कुजामा आउटसोर्सिंग से बीसीसीएल प्रबंधन सात साल में 68 लाख टन कोयला निकालने की कर रहा तैयारी

बीसीसीएललोदना क्षेत्र की कुजामा आउटसोर्सिंग परियोजना से सात वर्षों में 68 लाख टन कोयला निकाला जाएगा। कार्य के लिए कुजामा कोलियरी प्रबंधन जोर-शोर से जुटा है। लोदना क्षेत्र की कुजामा महत्वाकांक्षी आउटसोर्सिंग परियोजना से बीसीसीएल को 1100 करोड़ का फायदा होने की उम्मीद है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 01:59 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 01:59 PM (IST)
कुजामा आउटसोर्सिंग से बीसीसीएल प्रबंधन सात साल में 68 लाख टन कोयला निकालने की कर रहा तैयारी
परियोजना से बीसीसीएल को 1100 करोड़ का फायदा होने की उम्मीद है। (जागरण)

जासं, झरिया-तिसरा: बीसीसीएललोदना क्षेत्र की कुजामा आउटसोर्सिंग परियोजना से सात वर्षों में 68 लाख टन कोयला निकाला जाएगा। कार्य  के लिए कुजामा कोलियरी प्रबंधन जोर-शोर से जुटा है। लोदना क्षेत्र की कुजामा महत्वाकांक्षी आउटसोर्सिंग परियोजना से बीसीसीएल को 1100 करोड़ का फायदा होने की उम्मीद है। इसीलिए प्रबंधन इस परियोजना को चालू करने के लिए इन दिनों पूरी ताकत लगा दी है। वहीं असंगठित मजदूर और ग्रामीण भी प्रबंधन के निर्णय का तीव्र विरोध कर रहे हैं।

प्रबंधन सूत्रों का कहना है कि सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो अगले महीना से परियोजना को शुरू कर दिया जाएगा। प्रबंधन को यहां से लगभग 68 लाख टन कोयला निकलने की उम्मीद है। जबकि 3.50 क्यूबिक मीटर ओबी भी निकाला जाएगा। साढ़े छह सौ मीटर के दायरे में पहले परियोजना शुरु की जाएगी। इसका कार्य काल सात साल का होगा। परियोजना से यहां की साइडिंग के अलावा कुजामा कोलियरी कार्यालय और आसपास की हजारों आबादी भी प्रभावित होकर उजड़ जाएगी।

बिहार कोलियरी कामगार यूनियन आउटसोर्सिंग खोलने का कर रहा है विरोध

बिहार कोलियरी कामगार यूनियन के नेतृत्व में साइडिंग के मजदूर और स्थानीय ग्रामीण आउटसोर्सिंग खोलने का तीव्र विरोध कर रहे हैं। मजदूरों का आंदोलन लगातार जारी है। 31 जुलाई को निरसा के पूर्व विधायक बीसीकेयू के महामंत्री और जेबीसीसीआई के सदस्य अरूप चटर्जी की यहां सभा होगी। कोलियरी प्रबंधन के खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी। सभा को सफल बनाने के लिए मजदूर और ग्रामीण जुटे हुए हैं।

परियोजना के चलने से झरिया बलियापुर सड़क होगी प्रभावित 

कुजामा आउटसोर्सिंग के चालू होने के बाद पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाली झरिया-बलियापुर सड़क भी प्रभावित होगी। इस सड़क के पास ही कुजामा आउटसोर्सिंग का संचालन किया जाएगा। इस सड़क से हर दिन हजारों लोग आते- जाते हैं। यात्री और निजी वाहन भी चलते हैं। यह क्षेत्र अग्नि और भू धंसान प्रभावित है। कई बार यहां के घरों और सड़क में जमीन धंसने से दरार आ चुकी है। फिर भी लोग जान हथेली पर रखकर रह रहे हैं।

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