Dhanbad Union Politics: बीएमएस ने तय की पदाधिकारी बनने की उम्र सीमा, कोयलांचल के यूनियन पर भी दिखेगा असर
भारतीय मजदूर संघ ने केंद्र से लेकर जिला स्तर की समितियों में पदाधिकारी बनने की उम्र सीमा तय कर दी है । अब इसमें कई बदलाव देखने को मिलेंगे। धनबाद कोलियरीी कर्मचारी संघ का 12 अगस्त को अधिवेशन होना है
जागरण संवाददाता, धनबाद: भारतीय मजदूर संघ ने केंद्र से लेकर जिला स्तर की समितियों में पदाधिकारी बनने की उम्र सीमा तय कर दी है । अब इसमें कई बदलाव देखने को मिलेंगे। धनबाद कोलियरीी कर्मचारी संघ का 12 अगस्त को अधिवेशन होना है वहीं अगले साल 2022 में अखिल भारतीय कोयला खदान मजदूर संघ का तालचेर में महा अधिवेशन है। इसकी तैयारी शुरू हो गई है।
संगठनात्मक ढांचा में कई तरह के बदलाव करने के संकेत दिए है। जिला स्तारीय कमेटी में युवाओं को तरजीह दी जाएगी तो उससे अधिक उम्र दराज वाले अनुभवी कार्यकर्ताओं को प्रदेश व इससे संबध्द महासंघ में पदाधिकारी बनने का मौका मिलेगा। दिसंबर में हैदराबाद में हुई केंद्रीय पदाधिकारी बैठक के निर्णय के बाद संगठन में हलचल बढ़ गई है। समिति के निर्णय के आलोक में जानकारी जैसे ही जिला से लेकर प्रदेश स्तरीय कमेटी को हुई तो कई पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं के पीसने छूटने लगे है।
संघ के केंद्रीय महामंत्री विनय कुमार सिन्हा ने 6 जनवरी को 12 बिंदुओं से संबंधित गाइड लाइन पत्र जारी कर इसका अनुपालन करने के लिए कहा है । साथ ही प्रदेश स्तरीय कमेटी को अधिवेशन की तिथि तय कर मांगा गया। उन्होंन कहा कि संगठन के लेखा जोखा के लिए कोषाध्यक्ष के साथ इंटरनल ऑडिटर भी नियुक्त करना अनिवार्य होगा।
बड़े प्रदेशों में अधिक तो छोटे प्रदेश के लिए तय की पदाधिकारी का पद :
परामर्शदात्री समिति में अध्यक्ष, कार्याध्यक्ष , महामंत्री, उप महामंत्री, संगठन मंत्री, कोषाध्यक्ष एवं उस क्षेत्र में रहने वाले केंद्रीय पदाधिकारी रहेंगे। बड़े प्रदेश के लिए 16 तो छोड़ प्रदेश के लिए 11 पदाधिकारी ही होंगे। इसको प्रमुखता से पालन करने के लिए कहा गया है।
जिला से लेकर केंद्रीय पदाधिकारी के लिए आयु सीमा तय :
भारतीय मजदूर संघ ने जिला स्तरीय पदाधिकारी के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष, महासंघ पदाधिकारी के लिए 60 से 65 वर्ष अधिकतम आयु रखा गया है। साथ ही फरवरी मार्च में श्रम संहिता को लेकर सम्मेलन व कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। भारतीय मजदूर संघ की आपत्तियों से अपने सदस्यों को अवगत कराएगी।
संगठन के नई रचना पर करें विचार :
महामंत्री ने नई रचना को लेकर विचार करने की बात कही है। साथ ही स्पष्ट रूप से कहा कि अध्यक्ष को सक्षम होने की जरूरत है ताकि असंगठित क्षेत्र में संगठन का काम बढ़ा सके।