्डे को व्यावसायिक उड़ान के लिए तैयार किया जा रहा है।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 09 Sep 2021 08:50 AM (IST) Updated:Thu, 09 Sep 2021 08:50 AM (IST)
Bokaro Airport: झारखंड में राजधानी रांची के बाद अब बोकारो से उड़ेंगे घेरलू विमान, स्टील कारोबारियों का बीएसएल तक सफर होगा आसान
झारखंड का बोकारो हवाईअड्डा ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, बोकारो। झारखंड में अभी तक राजधानी रांची से ही हवाई सेवा है। रांची से घरेलू विमान उड़ान भरते हैं। अब जल्द ही बोकारो से भी विमान उड़ान भरेंगे। इसकी तैयारी अंतिम चरण में है। सब ठीक रहा तो दो माह में यानि नवंबर तक यहां से अन्य शहरों के लिए उड़ान का सपना साकार हो जाएगा। सिविल वर्क का काम  ही स्थानों पर अंतिम चरण में है। अप्रोच रोड, लाइसेंस और दूसरी औपचारिकताएं पूरी करने की कवायद चल रही है। उड़ान शुरू होने से राज्य के पास दो व्यवसायिक उड़ान वाले एयरपोर्ट हो जाएंगे, रांची में पहले से ही हवाई अड्डा संचालित है। बोकारो में सेल की महत्वपूर्ण इकाई बोकारो स्टील प्लांट है। यहां देश-विदेश के स्टील कारोबारियों का आना होता है। हवाई सेवा शुरू होने के बाद स्टील कारोबारियों को बोकारो का सफर आसान हो जाएगा।

बोकारो में एयरपोर्ट से शुरू होगी व्यावसायिक उड़ान

दरअसल पीएम मोदी का सपना है कि देश में हवाई सेवा सुलभ हो। इसी परिप्रेक्ष्य में रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत सेल के 40 साल पुराने बोकारो हवाई अड्डे को व्यावसायिक उड़ान के लिए तैयार किया जा रहा है। यूं तो बोकारो हवाई अड्डा नवंबर 2019 में ही प्रारंभ होना था। मगर एजेंसियों में समन्वय की कमी से इस साल नवंबर तक यह पूरा हो सकता है। बशर्ते इस काम में लगी एजेंसियां एकजुट होकर कमर कस लें। यहां पैसेंजर लाबी व रनवे बन चुका है। एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर लग गया है व चारदीवारी बन गई है। मगर, हवाई अड्डे को लाइसेंस अभी नहीं मिला है। न इसके बाहर का अतिक्रमण हटा है। एयरपोर्ट के बाहर मांस की दुकानें लगती हैं, जहां उड़ते परिंदे विमानों के लिए खतरा हो सकते हैं। लाइसेंस के लिए आवेदन जमा करने की प्रक्रिया हो रही है। 15 सितंबर तक बोकारो स्टील प्रबंधन आवेदन दे देगा। इसके बाद एयरपोर्ट अथारिटी को हवाई सेवा चालू करनी है।

ये काम होना है अभी

एयरपोर्ट अथारिटी को फायर स्टेशन व एप्रोच रोड बनानी है। लाइट का काम भी बाकी है। 72 सीट वाली हवाई सेवा के लिए संचालक से एमओयू भी अभी होना है। एयरपोर्ट के लिए कॢमयों की नियुक्ति होनी है। हवाई अड्डा का संचालन पांच वर्ष बाद सेल को ही करना है। इसलिए अधिकारियों व कॢमयों की टीम बनाकर उसे प्रशिक्षण दिलाना होगा। जिला प्रशासन को अतिक्रमण हटवाना है। सुरक्षा के लिए प्रशिक्षित जवानों को प्रतिनियुक्त करना।

आद्योगिक इकाइयों की लंबे समय से मांग

शुरुआती दौर में यहां से कोलकाता व पटना के लिए सेवा मिलेगी। जो यात्रियों की संख्या देख विस्तारित होती जाएगी। स्टील सिटी में बोकारो स्टील समेत हिंदुस्तान स्टीलवर्क कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (एचएससीएल), इंडियन आयल, ओएनजीसी, भारत पेट्रोलियम, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम, कोल इंडिया की सहयोगी कंपनी के साथ वेदांता इलेक्ट्रोस्टील, डालमिया भारत व अन्य बड़ी औद्योगिक इकाइयां हैं। इसलिए यहां हवाई सेवा की मांग अरसे से हो रही थी।

15 सितंबर तक बोकारो स्टील यहां से व्यावसायिक उड़ान के लाइसेंस के लिए डीजीसीए के यहां आवेदन दे देगा। उसके बाद आगे का काम एयरपोर्ट अथारिटी को करना है।

-मणिकांत धान, प्रमुख, संचार, बोकारो इस्पात संयंत्र।

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