झारखंड के चोर बड़े ढीठ, महाराष्ट्र में ज्वेलरी दुकानों को बना रहे निशाना; सोना के साथ साहिबगंज से दो गिरफ्तार
महाराष्ट्र के पालघर जिले के बोईसर थाना क्षेत्र में स्थित मंगलम ज्वेलरी शॉप में 30 दिसंबर को चोरी की घटना को अंजाम दिया था। वहां गिरोह के सदस्यों को 12 किलो सोना 60 लाख रुपये नकद व चांदी समेत करीब 10 करोड़ की संपत्ति हाथ लगी थी।
साहिबगंज, जेएनएन। झारखंड के संथाल परगना क्षेत्र के अपराधी साइबर क्राइम के साथ ही हर तरह के अपराध में भी नाम कमा रहे हैं। साहिबगंज जिले का शटर कटर गिरोह तो मुंबई और महाराष्ट्र तक जाकर ज्वेलरी दुकानों को निशाना बना रहा है। माैका ताड़ करोड़ों को सोना-चांदी लेकर उड़ जाते हैं। महाराष्ट्र के पालघर स्थित मंगलमल ज्वेलरी शॉप में नकदी समेत 10 करोड़ रुपये से ज्यादा की ज्वलरी की चोरी हुई थी। इस मामले में साहिबगंज के शटर कटर गिरोह का हाथ मिला है। महाराष्ट्र पुलिस ने साहिबगंज के कुख्यात शटर कटर गिरोह के प्रमुख सदस्य राधानगर क्षेत्र के पियारपुर निवासी बदरूद्दीन शेख व हसीम शेख को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। दोनों के पास से साढ़े पांच लाख रुपये नकद व 350 ग्राम सोना बरामद किया गया है। महाराष्ट्र की पुलिस दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर अपने साथ ले गई है।
30 दिसंबर को हुई थी चोरी
बदरूद्दीन शेख व हसीम शेख ने गिरोह के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर मुंबई के पालघर जिले के बोईसर थाना क्षेत्र में स्थित मंगलम ज्वेलरी शॉप में 30 दिसंबर को चोरी की घटना को अंजाम दिया था। वहां गिरोह के सदस्यों को 12 किलो सोना, 60 लाख रुपये नकद व चांदी समेत करीब 10 करोड़ की संपत्ति हाथ लगी थी। वारदात को अंजाम देने के बाद गिरोह के सभी सदस्य अपने-अपने घर चले गए। बोईसर थाने में मामले की प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस को राधानगर के शटर-कटर गिरोह पर शक की सुई गई। इसके बाद संबंधित थाने की पुलिस ने राधानगर थाने की पुलिस के सहयोग से गुरुवार की रात अमानत दियारा से हसीम शेख और बदरुद्दीन शेख उर्फ छोटा बदरा को गिरफ्तार किया।
दोनों ने स्वीकार की अपनी संलिप्तता
बदरूद्दीन शेख के पास से साढ़े चार लाख रुपये और हसीम शेख के पास से 325 ग्राम सोना तथा एक लाख रुपया नकद बरामद किया गया। गिरफ्तार दोनों आरोपितों ने घटना में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। उसने अन्य सदस्यों का नाम भी पुलिस को बताया है। साहिबगंज के एसपी अनुरंजन किस्पोट्टा ने शुक्रवार को पत्रकारों को बताया कि मुंबई पुलिस ने आरोपितों की गिरफ्तारी का अनुरोध किया था। इसके बाद राजमहल एसडीपीओ अरविंद कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसे यह सफलता मिली।