DC Rail Line Alert: धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर मंडरा रहा खतरा, रेल पटरी के समीप धधकी आग

बांसजोड़ा कोलियरी प्रबंधन द्वारा जमीनी हलचल की जानकारी का पता लगाने के लिए रियल टाइम मानिटरिंग सिस्टम मशीन लगाई गई थी। इस मशीन से जमीन के अंदर के तापमान के साथ नीचे हल्की सी होने वाली हलचल की भी जानकारी मिलती थी।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 13 Oct 2021 03:04 PM (IST) Updated:Wed, 13 Oct 2021 03:04 PM (IST)
DC Rail Line Alert: धनबाद-चंद्रपुरा रेल लाइन पर मंडरा रहा खतरा, रेल पटरी के समीप धधकी आग
बांसजोड़ा रेलवे स्टेशन के नजदीक रेल लाइन को भूमिगत आग से खतरा ( सांकेतिक फोटो)।

संवाद सहयोगी, लोयाबाद। धनबाद-चंद्रपुरा रेलवे लाइन पर फिर खतरा मंडराने लगा है। मंगलवार की देर शाम को बांसजोड़ा रेलवे स्टेशन से महज 10-12 मीटर की दूरी पर बांसजोड़ा 12 नंबर श्रमिक कालोनी के बगल में एक बोरहोल से अचानक आग निकलने लगा, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। डीसी लाइन के नीचे लगी आग पर काबू पाने के लिए तीन-चार वर्ष पूर्व इस कालोनी के आसपास में करीब आधा दर्जन से अधिक बोरहोल कराया गया था। इससे जमीन के अंदर लगी आग को नियंत्रित करने के लिए सोडियम सेलिकेट केमिकल का घोल डाला जाता था। बांसजोड़ा कोलियरी प्रबंधन द्वारा 30 हजार लीटर पानी डाल कर आग पर काबू पा लिया गया है। बोरहोल घनी आबादी के करीब है। इस घटना से कालोनी के लोगों में दहशत व्याप्त है।

तीन वर्षों से बोरहोल में पानी, न केमिकल डाला जा रहा है

ग्रामीणों ने बताया कि कोलियरी प्रबंधन द्वारा इस बोरहोल के माध्यम से जमीन के अंदर लगी आग को नियंत्रण में रखने के लिए पानी में केमिकल मिला कर डाला जाता था, जो पिछले तीन वर्षों से बंद है। पूर्व में डीजीएमएस और सिंफर के विज्ञानियों के गाइडलाइन का कोलियरी प्रबंधन द्वारा पालन किया जाता था। सिंफर स्वयं इसकी मानिटरिंग करता था। वर्ष 2002 से ही आग पर काबू पाने की कोशिश हो रही है।

रियल टाइम मानिटरिंग सिस्टम चोरी होने के बाद जमीनी हलचल की जानकारी बंद

बांसजोड़ा कोलियरी प्रबंधन द्वारा जमीनी हलचल की जानकारी का पता लगाने के लिए रियल टाइम मानिटरिंग सिस्टम मशीन लगाई गई थी। इस मशीन से जमीन के अंदर के तापमान के साथ नीचे हल्की सी होने वाली हलचल की भी जानकारी मिलती थी। यदि जमीन के अंदर तेज हलचल होती थी तो मशीन से जुड़ा सायरन बजने लगता था। मशीन का सेंसर और सोलर पैनल कोलियरी कार्यालय के सर्वे कंप्यूटर से जुड़ा हुआ था। सोलर पैनल व केबल चोरी हो जाने से मशीन पूरी तरह से ठप पड़ गई है। अब रेलवे लाइन के नीचे की हलचल का पता नहीं चलता है।

रेलवे ने एक दिन पहले शुरू किया गया सर्वे : सोमवार को रेलवे के सर्वे विभाग की टीम ने अग्नि प्रभावित डीसी लाइन की जांच की थी। लेबल मशीन से रेलवे ट्रेक का सर्वे किया गया था। टीम के अधिकारियों ने बताया था कि एक जगह रेलवे पटरी थोड़ी सी दबी हुई है, हालांकि उससे परिचालन में कोई खतरा नहीं है।

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