बीएसएल कैंटीन में जल रहा है आस्ट्रेलिया का कोयला, CISF DIG करेंगे कार्रवाई

बीएसएल बोकारो इकाई की तत्कालीन डीआइजी निलीमा रानी सिंह ने इस मसले पर अभियान चलाते हुए कड़ी कार्रवाई भी की थी। लेकिन उनके जाते ही कोयला के हेराफेरी का यह मामला फिर से अपनी रफ्तार पकड़ लिया है।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 09:56 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 09:56 AM (IST)
बीएसएल कैंटीन में जल रहा है आस्ट्रेलिया का कोयला, CISF DIG करेंगे कार्रवाई
सेल का बोकारो स्टील प्लांट ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, बोकारो। बोकारो इस्पात संयंत्र में उपयोग किये जाने वाले महंगे कोयला का उपयोग यहां के कैंटीन संचालक चूल्हा जलाने के लिए कर रहे है। यह कोयला ऑस्ट0ेलिया से मंगाया जाता है। जिसकी कीमत करोड़ों रुपये में है। कोयला का का इस्तेमाल प्रमुख रूप से संयंत्र के कोक-अवन विभाग में होता है। लेकिन विदेश से सामग्री यहां आने के पूर्व ही इसकी रेकी अवैध कारोबारी कर लेते है। माल के गंतव्य स्थान पहुंचने के साथ ही इसका एक हिस्सा कैंटीन संचालकाें को चूल्हा-चौंका जलाने के लिए आवंटित कर दिया जाता है। जिसमें सबसे बड़ी भागीदारी संयंत्र के सुरक्षा में तैनात सीआइएसएफ कर्मियों की होती है। इस सारे खेल में सीआइएसएफ के आला अधिकारियों को भी अंधेरे में रखा जाता है।

बीएसएल बोकारो इकाई की तत्कालीन डीआइजी निलीमा रानी सिंह ने इस मसले पर अभियान चलाते हुए कड़ी कार्रवाई भी की थी। लेकिन उनके जाते ही कोयला के हेराफेरी का यह मामला फिर से अपनी रफ्तार पकड़ लिया है। हालांकि प्रबंधन की ओर से संयंत्र में संचालित कैंटीन संचालकों को इंडक्शन चूल्हा जलाने का निर्देश दिया है। बताया जाता है की कंपनी में लगभग 101 ऐसे कैंटीन है जो सुचारू रूप से चल रहे है। जबकि 25 कैंटीन का कोई दावेदार नही है। प्रबंधन की आरे से कैंटीन के देख-रेख के लिए अधिकारी व यूनियन प्रतिनिधियों की कमेटी भी गठित की गई है।

कोक-अवन विभाग से अवैध कोयले के कारोबार की सूचना कई दिनों से मिली है। जिसका ज्यादातर उपयोग बीएसएल के कैंटीन संचालक कर चूल्हा जलाने के लिए कर रहे है। शीघ्र ही इस मसले पर संबंधित सीआइएसएफकर्मी व कैंटीन कर्मियों पर कार्रवाई की जाएगी।

-सौगत रॉय, डीआइजी सीआइएसएफ, बीएसएल बोकारो इकाई ।

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