CBSE Board Exam 2021: परीक्षा पैटर्न और असेसमेंट प्रोसेस में हो रहा बदलाव, धनबाद के एक लाख स्टूडेंट्स होंगे लाभान्वित
CBSE ने वर्ष 2021-22 के लिए परीक्षा और असेसमेंट प्रोसेस में बदलाव करने जा रहा है। इसमें पहले की तरह अंक और परीक्षा की अवधि समान होगी। योग्यता-आधारित प्रश्न या प्रश्न जो वास्तविक जीवन और अपरिचित स्थितियों में अवधारणाओं के अनुप्रयोग का आकलन करते हैं वैसे पत्र शामिल होंगे।
धनबाद, जेएनएन। CBSE Board Exam 2021 केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ( CBSE) ने अब योग्यता-आधारित शिक्षा पर अधिक जोर देने का निर्णय लिया है। CBSE ने वर्ष 2021-22 के लिए परीक्षा और असेसमेंट प्रोसेस में बदलाव करने जा रहा है। इसमें पहले की तरह अंक और परीक्षा की अवधि समान होगी। साथ ही अधिक से अधिक योग्यता-आधारित प्रश्न या प्रश्न जो वास्तविक जीवन और अपरिचित स्थितियों में अवधारणाओं के अनुप्रयोग का आकलन करते हैं, वैसे पत्र शामिल होंगे। इससे छात्र-छात्राएं अब लॉजिकल रूप से मजबूत होंगे। बच्चों के कठिन सोच, तार्किक क्षमता, हायर आर्डर स्किल के साथ किसी भी विषय के प्रति दृष्टिकोण साफ होगा। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य कि बच्चे केवल सिलेबस तक ही सीमित नहीं रहे बल्कि उससे आगे जाकर सोंचे। नए पैटर्न के तहत बच्चों को प्रतियोगी आधारित सवाल पूछे जाएंगे। नए पैटर्न में होने वाले बदलाव को लेकर सीबीएसई ने पत्र भी जारी कर दिया है। इस नए पैटर्न का लाभ धनबाद जिले के 55 सीबीएसइ स्कूल के करीब एक लाख छात्र-छात्राओं को मिलेगा।
यह होगा पैटर्न
कक्षा 11वीं तथा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में सत्र 2021-22 में कंपीटेंसी आधारित प्रश्न 20 प्रतिशत होंगे। जो नौवी और 10वीं की तरह बहुविकल्पीय होंगे। केस व स्त्रोत आधारित एकीकृत प्रश्न या किसी अन्य रूप में भी हो सकते हैंं। यह 20 प्रतिशत प्रश्न वतुनिष्ठ होंगे। जबकि शेष 60 प्रतिशत प्रश्न पहले की तरह लघु और दीर्घ उत्तरीय होंगे।
इस पैटर्न पर पूछे जाएंगे नौवी व 10वीं के प्रश्न
कक्षा नौवीं की वार्षिक तथा दसवीं की बोर्ड परीक्षा में योग्यता आधारित प्रश्न कम से कम 30 प्रतिशत पूछे जाएंगे। जो बहुविकल्पीय, केस तथा स्त्रोत आधरित एकीकृत प्रश्न या किसी अन्य प्रकार के हो सकते है। इसके अलावा 20 प्रतिशत वस्तुनिष्ठ प्रश्न तथा शेष 50 प्रतिशत प्रश्न पहले की तरह लघुउत्तरीय तथा दीर्घ उत्तरीय होंगे।
सिलेबस से आगे जाकर सोचेंगे बच्चे
पैटर्न में बदलाव करने का उद्देश्य है कि बच्चे खुद से सोचे कि वे अपनी जानकारी को कैसे विकसित करेंगे। बच्चे किसी काम को कैसे करेंगे उस काम को वे खुद तय करने योग्य बने। उनके अदंर कुछ नया करने की क्षमता विकसित हो इन सभी चीजों को देखते हुए पैटर्न में बदलाव किया गया है।