आइआइटी के 1900 छात्रों को है दीक्षांत का इंतजार, जुलाई या दिसंबर में समारोह का हो सकता आयोजन

आइआइटी आइएसएम के करीब 1900 छात्र-छात्राएं 41वें दीक्षांत का इंतजार कर रहे हैं। दीक्षांत एक ऐसा अवसर है जिसमें छात्रों को डिग्री देकर सम्मानित किया जाता है। दीक्षांत समारोह को लेकर आइआइटी प्रबंधन मंथन कर रहा है कि कोरोना संक्रमण के दौर में इसे कैसे आयोजित किया जाए।

By Deepak Kumar PandeyEdited By: Publish:Sun, 11 Apr 2021 12:52 PM (IST) Updated:Sun, 11 Apr 2021 12:52 PM (IST)
आइआइटी के 1900 छात्रों को है दीक्षांत का इंतजार, जुलाई या दिसंबर में समारोह का हो सकता आयोजन
दीक्षांत समारोह के दौरान उत्‍साहित छात्र-छात्राओं की तस्‍वीर।

जागरण संवाददाता, धनबाद: आइआइटी आइएसएम के करीब 1900 छात्र-छात्राएं 41वें दीक्षांत का इंतजार कर रहे हैं। दीक्षांत एक ऐसा अवसर है, जिसमें छात्रों को डिग्री देकर सम्मानित किया जाता है। दीक्षांत समारोह को लेकर आइआइटी प्रबंधन मंथन कर रहा है कि कोरोना संक्रमण के दौर में इसे कैसे आयोजित किया जाए। हालांकि संस्थान के कुछ लोगों का मानना है कि इसे वर्चुअल मोड में किया जाए, पर संस्थान के निदेशक सहित अधिकांश लोग वर्चुअल मोड के पक्ष में नहीं हैं।

निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने तो स्पष्ट कहा है कि कोरोना के कारण दीक्षांत समारोह में भले ही विलंब हो रहा है, पर जब भी दीक्षांत आयोजित होगा, ऑफलाइन मोड में ही आयोजित किया जाएगा। इसके पीछे उनका तर्क है कि दीक्षांत समारोह छात्रों के लिए एक यादगार पल होता है, जिसे वे किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहते हैं। यदि सबकुछ सामान्य रहा तो जुलाई या फिर दिसंबर में समारोह आयोजित करने का प्लान है। संभव है कि दो बैच के छात्र-छात्राओं का दीक्षांत एक साथ किया जाए।

बताते चलें कि कोविड के कारण दिसंबर 2020 में होने वाले दीक्षांत समारोह का आयोजन नहीं हो पाया था। इसके कारण 1900 छात्र-छात्राओं को डिग्री नहीं मिल पाई। वहीं बसंत का आयोजन वर्चुअल मोड पर ही करना पड़ा था। अब इस बात पर मंथन चल रहा है कि पिछले और इस सत्र के बैच के छात्रों को एक साथ ही दीक्षांत में डिग्री दी जाए।

छात्रों के पास है विकल्प: आइआइटी आइएसएम ने डिग्री को तैयार कर लिया है। छात्र-छात्राएं चाहें तो अपनी डिग्री ले सकते हैं। यही नहीं, दीक्षांत के दौरान भी यदि छात्र नहीं आएंगे उन्हें उनके पते पर डिग्री भेज दी जाएगी। छात्रों को जॉब मिलने के बाद कई संस्थानों सहित विदेशी विश्वविद्यालयों में डिग्रियों की मांग की जाती है। ऐसे में यदि छात्र को डिग्री की जरूरत है तो वे अपनी डिग्री संस्थान से प्राप्त कर सकते हैं।

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