बक्शी के निधन को राजनीतिक और श्रमिक संगठनों ने बताया बड़ी क्षति Dhanbad News
बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के अध्यक्ष सेंट्रल इंडियन आफॅ ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय नेता तथा सीपीएम के मजबूत स्तंभ एसके बक्शी के आकस्मिक निधन को वामपंथी दलों के अलावा अन्य राजनीतिक दलों एवं श्रमिक संगठनों ने बड़ी आपूर्ति बताया है।
धनबाद, जेएनएन : बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के अध्यक्ष, सेंट्रल इंडियन आफॅ ट्रेड यूनियन के राष्ट्रीय नेता तथा सीपीएम के मजबूत स्तंभ एसके बक्शी के आकस्मिक निधन को वामपंथी दलों के अलावा अन्य राजनीतिक दलों एवं श्रमिक संगठनों ने बड़ी आपूर्ति बताया है। झामुमो और कोलियरी श्रमिक संघ ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया और अपनी श्रद्धांजिल अर्पित की है।
कोलियरी श्रमिक संघ के केंद्रीय कार्यकारी अध्यक्ष और झामुमो के उपाध्यक्ष मुकेश कुमार सिंह ने एसके बक्शी को दिग्गज मजदूर नेता करार देते हुए कहा कि कोयलांचल के मजदूरों और जनता की समस्या पर ईमानदारी से लड़ने का काम बक्शी ने किया है। बक्शी मजदूर आंदोलन, वामपंथी आंदोलन के अग्रणी नेताओं में से एक थे। उनके आकस्मिक निधन से संपूर्ण कोयलांचल मर्माहत है। उन्होंने ने बताया कि बख्शी ने राज स्कूल से एक शिक्षक के रूप में अपना कार्य प्रारंभ किया था और अपनी कर्मभूमि झरिया कोलफिल्ड को बनाया। कोयलांचल ने मजदूर आंदोलन के एक पुरोधा को खोया है। कोयलांचल में खान मालिकों एवं मजदूर विरोधी तत्कालीन माफियाओं के खिलाफ आंदोलन बक्शी की ही देन है । कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण के बाद मजदूरों के रहन-सहन जीवन यापन एवं विकास में बदलाव तथा माफिया संस्कृति का अंत हुआ। आज फिर से एके राय, एस के बक्सी, बिनोद बिहारी महतो, गुरुदास चटर्जी, दिशोम गुरु शिबू सोरेन जैसे महान नेताओं के मजदूर आंदोलन की आवश्यकता है।
इधर झामुमो महानगर कमेटी के पूर्व अध्यक्ष देबू महतो ने भी एसके बक्शी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि कोयला मजदूरों के प्रति किए गए उनके कार्यों को कोयलांचलवासी सदा याद रखेंगे। कई बड़े आंदोलन किए और मजदूरों हितों के लिए कई योजनाओं को लागू कराया। कोयलांचल ने अपना एक हीरा फिर खो दिया है।