BCCL News: कोरोना काल में बीसीसीएल को हुआ 1202.48 करोड़ का शुद्ध नुकसान

भारत कोकिंग कोल लिमिटेड वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1202.48 करोड़ के घाटे में रही है। जबकि इससे पहले वित्तीय वर्ष 2019-20 में यह सभी टैक्स चुकाने के बाद 918.68 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे में थी। कंपनी ने ये आंकड़े मंगलवार को जारी किए।

By Atul SinghEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 02:31 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 02:31 PM (IST)
BCCL News: कोरोना काल में बीसीसीएल को हुआ 1202.48 करोड़ का शुद्ध नुकसान
भारत कोकिंग कोल लिमिटेड वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1202.48 करोड़ के घाटे में रही है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन: भारत कोकिंग कोल लिमिटेड वित्तीय वर्ष 2020-21 में 1202.48 करोड़ के घाटे में रही है। जबकि इससे पहले वित्तीय वर्ष 2019-20 में यह सभी टैक्स चुकाने के बाद 918.68 करोड़ रुपये के शुद्ध मुनाफे में थी। कंपनी ने ये आंकड़े मंगलवार को जारी किए। स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) में जमा किए गए आंकड़ों के मुताबिक कंपनी ने वित्तीय वर्ष की आखिरी तिमाही में कंपनी को पटरी पर लाने की भरपूर कोशिश की लेकिन वह घाटे को पाट नहीं सकी।

पिछले वित्तीय वर्ष के मुकाबले तुलना करें तो हर क्षेत्र में बीसीसीएल पिछड़ती नजर आ रही है। वित्तीय वर्ष 19-20 में जहां कंपनी ने 27.74 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया था वहीं 20-21 में मात्र 24.66 मिलियन टन कोयले का उत्पादन हो सका। डिस्पैच की भी वही स्थिति रही। 19-20 में 28.76 मिलियन टन कोयले का डिस्पैच किया गया था जबकि 20-21 में यह घटकर 23.13 मिलियन टन तक गिर गया। कंपनी को वर्ष 19-20 में जहां कोयला व अन्य उत्पादों की बिक्री से 8967.56 करोड़ रुपये की आय हुई वहीं वर्ष 20-21 में यह घटकर 6,149.81 करोड़ रुपये ही रहा। इसका परिणाम यह रहा कि वर्ष 19-20 में 918.68 करोड़ के मुनाफे वाली कंपनी वर्ष 20-21 में 1,202.48 करोड़ रुपये के घाटे में चली गई। इसका नेट वर्थ 4,297.66 करोड़ रुपये से घटकर 3,088.81 करोड़ रुपये रह गया है।

आखिरी तिमाही में भी हर मोर्चे पर पीछे

अब तक कंपनी प्रबंधन का दावा था कि कोरोना के कारण हो रहे नुकसान की भरपाई के लिए वित्तीय वर्ष के चौथे और अंतिम तिमाही में उसने पूरा जोर लगा दिया। जबकि सेबी को दिए रिपोर्ट ने उसकी कलई खोल कर रख दी है। इसके मुताबिक सामान्य दिनों में बिना जोर लगाए वर्ष 19-20 में कंपनी ने जितना कुछ कर लिया था उसके आसपास भी पिछले वित्तीय वर्ष में वह नहीं पहुंच सकी। मसलन 19-20 में की आखिरी तिमाही में उत्पादन 9.09 मिलियन टन था जबकि वर्ष 20-21 में 7.15 मिलियन टन। वहीं 19-20 की आखिरी तिमाही में डिस्पैच 7.98 मिलियन टन था तो वर्ष 20-21 में मात्र 6.37 मिलियन टन। मुनाफा 19-20 की आखिरी तिमाही में 2,462.88 करोड़ था तो 20-21 में मात्र 1,769.19 करोड़ रुपये। यही वजह है कि वित्ती वर्ष की आखिरी तिमाही में भी कंपनी वर्ष 19-20 में 289.27 करोड़ के मुनाफे में थी जबकि 20-21 में 138.78 करोड़ के नुकसान में।

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