प्राक्कलन से पहले होगा बैंक मोड़ ओवरब्रिज का परीक्षण, पथ निर्माण विभाग के सचिव को भेजी गई रिपोर्ट Dhanbad News
वर्ष 1975 में निर्मित बैंक मोड़ ओवरब्रिज पर वाहनों का बोझ बढ़ता जा रहा है। साथ ही भारी भरकम जलापूर्ति पाइप लाइन भी इसी ब्रिज के ऊपर से गुजरी है। ऐसे में अब इसकी मरम्मत नहीं हुई तो खतरा बढ़ सकता है।
धनबाद, जेएनएन। शहर के बैंक मोड़ ओवरब्रिज की मरम्मत में होनेवाले खर्च का प्राक्कलन तैयार करने से पहले इसका परीक्षण कराया जाएगा। विशेषज्ञ ओवरब्रिज की मौजूदा स्थिति के अनुसार उसकी मरम्मत का अनुमानित लागत तय करेंगे। लागत तय होने के बाद ही मरम्मत का काम शुरू होगा। रांची और कोलकाता के विशेषज्ञ ब्रिज का सर्वे कर अपनी रिपोर्ट दे चुके हैं। सर्वे रिपोर्ट पथ निर्माण विभाग के सचिव को भेज दी गई है।
वर्ष 1975 में निर्मित ब्रिज पर दिनों दिन वाहनों का बोझ बढ़ता जा रहा है। साथ ही भारी भरकम जलापूर्ति पाइप लाइन भी इसी ब्रिज के ऊपर से गुजरी है। काफी समय से इसकी मरम्मत नहीं हुई। ऐसे में अब और देर हुई तो खतरा बढ़ सकता है।
टीम ने क्या क्या देखा : 12 अक्टूबर को सर्वे के दौरान ब्रिज पर वाहनों के अत्यधिक दबाव और उसके ऊपर गुजरे जलापूर्ति पाइप लाइन को देखकर सर्वे टीम को भी आश्चर्य हुआ था। उन्होंने भी माना कि इससे ब्रिज पर वजन काफी बढ़ गया है। साथ ही मरम्मत के दौरान कई बार पिचिंग के कारण मोटी हुई परत ने भी ब्रिज पर अत्यधिक बोझ डाल दिया है। ब्रिज के ऊपरी हिस्से के साथ निचले और अंदरूनी हिस्से भी कई जगहों पर बुरी तरह जर्जर हो चुके हैं। परामर्शी टीम ने निरीक्षण के दौरान इन तथ्यों को अपनी रिपोर्ट में शामिल किया। माना जा रहा था कि उनकी रिपोर्ट के बाद ही प्राक्कलन तैयार हो जाएगा और काम भी जल्द शुरू होगा।
इस बारे के पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता अमरेंद्र साहा ने कहा कि सिर्फ ऊपरी मरम्मत से पूरे ब्रिज की लाइफ को सुरक्षित नहीं किया सकता है। इसका परीक्षण जरूरी है। विशेषज्ञ की टीम के परीक्षण के बाद ही यह तय हो सकेगा कि मेंटेनेंस में कितना खर्च आएगा।