खनन विभाग की कार्रवाई के बाद ऊंट पहाड़ के नीचे आया, बीसीसीएल ने दिया ई-चालान के इस्तेमाल का निर्देश

खान निरीक्षक पीके सिंह के मुताबिक वर्ष 2017 में ही सरकार ने सभी कंपनियों के लिए ई चालान की व्यवस्था लागू की। विभाग का मानना है कि जब तक चालान नहीं काटा जाएगा सरकार को कैसे पता चलेगा कि कितने वाहन कोयला लेकर रेलवे साइडिंग को गए।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 19 May 2021 10:59 AM (IST) Updated:Wed, 19 May 2021 10:59 AM (IST)
खनन विभाग की कार्रवाई के बाद ऊंट पहाड़ के नीचे आया, बीसीसीएल ने दिया ई-चालान के इस्तेमाल का निर्देश
झारखंड में 2017 से ई-चालान लागू ( फाइल फोटो)।

धनबाद, जेएनएन। खनन विभाग की कार्रवाई के बाद बीसीसीएल भी एक्शन में आ चुकी है। महाप्रबंधक जैसे अधिकारी पर मुकदमा के बाद कंपनी ने सभी क्षेत्रों को तत्काल ई-चालान के साथ ही वाहनों का परिवहन करने का निर्देश जारी किया है। कंपनी के वित्त निदेशक समीरण दत्ता ने बताया कि गोविंदपुर, ब्लॉक-4 इत्यादि में यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई है। अन्य सभी क्षेत्रों में भी शनिवार तक 100 फीसद व्यवस्था लागू कर दी जाएगी। शनिवार से बीसीसीएल के सभी 12 क्षेत्रों के कोल डंपों से चालान के साथ ही वाहनों का कोयला साइडिंग के लिए भेजा जाएगा।

वर्ष 2017 से ही चालान के लिए दिया जा रहा दबाव

खान निरीक्षक पीके सिंह के मुताबिक वर्ष 2017 में ही सरकार ने सभी कंपनियों के लिए ई चालान की व्यवस्था लागू की। विभाग का मानना है कि जब तक चालान नहीं काटा जाएगा सरकार को कैसे पता चलेगा कि कितने वाहन कोयला लेकर रेलवे साइडिंग को गए। कितने कोयले का परिवहन किया गया। रॉयल्टी की गणना कैसे होगी। इससे कोयला चोरी को भी बढ़ावा मिल रहा था। न सिर्फ जिला परिवहन पदाधिकारी बल्कि उपायुक्त के साथ बैठकों में भी बीसीसीएल के तकनीकी निदेशक, वित्त निदेशक जैसे पदाधिकारी शामिल हुए। उन्हें चालान के बिना परिवहन से मनाही की गई लेकिन कंपनी के व्यवहार में कोई परिवर्तन नहीं हुआ। ऐसे में बड़ी कार्रवाई जरूरी थी।

अभी जारी रहेगी छापेमारी

जिला खनन पदाधिकारी अजीत कुमार ने कहा है कि अभी बीसीसीएल के कोल डंप, साइडिंग, वाशरियों पर विभाग की छापेमारी जारी रहेगी। सरकार ने जब नियम बनाया है तो उसका अनुपालन कराना हमारा दायित्व है। नियमों को मानकर ही कोई कंपनी काम कर सकती है अन्यथा नहीं। छापेमारी में अनियमितता पाई गई तो आगे और कार्रवाई की जाएगी। 100 फीसद वाहनों में चालान का इस्तेमाल करने के बाद ही अभियान रुकेगा।

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