APJ Kalam Birth Anniversary 2021: काश ! सरकार ने मानी होती मिसाइल मैन की बात, भयावह झरिया का नजारा कुछ और होता

APJ Kalam Birth Anniversary 2021 मिसाइल मैन के नाम से मशहूर भारत रत्न एपीजे अब्दुल कलाम को उनके जन्म दिवस पर देश श्रद्धा के साथ याद कर रहा है। इस खास दिन पर झरिया के लोगों के जेहन में भी कलाम साहब जिंदा हो उठे हैं।

By MritunjayEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 11:18 AM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 01:48 PM (IST)
APJ Kalam Birth Anniversary 2021: काश ! सरकार ने मानी होती मिसाइल मैन की बात, भयावह झरिया का नजारा कुछ और होता
झरिया की आग और मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम ( फाइल फोटो)।

गोविंद नाथ शर्मा, झरिया। मिसाइल मैन के नाम से मशहूर भारत रत्न डा. एपीजे अब्दुल कलाम का आज देश 90वां जन्म दिवस मना रहा है। अबुल पाकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (APJ Abdul Kalam) का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके जन्म दिवस पर देश उन्हें श्रद्धा के साथ याद कर रहा है। ऐसे माैके पर भला झरिया कैसे भूल सकता है। कलाम साहब की एक बात आज भी झरिया के लोगों के दिलों-दिमाग में चलती रहती है। उन्होंने राष्ट्रपति बनने से पहले साल 2002 में झरिया का दाैरा कर आग का जायजा लिया था। कहा था-झरिया की आग बुझाई जा सकती है। इसके बाद भूमिगत आग और भू-धंसान से  प्रभावित करीब पांच लाख लोगों में आशा की एक नई किरण का संचार हुआ था। हालांकि बाद में लोगों को निराशा हुई। न तो केंद्र सरकार और न ही झारखंड सरकार ने झरिया की आग को बुझाने के लिए कलाम साहब की बातों को गंभीरता से लिया।

तब के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री की पहल पर झरिया आए थे अब्दुल कलाम

साल 2000 में बिहार से अलग कर नया झारखंड राज्य का निर्माण हुआ। नया राज्य झारखंड का गठन होने के बाद बाबूलाल मरांडी की सरकार ने राज्य को विज्ञान और प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आगे ले जाने की पहल की थी। इस दौरान बाबूलाल मरांडी सरकार में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री समरेश सिंह ने भारत के तत्कालीन प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार मिसाइल मैन डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम राज्य का राज्य में कई कार्यक्रम भी कराया था। इस दौरान मंत्री समरेश मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम को 2002 में झरिया की भूमिगत आग से प्रभावित इंदिरा चौक का दौरा कराया था। जनवरी माह के अंतिम सप्ताह में इंदिरा चौक झरिया पहुंच कर मिसाइल मैन कलाम ने यहां की भूमिगत आग को बारीकी से देखा था। लगभग 15 मिनट तक यहां रुकने के बाद उन्होंने कहा था कि यहां की आग को रोका जा सकता है। फिर से यहां हरियाली लाई जा सकती है। मिसाइल मैन की कही बात आज भी यहां के लोगों को याद है। समाजसेवी महेंद्र सिंह मीनू और पिनाकी राय ने कहा कि मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम की बात को सुनकर उस समय झरिया के लोगों में काफी आशा जगी थी।

सिंदरी के कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे मिसाइल मैन

समाजसेवी पिनाकी राय ने कहा कि जनवरी 2002 को धनबाद दौरे के दौरान उनका कार्यक्रम बीआईटी सिंदरी में था। इस दौरान राज्य के तत्कालीन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री समरेश सिंह ने उन्हें रास्ते में इंदिरा चौक के पास लगी जमीनी आग के बारे में बताया। मंत्री ने उनसे कुछ देर यहां की आग को देखने का आग्रह किया। डा.कलाम मान गए। इसके बाद मिसाइल मैन इंदिरा चौक नाला के पास लगी आग और यहां से हो रहे गैस रिसाव को देखा था।

झरिया से जाने के कुछ माह बाद ही मिसाइल मैन बन गए देश के राष्ट्रपति

देश के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम झरिया का दौरा करने के कुछ माह बाद ही देश के राष्ट्रपति बने। वे साल 2002 से 2007 तक देश के 11वें राष्ट्रपति रहे। मिसाइल मैन के राष्ट्रपति बनने के बाद राज्य के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री समरेश सिंह के साथ झरिया के महेंद्र सिंह मीनू व अन्य लोगों का प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में राष्ट्रपति कलाम से मिला था। उनसे झरिया की भूमिगत आग को काबू में करने या बुझाने की मांग की थी।

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