Baba Basukinath: बासुकीनाथ मंदिर में अरघा व्यवस्था के साथ शुरू हुई पूजा, पट खुलते ही पूजन-दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु

पूरी व्यवस्था में श्रद्धालुओं के लिए ई-पास व मास्क की अनिवार्यता लागू की गई है। एक घंटे में अधिकतम 100 श्रद्धालुओं को जलाभिषेक की अनुमति मिलेगी। इसमें सुबह छह बजे से दोपहर चार बजे तक विभिन्न राज्यों के कुल 1000 श्रद्धालुओं को जलाभिषेक की अनुमति प्रदान की गई है।

By Atul SinghEdited By: Publish:Sat, 18 Sep 2021 05:51 PM (IST) Updated:Sat, 18 Sep 2021 05:51 PM (IST)
Baba Basukinath: बासुकीनाथ मंदिर में अरघा व्यवस्था के साथ शुरू हुई पूजा,  पट खुलते ही पूजन-दर्शन के लिए उमड़े श्रद्धालु
पूरी व्यवस्था में श्रद्धालुओं के लिए ई-पास व मास्क की अनिवार्यता लागू की गई है। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

संवाद सहयोगी, बासुकीनाथ(दुमका) : बासुकीनाथ धाम में शनिवार से अरघा के माध्यम से जलाभिषेक की व्यवस्था की गई। भाद्रपद मास, शुक्ल पक्ष, द्वादशी तिथि उपरांत त्रयोदशी तिथि पर बासुकीनाथ मंदिर में अरघा से जलाभिषेक की शुरुआत हुई। इसके पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में बासुकीनाथ मंदिर का कपाट खुलने के बाद परंपरागत तरीके से पूजा-अर्चना के बाद मंदिर के गर्भगृह के बाहर पीतल का अरघा लगाया गया। जहां मंदिर के पंडा-पुरोहित और पदाधिकारियों ने सर्वप्रथम भोलेनाथ का अरघा से जलाभिषेक कर इसकी शुरुआत की। इसके उपरांत बासुकीनाथ आने वाले श्रद्धालुओं ने बासुकीनाथ मंदिर में अरघा के माध्यम से बाबा पर जलाभिषेक किया। इस बारे में जानकारी देते हुए बासुकीनाथ मंदिर प्रभारी सह जरमुंडी अंचलाधिकारी राजकुमार प्रसाद ने कहा कि बासुकीनाथ मंदिर में शनिवार से अरघा के माध्यम से जलाभिषेक की व्यवस्था शुरू की गई है। सुबह छह बजे से लेकर दोपहर चार बजे तक श्रद्धालुओं को जलाभिषेक की अनुमति दी गई है। पूरी व्यवस्था में श्रद्धालुओं के लिए ई-पास व मास्क की अनिवार्यता लागू की गई है। एक घंटे में अधिकतम 100 श्रद्धालुओं को जलाभिषेक की अनुमति मिलेगी। इसमें सुबह छह बजे से दोपहर चार बजे तक विभिन्न राज्यों के कुल 1000 श्रद्धालुओं को जलाभिषेक की अनुमति प्रदान की गई है। 

अरघा व्यवस्था के वक्त थे मौजूद : जिस वक्त अरघा व्यवस्था लागू की जा रही थी। उस वक्त मंदिर प्रांगण में बासुकीनाथ मंदिर प्रभारी सह अंचलाधिकारी राजकुमार प्रसाद, बासुकीनाथ नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी आशुतोष ओझा, जरमुंडी थाना प्रभारी सह पुलिस निरीक्षक नवल किशोर ङ्क्षसह, बासुकीनाथ धाम पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष मनोज पंडा, महामंत्री संजय झा, सारंग बाबा कुंदन पत्रलेख, नरेश पंडा, मंदिरकर्मी सुभाष राव, कपिलदेव पंडा, गौतम राव, रङ्क्षवद्र मोदी, गुड्डू ठाकुर, उदय मंडल व अन्य की उपस्थिति थे।

ये है अरघा पूजन की व्यवस्था

- अरघा के माध्यम से जलार्पण का समय सुबह छह बजे से लेकर दोपहर चार बजे तक दिया गया है।

- कुल 10 घंटे तक श्रद्धालुओं को अरघा के माध्यम से जलार्पण की सुविधा दी गई है।

- प्रत्येक घंटे में अधिकतम 100 श्रद्धालु व 10 घंटे में 1000 को जलापर्ण की व्यवस्था

- ई-पास के साथ-साथ मास्क व शारीरिक दूरी की अनिवार्यता

- कोविड-19 के संदर्भ में दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन होने की स्थिति व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से स्थगित किया जा सकता है।

- किसी भी परिस्थिति में श्रद्धालुओं को स्पर्श पूजा की अनुमति प्राप्त नहीं होगी

- धार्मिक स्थान, पूजा के स्थान किसी भी समय उपस्थित व्यक्तियों की संख्या ज्यादा ना हो

- दो व्यक्तियों के बीच न्यूनतम छह फीट की दूरी सुनिश्चित हो

- पूजा स्थल की क्षमता का 50 फीसदी ही श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी जाए

-मंदिर के पुजारी, पंडा, मंदिर संचालन से जुड़े कर्मी मंदिर एवं मंदिर के आसपास प्रतिनियुक्त कर्मियों को कम से कम एक टीका लेना अनिवार्य

-18 वर्ष से कम आयु के किसी भी व्यक्ति को मंदिर परिसर में प्रवेश की अनुमति प्राप्त नहीं होगी, इसके साथ ही गंभीर बीमारी, हृदय रोग, किडनी प्रत्यारोपण, सांस की बीमारी तथा उच्च मधुमेह से ग्रसित व्यक्ति को भी मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी

- मंदिर में मूर्तियों, घंटियों, पवित्र पुस्तकों को छूने की अनुमति नहीं दी गई है

- प्रसाद एवं भोग सामग्री का वितरण नहीं किया जाएगा

-बासुकीनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार पर हाथ स्वच्छता और थर्मल स्क्रीङ्क्षनग की सुविधा प्रदान की गई

- श्रद्धालुओं के लिए प्रवेश द्वार और निकास द्वार की अलग-अलग व्यवस्था की गई

-

विधि व्यवस्था संधारण को लेकर दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति : बासुकीनाथ मंदिर की व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाए जाने के लिए मंदिर परिसर एवं मेला क्षेत्र में दंडाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है। 

स‍िह द्वारा सह निकास द्वार: बाबा मंदिर के ङ्क्षसह द्वारा सह निकास द्वार में प्रत्येक सोमवार और बुधवार को प्रात:कालीन पाली में सुबह साढ़े पांच बजे से दोपहर 11 बजे तक जरमुंडी के प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी अरङ्क्षवद ङ्क्षसह, प्रत्येक मंगलवार एवं गुरुवार को पौधा संरक्षण पदाधिकारी शंकर प्रसाद, प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को बीटीएम समरेंद्र सिन्हा, प्रत्येक रविवार को प्रखंड स्वच्छता प्रबंधक गौतम कुमार वर्मा की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके अलावा द्वितीय पाली में दोपहर 11 बजे से दोपहर चार बजे तक प्रत्येक सोमवार को सहायक प्रसार पदाधिकारी जामा के हरे कृष्ण देव, प्रत्येक मंगलवार एवं गुरुवार को जामा में मनरेगा के कनीय अभियंता रंजन कुमार हेंब्रम, प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को जामा के कनीय अभियंता पवन कुमार, प्रत्येक रविवार को दुमका एनआरईपी के कनिया अभियंता कमलेश शुक्ला की प्रतिनियुक्ति की गई है।

बाबा मंदिर गर्भ गृह प्रवेश द्वार: बाबा मंदिर गर्भगृह के प्रवेश द्वार पर प्रथम पाली में सुबह साढ़े पांच बजे से लेकर दोपहर 11 बजे तक प्रत्येक सोमवार एवं बुधवार को जामा के एटीएम योगेश नारायण ङ्क्षसह, प्रत्येक मंगलवार एवं गुरुवार को जरमुंडी के एटीएम नंदलाल मंडल, प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को जरमुंडी के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी आलोकित कुमार, प्रत्येक रविवार को प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी जरमुंडी के गिरेन्द्र यादव, जबकि द्वितीय पाली दोपहर 11 बजे से दोपहर चार बजे तक की ड्यूटी में प्रत्येक सोमवार एवं बुधवार को प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी जरमुंडी के छकुलाल मुर्मू, प्रत्येक मंगलवार एवं गुरुवार को दुमका के एटीएम गणेश सोरेन, प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को जरमुंडी के मनरेगा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी कन्हैयालाल झा, प्रत्येक रविवार को ग्रामीण विकास विभाग दुमका के कनीय अभियंता उमेश श्रीवास्तव की प्रतिनियुक्ति की गई है।

बाबा मंदिर प्रांगण में भ्रमणशील पदाधिकारी: बाबा मंदिर प्रांगण में प्रात:कालीन पाली में प्रत्येक सोमवार एवं बुधवार को जामा के एटीएम नीरज पोद्दार, प्रत्येक मंगलवार एवं गुरुवार को जामा के प्रखंड कार्यक्रम पदाधिकारी विनोद दास, प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को जरमुंडी के कनीय अभियंता कुमार गौरव, प्रत्येक रविवार को ग्रामीण विकास विभाग दुमका के कनीय अभियंता मिथिलेश कुमार, जबकि द्वितीय पाली में प्रत्येक सोमवार एवं बुधवार को जामा।के स्वच्छता प्रबंधक विकास कुमार मिश्रा, प्रत्येक मंगलवार एवं गुरुवार को जामा के प्रखंड सहायक प्रसार पदाधिकारी सखी चंद्र दास, प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को रानेश्वर के कनीय अभियंता विष्णु राज, प्रत्येक रविवार को कनीय अभियंता की प्रतिनियुक्ति की गई है।

शिवगंगा तालाब स्थित जलार्पण काउंटर से स‍िह द्वार तक भ्रमणशील पदाधिकारी : शिवगंगा तालाब के दक्षिणी छोर स्थित जलार्पण काउंटर से बासुकीनाथ मंदिर के ङ्क्षसह द्वार सह निकासी द्वार में प्रथम पाली में प्रत्येक सोमवार एवं बुधवार को जरमुंडी के कनीय अभियंता संजय सोरेन, प्रत्येक मंगलवार एवं गुरुवार को जरमुंडी के कनीय अभियंता सुलेमान मुर्मू, प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को जरमुंडी के कनीय अभियंता आशुतोष टुडू, प्रत्येक रविवार को प्रखंड सहायक संजय कुमार मंडल जबकि द्वितीय पाली में प्रत्येक सोमवार एवं बुधवार को जरमुंडी में मनरेगा के सहायक अभियंता मोहम्मद अख्तर, प्रत्येक मंगलवार एवं गुरुवार को जरमुंडी आत्मा के एटीएम सुरेश प्रसाद साह, प्रत्येक शुक्रवार एवं शनिवार को पीएम आवास के प्रखंड सहायक दिनेश कुमार गुप्ता एवं प्रत्येक रविवार को पथ प्रमंडल दुमका के गुण नियंत्रक प्रताप भानु जयसवाल की प्रतिनियुक्ति की गई है। इसके अलावा शिवगंगा तट, जलार्पण काउंटर के समीप, एनएससी रोड, बासुकीनाथ मंदिर कार्यालय के समीप, पेड़ा गली, हाथी द्वार सहित अन्य संवेदनशील स्थानों पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बलों की प्रतिनियुक्ति करने के अलावा भीड़ भाड़ इक_ा ना हो इसको लेकर भी प्रशासन के द्वारा नजर रखी जा रही है।

बाबा बासुकीनाथ में ई-पास की अनिवार्यता के साथ श्रद्धालुओं के लिए खुले कपाट

बासुकीनाथ मंदिर में प्रवेश के लिए ई-पास की अनिवार्यता कर दी गई है। इसके लिए झारखंड दर्शन डाट एनआइसी डाट इन के माध्यम से बाबा बासुकीनाथधाम मंदिर के अलावा बाबा बैद्यनाथधाम मंदिर, रामगढ़ जिला के रजरप्पा मंदिर, चतरा जिला के इटखोरी स्थित मां भद्रकाली मंदिर में दर्शन के लिए आनलाइन बुङ्क्षकग कर सकते हैं। इसमें दिए गए आप्शन के अनुसार आप इंडिविजुअल बुङ्क्षकग एवं फैमिली बुङ्क्षकग करा सकते हैं। इसके तहत आप अग्रिम अधिकतम एक सप्ताह के तक की तिथि में अपनी अग्रिम बुङ्क्षकग करा सकते हैं। इसमें दिए गए निर्देश के अनुसार संबंधित मंदिर के साइट पर जाकर दर्शन की तिथि अधिकतम सात दिन पूर्व तक की तिथि सलेक्ट करें, उसके पश्चात निर्धारित स्लॉट अवधि में अपनी बुङ्क्षकग करा सकते हैं। इसके पश्चात अपने राज्य का नाम, जिला का नाम, अगर आप के संबंधित पंडा वहां पर मौजूद हो तो संबंधित पंडा का नाम देते हुए श्रद्धालुओं की संख्या, मोबाइल नंबर एवं अपने स्थानीय पता के साथ एड्रेस प्रूफ दे देना अनिवार्य है। इसके अलावा मास्क की अनिवार्यता बेहद आवश्यक है। अपने साथ 18 वर्ष से कम आयु के बच्चे, गंभीर बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को कतई ना ले जाएं। अगर आप के साथ यात्रा के दौरान यह मौजूद हैं तो इन्हें मंदिर के बाहर ही आपको अपने परिजनों के साथ इन्हें छोडऩा पड़ेगा। जिस दिन दर्शन कि तिथि निर्धारित हो उस दिन आप दोपहर चार बजे तक बासुकीनाथ मंदिर के संस्कार मंडप के रास्ते मंदिर के पूर्वी गेट तक पहुंच जाएं, अन्यथा आप को बगैर दर्शन किये बैरंग लौटना पड़ सकता है।

कोविड-19 की दूसरी लहर में लाकडाउन के साढ़े पांच माह बाद अरघा से जलाभिषेक शुरू

--

- सुबह छह बजे से दोपहर चार बजे तक जलाभिषेक की होगी अनुमति

--

- ई-पास की होगी अनिवार्यता, एक घंटा में अधिकतम 100 श्रद्धालुओं को मिलेगी जलाभिषेक की अनुमति

--

. सुबह छह बजे से दोपहर चार बजे तक कुल 1000 श्रद्धालुओं को पूजा की अनुमति

---

- बासुकीनाथ मंदिर एवं मेला क्षेत्र में विधि-व्यवस्था संधारण को लेकर दर्जनों दंडाधिकारी की प्रतिनियुक्ति

chat bot
आपका साथी