दो महीने सिर्फ जान बचाएं बीसीसीएल कर्मी

बीसीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद ने कहा है कि सभी अधिकारी व कर्मचारी दो महीने सिर्फ स्वयं को सुरक्षित करने पर ध्यान दें। अपना जान बचाएं। इसके बाद शेष कार्य होगा। उन्होंने कहा कि धनबाद बचेगा तभी बीसीसीएल बचेगा। सीएमडी ने कहा कि कोविड-19 से दूसरी लहर में अब तक 11 बीसीसीएल कर्मियों की मौत होने की सूचना है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 06 May 2021 02:24 AM (IST) Updated:Thu, 06 May 2021 02:24 AM (IST)
दो महीने सिर्फ जान बचाएं बीसीसीएल कर्मी
दो महीने सिर्फ जान बचाएं बीसीसीएल कर्मी

जागरण संवाददाता, धनबाद : बीसीसीएल के सीएमडी पीएम प्रसाद ने कहा है कि सभी अधिकारी व कर्मचारी दो महीने सिर्फ स्वयं को सुरक्षित करने पर ध्यान दें। अपना जान बचाएं। इसके बाद शेष कार्य होगा। उन्होंने कहा कि धनबाद बचेगा तभी बीसीसीएल बचेगा। सीएमडी ने कहा कि कोविड-19 से दूसरी लहर में अब तक 11 बीसीसीएल कर्मियों की मौत होने की सूचना है। ऐसे में कंपनी ने सभी स्तर पर यह सूचना दी है कि सुरक्षा को लेकर कोई भी लापरवाही न बरती जाए। शारीरिक दूरी बनाए रखने और कोरोना संक्रमण से बचाव के जो भी उपाय निर्धारित किए गए हैं उन्हें सख्ती से अमल में लाया जाए।

ऑक्सीजन की हर संभव व्यवस्था कर रहे : उपायुक्त की ओर से 24 घंटे में ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था सुधारने व चिकित्सकों, चिकित्साकर्मियोंको कोविड ड्यूटी में लगाने के सवाल पर सीएमडी ने कहा कि हम हर संभव उपाय कर रहे हैं। जहां तक ऑक्सीजन आपूर्ति की बात तो काफी संख्या में जंबो सिलेंडर की खरीद की गई है। हम ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। केंद्रीय अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट बनाने की भी तैयारी की जा रही है। इसके लिए फंड की व्यवस्था कर ली गई है। जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा। ऑक्सीजन की नहीं रेगुलेटर की है जरूरत : ऑक्सीजन वार में बीसीसीएल ने एक बार फिर जिला प्रशासन पर जिम्मेदारी डाली है। संक्रमितों को ऑक्सीजन देने में लापरवाही के उपायुक्त के आरोप पर केंद्रीय अस्पताल के सीएमएस का कहना है कि हमारे पास ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में है। रेगुलेटर के अभाव में रोगियों को ऑक्सीजन नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आइसीयू में सभी बेड पर ऑक्सीजन व वेंटिलेटर की व्यवस्था है। ऊपर जो वार्ड कोविड पेशेंट के लिए आरक्षित है उसमें 40 बेड हैं। कुछ में रेगुलेटर हैं अन्य में नहीं। हमें तत्काल लगभग 40 रेगुलेटर की जरूरत है जो उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। रेगुलेटर उपलब्ध होते ही 40 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड की संख्या बढ़ जाएगी। डॉ. ठाकुर के मुताबिक अन्य वार्ड में भी रात के समय भी ऑक्सीजन पाइप लगाने में कर्मी लगे हुए हैं। कुछ गतिरोध संबंधित सामग्री बाजार में नहीं मिल पाने की वजह से भी हो रही है। जल्द ही हम हर वार्ड में पांच की जगह 15-20 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड सुनिश्चित कर लेंगे।

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