जन्मभूमि झरिया आकर भाव विभोर हुए कांके विधायक समरी लाल, कांग्रेस के दलित व महादलित प्रेम को बताया दिखावा Dhanbad News

कांके के भाजपा विधायक समरी लाल ने हेमंत सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस-झामुमो की सरकार ने झारखंड राज्य में रहनेवाले वाल्मीकि समाज को संरक्षित नहीं किया। बाल्मीकि समाज के लाखों लोग आज भी उपेक्षित हैं।

By Sagar SinghEdited By: Publish:Sat, 31 Oct 2020 04:33 PM (IST) Updated:Sat, 31 Oct 2020 04:33 PM (IST)
जन्मभूमि झरिया आकर भाव विभोर हुए कांके विधायक समरी लाल, कांग्रेस के दलित व महादलित प्रेम को बताया दिखावा Dhanbad News
कांके से भाजपा विधायक समरी लाल का स्वागत करते भाजपा कार्यकर्ता।

झरिया, जेएनएन। कांग्रेस-झामुमो की सरकार ने झारखंड राज्य में रहनेवाले वाल्मीकि समाज को संरक्षित नहीं किया। बाल्मीकि समाज के लाखों लोग आज भी उपेक्षित हैं। उक्त बातें कांके के भाजपा विधायक समरी लाल ने शनिवार को वाल्मीकि समाज झरिया की ओर से वाल्मिकी जयंती पर कोयरीबांध में आयोजित एक कार्यक्रम में कही। विधायक ने कहा कि बिहार में दलित और महादलित गठबंधन की तरह झारखंड में भी इसकी पहल सभी को की जानी चाहिए। समरी लाल ने कहा कि महर्षि बाल्मीकि हमारे इष्ट देव हैं। उनके बताए मार्ग पर ही समाज के लोग चल रहे हैं।

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए विधायक ने कहा कि दलित और महादलित का कांग्रेस प्रेम दिखावा है। अगर ऐसा होता तो कांके से मेरी जीत के बाद कांग्रेस की ओर से दलित के बेटा समरी लाल पर हाईकोर्ट में जाति को लेकर मामला दर्ज नहीं किया जाता। इसके पूर्व बाटा मोड़ में विधायक का भाजपा के लोगों ने भव्य स्वागत किया। मौके पर महेंद्र भगानिया, हरीश जोशी, विष्णु त्रिपाठी, राजकुमार अग्रवाल, अरिंदम बनर्जी, संजय अग्रवाल, सुदर्शन बरनवाल, रवि झाम व बाल्मीकि समाज के दर्जनों लोग थे।

जन्मभूमि झरिया आकर भाव विभोर हुए समरी लाल : शनिवार को झरिया अपनी जन्मभूमि आकर व यहां अपने समाज के लोगों से मिलकर कर विधायक समरी लाल भाव विभोर हो गए। विधायक ने कहा की मेरा जन्म बस्ताकोला में हुआ। तीन-चार साल तक पिता मिश्री लाल बाल्मीकि और माता रुक्मणी देवी व परिवार के साथ बस्ताकोला झरिया की कॉलोनी में रहे। कोयरीबांध के बाल्मीकि समाज के लोगों से घरेलू संबंध हैं। इसीलिए यहां के बाल्मीकि जयंती कार्यक्रम में आमंत्रण पर खुद को रोक नहीं सके। कहा कि निजी कोयला कंपनी रामदास वर्मा की डिस्पेंसरी में पिता मिश्रीलाल सफाई कर्मी थे। बस्ताकोला गौशाला के पास गुरुकुल में कुछ साल प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। 1962 में झरिया से पिता रिम्स रांची में कार्य के लिए आ गए। इसके बाद से रांची में ही परिवार के साथ हैं।

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