सीबीआइ जांच के दायरे में बीसीसीएल, सीसीएल ईसीएल के कोयला कंपनियों के अधिकारी

खान सुरक्षा महानिदेशालय के फर्स्ट और सेकंड क्लास मैनेजर स्विफ्ट दक्षता परीक्षा 48 अभ्यर्थियों से 72 लाखों के लिए जाने के मामले में अब तक दक्षता परीक्षा रद्द नहीं की गई है। जबकि इस मामले में रिश्वत लेकर पास किए जाने का मामला सामने आ चुका है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Thu, 22 Jul 2021 08:16 AM (IST) Updated:Thu, 22 Jul 2021 08:16 AM (IST)
सीबीआइ जांच के दायरे में बीसीसीएल, सीसीएल ईसीएल के कोयला कंपनियों के अधिकारी
इस मामले में रिश्वत लेकर पास किए जाने का मामला सामने आ चुका है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

जागरण संवाददाता, धनबाद : खान सुरक्षा महानिदेशालय के फर्स्ट और सेकंड क्लास मैनेजर स्विफ्ट दक्षता परीक्षा 48 अभ्यर्थियों से 72 लाखों के लिए जाने के मामले में अब तक दक्षता परीक्षा रद्द नहीं की गई है। जबकि इस मामले में रिश्वत लेकर पास किए जाने का मामला सामने आ चुका है। दिल्ली सीबीआइ टीम ने पूरे मामले को पकड़ा था। डीजीएमएस मुख्यालय द्वारा अब तक परीक्षा रद्द नहीं होने के कारण कई ऐसे अभ्यर्थी हैं जो अपने आप को इस घटना के बाद ठगा सा महसूस कर रहें हैं जो योगयता रहने के बाद पास नहीं हो सके। पूरे मामले में सीबीआइ ने सेंट्रल जोन के डीडीजी अरविंद कुमार को पकड़ा था और उनके घर से 40 लाख राशि भी रिकवरी की थी। डीजीएमएस दक्षता परीक्षा में

कुल 2394 अभ्यर्थियों का ओरल परीक्षा में शामिल हुए थे। पूरी सेटिंग में बताया जाता है कि कहीं ना कहीं इसके तार कोयला कंपनियों के अधिकारियों से भी जुड़े हैं । अगर सीबीआई गंभीरता से बीसीसीएल, सीसीएल व ईसीएल में जांच करें तो कई अधिकारी जांच के दायरे में आ जाएंगे। इन सबका कहीं न कहीं कोयला कंपनियों के सेफ्टी विभाग से है। सेंट्रल जॉन के डीडीजी अरविंद कुमार को दिल्ली सीबीआई की टीम ने 18 अप्रैल को धनबाद एवं बिहार के लखीसराय स्थित उनके आवास से छानबीन की थी। धनबाद से उन्हें गिरफ्तार किया था। अरविंद कुमार के घर से 40 लाख रुपया नगर और कुछ दस्तावेज भी बरामद किए थे और उनके सहयोगी त्रिलोकी नाथ सिंह एवं भाई कैलाश मंडल ने भी सीबीआई के समक्ष पूछताछ में कई राज उगले हैं सीबीआई सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सीबीआई की टीम कई कंपनियों के अधिकारियों से भी संपर्क साध पूरी वस्तु स्थिति से अवगत हुई है। बताया जाता है कि जांच एजेंसी ने डीजीएमएस के कई अधिकारियों से भी पूछताछ की है। इधर श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने उन पर विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी है ।

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