ACB ने मेहरमा के नाजिर को दबोचा, वंशावली बनाने के लिए ले रहा था पांच हजार रुपये रिश्वत
मिथिलेश इस कार्यालय में बतौर नाजिर 11 माह से पदस्थापित थे। मालूम हो कि गत वर्ष गोड्डा जिले के ही पोड़ैयाहाट प्रखंड कार्यालय के क्लर्क मंजूर इलाही को भी एसीबी ने पांच हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।
संवाद सहयोगी, मेहरमा (गोड्डा)। एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने मंगलवार को मेहरमा अंचल कार्यालय के नाजिर मिथिलेश कुमार को पांच हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है। मिथिलेश वंशावली बनाने के नाम पर शिकायतकर्ता कमलेश्वरी से रकम ले रहे थे। एसीबी टीम में डीएसपी लखन राम, इंस्पेक्टर रामचंद्र रजक व विमलेश त्रिपाठी सहित दो मजिस्ट्रेट व पुलिस के जवान थे।
दरअसल भागलपुर (बिहार) के कहलगांव अनुमंडल के रानीपुर लघरिया गांव निवासी कमलेश्वरी यादव की ससुराल गोड्डा के मेहरमा प्रखंड के धनकुडिय़ा गांव के जयकांत यादव के यहां है। जयकांत को परिवार की वंशावली बनवानी थी। उन्होंने कमलेश्वरी को बताया। अंचल नाजिर से जब उन्होंने संपर्क किया तो उसने पांच हजार रुपये रिश्वत मांगी। कमलेश्वरी ने तय कर लिया कि घूस नहीं देंगे। उन्होंने इसकी शिकायत एसीबी से कर दी। शिकायत के बाद निगरानी टीम सक्रिय हुई। दो दिनों तक टीम मेहरमा अंचल कार्यालय जाती रही। यहां मामले की पड़ताल की। आरोप सही पाए जाने के बाद कार्रवाई शुरू की। मंगलवार को टीम अंचल कार्यालय पहुंची। कमलेश्वरी को जो रुपये रिश्वत देने के लिए दिए गए, उनमें रसायन लगा दिया गया। ताकि नाजिर रंगे हाथ दबोचा जाए। कमलेश्वरी ने जैसे ही नाजिर को घूस की रकम दी, टीम वहां पहुंची और उसको दबोच लिया।
मिथिलेश इस कार्यालय में बतौर नाजिर 11 माह से पदस्थापित थे। मालूम हो कि गत वर्ष गोड्डा जिले के ही पोड़ैयाहाट प्रखंड कार्यालय के क्लर्क मंजूर इलाही को भी एसीबी ने पांच हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।