Vaccination Politics: निरसा पॉलीटेक्निक टीकाकरण केंद्र पर सहायता शिविर को लेकर आपत्ति, भाजपा ने किया बंद

ग्रामीण जिला अध्यक्ष ज्ञानरंजन सिन्हा के मुताबिक उन्होंने यह समझाने का प्रयास किया कि शिविर बुजुर्गों की सहायता के लिए लगाया गया है ताकि उन्हें धूप में झुलसना ना पड़े और वह बैठ कर आराम से टीका ले सकें। इंतजार कर सके। लेकिन प्रबंधन ने उनकी बात नहीं मानी।

By MritunjayEdited By: Publish:Fri, 16 Apr 2021 01:17 PM (IST) Updated:Fri, 16 Apr 2021 01:17 PM (IST)
Vaccination Politics: निरसा पॉलीटेक्निक टीकाकरण केंद्र पर सहायता शिविर को लेकर आपत्ति, भाजपा ने किया बंद
टीका के इंतजार में धनबाद सदर अस्पताल में बैठे लाभुक ( फोटो जागरण)।।

धनबाद, जेएनएन। कोविड-19 टीकाकरण के शुरुआती दौर में लोगों ने अरुचि दिखाई थी। शुरुआत बुजुर्गों के टीकाकरण से किया गया था। इस दौरान बुजुर्गों को सुविधा देने और उनमें जागरूकता लाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने सभी टीकाकरण केंद्रों पर अपना शिविर लगवाया। उद्देश्य था की चिलचिलाती धूप में उन्हें बिस्किट, पानी दिया जाए। बैठने की व्यवस्था की जाए और कुछ अन्य परेशानी हो तो वह भी दूर किया जाए। धनबाद में शहरी और ग्रामीण दोनों ही समितियों ने यह काम शुरू किया। हालांकि कई जगह आपत्ति जताई गई। विशेषकर निरसा पॉलिटेक्निक स्थित टीकाकरण केंद्र में अस्पताल प्रबंधन ने भाजपा का टेंट लगाने और झंडा-बैनर लगाने पर आपत्ति दर्ज कराई।

उद्देश्य परेशानी की दूर करना था

ग्रामीण जिला अध्यक्ष ज्ञानरंजन सिन्हा के मुताबिक उन्होंने यह समझाने का प्रयास किया कि शिविर बुजुर्गों की सहायता के लिए लगाया गया है ताकि उन्हें धूप में झुलसना ना पड़े और वह बैठ कर आराम से टीका ले सकें। इंतजार कर सके। लेकिन प्रबंधन ने उनकी बात नहीं मानी। आखिरकार टीकाकरण में गतिरोध ना हो इसलिए भाजपा ने अपना शिविर हटा लिया। इस बीच कई और जगह भी भाजपा के झंडा-बैनर से परेशानी जताई गई। लिहाजा ग्रामीण कमेटी ने शिविर समाप्त करने का निर्णय लिया है।

भाजपा ने प्रशासन पर छोड़ा

जिला अध्यक्ष ज्ञान रंजन सिन्हा के मुताबिक अब जबकि कोरोना की दूसरी लहर आई है तो टीकाकरण के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है। दूसरी तरफ कई जगहों पर कोरोना की जांच भी की जा रही है और संक्रमण का खतरा भी उत्पन्न हो गया है। इसलिए हमने तय किया है कि इसे प्रशासन पर ही छोड़ दिया जाए और कार्यकर्ताओं के लिए शिविर अनिवार्य न रखकर कर ऐच्छिक कर दिया है। जरूरत पड़ने पर वे चाहें तो जरूरतमंद की सहायता कर भी सकते हैं अन्यथा पार्टी की ओर से कोई आग्रह नहीं किया जाएगा।

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