पशु तस्करों का सेफ जोन बना संताल परगना, दुमका के रास्ते हो रही तस्करी

केंद्र व राज्य सरकार जहां गौवंश के संरक्षण व संवर्धन पर जोर दे रही है वहीं पशु तस्कर सरकार की इस मंशा पर पानी फेरने पर आमादा हैं। हाल यह कि संताल परगना पशु तस्करी के गढ़ में तब्दील हो चुका है।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 18 Oct 2021 07:59 AM (IST) Updated:Mon, 18 Oct 2021 07:59 AM (IST)
पशु तस्करों का सेफ जोन बना संताल परगना, दुमका के रास्ते हो रही तस्करी
तस्करी के माध्यम से बांग्लादेश भेजे जाते पशुधन ( सांकेतिक फोटो)।

राजीव, दुमका। अंतर राज्यीय स्तर पर अवैध कारोबार चला रहे धंधेबाजों के लिए दुमका सेफ कारीडोर बन चुका है इस बात को प्रशासन भी इन्कार नहीं करती है। मामला चाहे अवैध शराब के कारोबार से जुड़ा हो या फिर नशीली दवाओं की खेप से। पशुधन का हो या फिर खनिज संपदाओं की अवैध तरीके से ढुलाई का। अभी बात पशुधन तस्करी और इससे जुड़े संगठित गिरोह कि तो पुष्ट जानकारी के मुताबिक बिहार समेत कई इलाकों से ट्रकों पर पशुधन इसे पश्चिम बंगाल और फिर बांग्ला देश तक भेजने के कारोबार में संगठित गिरोह व इससे जुड़ा नेटवर्क इस कदर प्रभावी है कि प्रशासन भी इनके सामने बौना और बेबस है। पशु तस्करों की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाई जा सकती है कि बिहार से लेकर पश्चिम बंगाल तक प्रतिदिन ट्रकों पर लाद का अवैध तरीके से पशुधन की ढुलाई करते हैं लेकिन कभी-कभार ही इनके पकड़े जाने का मामला सामने आता है।

गौवंश के संरक्षण व सवंर्धन पर है जोर

केंद्र व राज्य सरकार जहां गौवंश के संरक्षण व संवर्धन पर जोर दे रही है, वहीं पशु तस्कर सरकार की इस मंशा पर पानी फेरने पर आमादा हैं। हाल यह कि संताल परगना पशु तस्करी के गढ़ में तब्दील हो चुका है। जानकारी के मुताबिक प्रतिमाह हजारों की संख्या में गौवंश पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश भेजे जा रहे हैं। वह भी चोरी छिपे नहीं बल्कि पुलिस की नजरों के सामने से। थानों के सामने से ही पशुओं के झुंड जाते हैं, लेकिन इसे रोकने की कौन कहे, पुलिस संज्ञान तक लेना भी मुनासिब नहीं समझती। संताल परगना में दुमका शहर स्थित हटिया, गोड्डा के गंगवारा, पाकुड़ जिले में हिरणपुर व महेशपुर, साहिबंगज में रामनगर, राजमहल, फुलवरिया, जामनगर, अमानत दियारा, गोड्डा जिला से सटा बिहार का बांका आसपास के प्रमुख पशु बाजार हैं। जबकि बिहार के कई क्षेत्रों से भी पशुओं की तस्करी कर इसी संताल परगना के रास्ते ही पश्चिम बंगाल व बांग्ला देश पहुंचाया जाता है। इन बाजारों में बांग्लादेशी पशु तस्कर तो सक्रिय हैं हीं, वह कुछ स्थानीय कारोबारी भी इस रैकेट के सदस्य हैं।

हांका लगाकर भी ले जाते हैं पशुधन

पैसे की लालच में इन हाटों से पशुओं को तस्कर पैदल भी हांका लगाकर पश्चिम बंगाल ले जाते हैं। फिर वहां से ट्रक या अन्य वाहन से बांग्ला देश भेज दिया जाता है। दुमका के शिकारीपाड़ा, रानीश्वर के अलावा बड़हरवा, लिट्टीपाड़ा, हिरणपुर, महेशपुर, पाकुड़ नगर व मुफस्सिल ऐसे थाने हैं जिसके ठीक सामने से तस्कर सरेआम पशु ले जाते हैं। लेकिन पुलिस इसे रोकने को लेकर गंभीर नहीं है। साहिबगंज व पाकुड़ जिले की सीमा से बांग्लादेश की सीमा महज आठ व 15 किलोमीटर है। इस लिए यहां से नाव के जरिए पशुओं को गंगा पार कर आसानी से बांग्लादेश भेज दिया जाता है। इन दोनों जिलों के कुछ ऐसे भी तस्कर हैं जो स्वयं इस धंधे में लिप्त हैं। यहां से मामूली पैसे में देशी नस्ल की गाय, बैल को खरीद कर ऊंचे मूल्य पर तस्करों के हाथों बेचा जाता है। जबकि दुमका के रामगढ़ के रास्ते काठीकुंड होते हुए ट्रकों के जरिए पशुधन को बांग्ला देश पहुंचाया जाता है। वहीं शिकारीपाड़ा व रानीश्वर के रास्ते पशुधन पश्चिम बंगाल के लोहापुर हाट समेत कई क्षेत्रों में पहुंचाए जाते हैं।

केस स्टडी एक

दुमका के रामगढ़ थाना क्षेत्र में 20 अगस्त 2021 में ग्रामीणों के सहयोग से पुलिस ने छह ट्रक एवं इस पर लदा 104 पशुधन जब्त करने की कार्रवाई की थी। इस मामले में पशु व्यापारी, ट्रक मालिक एवं चालक पर प्राथमिकी दर्ज करते हुए पांच  पशु व्यापारियों के अलावा छह ट्रक चालकों को जेल भेजने की कार्रवाई की गई थी। इसी थाना क्षेत्र में आठ जुलाई 2021 को अवैध पशुओं से लोड कंटेनर को जब्त करने की कार्रवाई की गई थी। कंटेनर पर 33 पशुधन लदे हुए थे। इस मामले में भी कंटेनर मालिक, पशु व्यापारी, चालक व खलासी पर प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

केस स्टडी दो

दुमका के शिकारीपाड़ा थाना क्षेत्र में चार अक्टूबर 2021 को दुमका-रामपुरहाट राष्ट्रीय उच्च पथ पर पशुधन से लदा ट्रक पलटने से खलासी मो.सत्तार समेत सात पशुधन की मौत हो गई थी। मतृक खलासी पाकुड़ जिले का निवासी था। पुलिस के मुताबिक दुर्घटनाग्रस्त ट्रक बांका जिले का था और व्यापारी भी वहीं का था। पशुधन को बिहार से पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा था।

केस स्टडी तीन

रानीश्वर थाना क्षेत्र के सिउड़ी भाया आमजोड़ा पथ के पडि़हारपुर के निकट 29 मई 2021 को पशुधन से लदा एक ट्रक के पलटने से तकरीबन दो दर्जन पशुधन की मौत हो गई थी। इस घटना में पुलिस की निष्क्रियता के कारण पशु तस्करों ने रातोंरात जेसीबी मशीन लगाकर पलटे हुए ट्रक को खड़ा कर उसे मौके से हटाने की तैयारी कर लिए थे लेकिन ग्रामीणों के द्वारा सड़क जाम कर पशु तस्करी का विरोध जताने पर रानीश्वर थाना की पुलिस देर से सही मौके पर पहुंच कर ट्रक को जब्त करने की कार्रवाई करते हुए ट्रक चालक समेत दो पर प्राथमिकी दर्ज की थी।

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