जन जागरूकता से डायन कुप्रथा को कर सकते समाप्त

थापरनगर डायन बिसाही कुप्रथा उन्मूलन को लेकर जिला कल्याण शाखा की ओर से चलाए जा रहे जन

By JagranEdited By: Publish:Thu, 25 Feb 2021 08:02 PM (IST) Updated:Thu, 25 Feb 2021 08:02 PM (IST)
जन जागरूकता से डायन कुप्रथा को कर सकते समाप्त
जन जागरूकता से डायन कुप्रथा को कर सकते समाप्त

थापरनगर : डायन बिसाही कुप्रथा उन्मूलन को लेकर जिला कल्याण शाखा की ओर से चलाए जा रहे जन जागरूकता रथ को निरसा प्रखंड बाल विकास परियोजना कार्यालय से प्रखंड प्रमुख सरिता देवी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। सरिता देवी ने कहा कि डायन, भूत, प्रेत जैसी कोई बात नहीं होती। कुछ लोग ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में डायन बिसाही के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित करते हैं। यह कानूनन अपराध है। समाज में इस तरह की कुप्रथा का कोई स्थान नहीं होना चाहिए। आज के आधुनिक दौर में हर कोई यह बात समझता है लेकिन कुछ लोग व्यक्तिगत कारणों से दूसरों को परेशान करते हैं। इसके लिए सरकार द्वारा इसके लिए दंड की व्यवस्था की गई है। कुप्रथा को हमलोग जन जागरूकता के माध्यम से समाप्त कर सकते हैं इसलिए जन जागरूकता रथ रवाना किया गया है। यह रथ निरसा प्रखंड के 27 पंचायतों में भ्रमण कर लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का काम करेगी। साथ ही, डायन बिसाही के नाम पर किसी को प्रताड़ित करने पर कितने साल की सजा हो सकती है इस विषय में भी जानकारी देगा। बीडीओ विकास कुमार राय ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति किसी को डायल के रूप में पहचान करता है तो ऐसे व्यक्ति को अधिकतम तीन महीने तक की कारावास या एक हजार का दंड का प्रावधान है। साथ ही किसी को डायन के रूप में चिह्नित कर उसे मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने पर छह माह की कारावास व 2000 रुपए का जुर्माना अथवा दोनों सजा के भागीदार होंगे।

मौके पर आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका शशि पूनम लाकड़ा, ममता कुमारी, किरण कुमारी समेत आंगनबाड़ी की सेविका मौजूद थी।

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