वित्तीय वर्ष के पहले ही माह लड़खड़ाने लगी बीसीसीएल

पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में कंपनी ने एक पर एक कई कीर्तिमान अपने नाम कर लिया था। विशेषकर एक दिन में डिस्पैच के कई कीर्तिमान ध्वस्त कर दिए। आखिरी दिन तो उत्पादन का भी रिकार्ड बना डाला। इससे यह तो साबित हुआ कि अधिकारी-कर्मचारी चाहें तो संसाधन और इच्छाशक्ति की उनमें कमी नहीं।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 22 Apr 2021 02:58 AM (IST) Updated:Thu, 22 Apr 2021 02:58 AM (IST)
वित्तीय वर्ष के पहले ही माह लड़खड़ाने लगी बीसीसीएल
वित्तीय वर्ष के पहले ही माह लड़खड़ाने लगी बीसीसीएल

जागरण संवाददाता, धनबाद : पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में कंपनी ने एक पर एक कई कीर्तिमान अपने नाम कर लिया था। विशेषकर एक दिन में डिस्पैच के कई कीर्तिमान ध्वस्त कर दिए। आखिरी दिन तो उत्पादन का भी रिकार्ड बना डाला। इससे यह तो साबित हुआ कि अधिकारी-कर्मचारी चाहें तो संसाधन और इच्छाशक्ति की उनमें कमी नहीं। तमाम विपरीत परिस्थिति में भी कंपनी बेहतर कर सकती है। लेकिन नये वित्तीय वर्ष की शुरुआत में ही सारा जोश खत्म सा हो गया लगता है। कोरोना की दूसरी लहर भी आ गई है। परिणाम यह है कि 31 मार्च को रिकॉर्ड 132.6 हजार टन प्रतिदिन कोयला उत्पादन करने वाली कंपनी एक बार फिर से 68.6 हजार टन कोयला उत्पादन ही कर पा रही है। कंपनी को प्रतिदिन 80.7 हजार टन उत्पादन का लक्ष्य मिला हुआ है। मौजूदा वित्तीय वर्ष में 35 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। इस महीने उसे 2.420 मिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य दिया गया है। अभी तक मात्र 1.272 मिलियन टन का उत्पादन ही हो सका है। डिस्पैच भी लुढ़का : डिस्पैच की स्थिति भी ठीक नहीं। 31 मार्च को जहां कंपनी ने 159.6 हजार टन कोयला डिस्पैच का लक्ष्य बनाया था वहीं इस माह दैनिक लक्ष्य 91.9 हजार टन की जगह मंगलवार को मात्र 79.9 हजार टन ही डिस्पैच हुआ। मार्च महीने में 2.793 मिलियन टन डिस्पैच के मुकाबले इस महीने कंपनी को 2.757 मिलियन टन का लक्ष्य मिला है। अब तक 1.662 मिलियन टन कोयला का डिस्पैच किया जा सका है।

ओबी हटाना अब प्राथमिकता में नहीं : पिछले वर्ष कोरोना को देखते हुए कंपनी ने निर्धारित किया था कि कोयला का ढेर लगाने के कोई लाभ नहीं। लिहाजा ओबी हटाकर नया पैच तैयार करने पर जोर दिया जाए। स्थिति जैसे ही दुरुस्त हो मांग के अनुसार एकबारगी कोयला उत्पादन बढ़ाकर स्थिति में सुधार कर ली जाए। हालांकि दूसरी लहर ने सब चौपट कर दिया। एक बार फिर उद्योग अनिश्चितता में है। संभवत: इसलिए ओबी हटाने पर अभी जोर नहीं दिया जा रहा। 31 मार्च से तुलना करें तो वित्तीय वर्ष 2020-21 के आखिरी दिन कंपनी ने 258.8 हजार क्यूबिक मीटर ओवर बर्डन का उत्पादन किया था। मार्च महीने में कुल 9.242 मिलियन क्यूबिक मीटर ओबी हटाया गया। पिछले वित्तीय वर्ष में 140 मिलियन क्यूबिक मीटर की जगह 103.761 मिलियन क्यूबिक मीटर ओबी का उत्पादन किया गया। वहीं इस महीने स्थिति बिल्कुल उलट है। मंगलवार को दैनिक 327.6 हजार क्यूबिक मीटर लक्ष्य के विपरीत मात्र 293.8 हजार क्यूबिक मीटर उत्पादन हुआ। वहीं इस महीने के 9.829 मिलियन क्यूबिक मीटर के विपरीत अभी तक 6.264 मिलियन क्यूबिक मीटर ओबी निकाला जा सका है।

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