भारत बंद राजनीति से प्रेरित, लोगों ने नकारा : रामधारी
जासं झरिया किसान आंदोलन के समर्थन में किसान संगठनों वामपंथी पार्टियों यूनियनों और गैर
जासं, झरिया : किसान आंदोलन के समर्थन में किसान संगठनों, वामपंथी पार्टियों, यूनियनों और गैर भाजपाई दलों की ओर से 27 सितंबर के भारत बंद का भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ ने विरोध किया है। बंद से अलग रहते हुए धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के महामंत्री रामधारी ने इसे राजनीति से प्रेरित बताया है। कहा कि कुछ किसान संगठनों व राजनीतिक दलों की ओर से बुलाए गए बंद का कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। लोगों ने इसे नकार दिया। बंद के समर्थन में कुछ श्रमिक संगठनों की ओर से समर्थन दिए जाने को औचित्यहीन बताया है। कहा कि धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ के पदाधिकारी और सदस्यों के अलावा कोल कर्मी भी इस आंदोलन से पूरी तरह से अलग रहे। इनलोगों का देश के किसानों और मजदूरों की समस्याओं से कोई लेना देना नही है। भारतीय मजदूर संघ व धनबाद कोलियरी कर्मचारी संघ ने इस राजनैतिक आंदोलन से स्वयं को अलग रखा।
कोलियरियों में बंद का नहीं रहा असर
भारत बंद के दौरान सोमवार को झरिया के कोलियरियों आउटसोर्सिंग परियोजनाओं में असर नहीं दिखा। आम दिनों की तरह कोल कर्मी काम पर आए। अधिकतर आउटसोर्सिंग परियोजनाओं में मजदूर काम करते देखे गए। कोयला उत्पादन भी जारी रहा। कोलियरी प्रबंधन का कहना है कि भारत बंद का कोयला उत्पादन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। आम दिनों की तरह काम चलता रहा।
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बंद समर्थकों के आगे थाना प्रभारी की नहीं चली
संस, तिसरा : भारत बंद के समर्थन में सोमवार को कुइयां मोड़ के पास झामुमो व कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने झरिया-बलियापुर मुख्य मार्ग को घंटों जाम कर दिया। तिसरा थाना के प्रशिक्षु थानेदार कुंदन वर्मा ने आंदोलन वापस लेने को कहा। इसका बंद समर्थकों ने तीव्र विरोध किया। मौके पर युद्धेश्वर सिंह, राधेश्याम बाल्मीकि, प्रभास सिंह, रविद्र सिंह, अशोक सिंह, हराधन महतो, निर्मल रजवार, उमाशंकर चौहान, माणिक बाउरी, माणिक कालिदी आदि थे।