देवघर चला गया एसबीआइ जोनल कार्यालय, अब क्या ब्यान देंगे ब्यानबाज : अमितेश

अंतत एसबीआइ का जोनल मुख्यालय धनबाद से छिन ही गया। यह देवघर चला गया है। अब यहां के व्यवसायियों व्यापारियों और उद्योगपतियों को जो दिक्कतें होंगी उसके लिए जिम्मेवार कौन होगा। जोनल मुख्यालय को धनबाद में ही रखने को लेकर भाजपा नेताओं ने जमकर ब्यानबाजी की थी।

By Atul SinghEdited By: Publish:Tue, 08 Jun 2021 12:18 PM (IST) Updated:Tue, 08 Jun 2021 12:18 PM (IST)
देवघर चला गया एसबीआइ जोनल कार्यालय, अब क्या ब्यान देंगे ब्यानबाज : अमितेश
अंतत: एसबीआइ का जोनल मुख्यालय धनबाद से छिन ही गया। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन: अंतत: एसबीआइ का जोनल मुख्यालय धनबाद से छिन ही गया। यह देवघर चला गया है। अब यहां के व्यवसायियों, व्यापारियों और उद्योगपतियों को जो दिक्कतें होंगी उसके लिए जिम्मेवार कौन होगा। जोनल मुख्यालय को धनबाद में ही रखने को लेकर भाजपा नेताओं ने जमकर ब्यानबाजी की थी।

सांसद, पूर्व सांसद, विधायक समेत तमाम जिला और प्रदेश के नेताओं ने दावे किए थे, लेकिन जो सच्चाई है वह अब सामने आ चुकी है। ऐसे ब्यानबाज अब क्या ब्यान देंगे। जनता के सामने किसी मुंह से आएंगे। यह कहना है झारखंड मुक्ति मोर्चा व्यवसायिक प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष अमितेश सहाय का।

सहाय ने भाजपा नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि धनबाद के सांसद से ज्यादा बेहतर तो गोड्डा देवघर निशिकांत हैं जो अपने क्षेत्र के लिए काम कर रहे हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि गोड्डा, पाकुड़, देवघर में कतने उद्योग हैं और यहां की औद्यौगिक स्थिति क्या है यह समझा जा सकता है।

सहाय ने कहा कि केवल एसबीआइ ही नहीं बल्कि इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय कर दिया गया। इस बैंक का भी जोनल कार्यालय देवघर ही कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि धनबाद में इलाहाबाद बैंक की अपनी एक मजबूत पकड़ थी।

कई शाखाएं थी, जबकि इंडियन बैंक को धनबाद-बोकारो में बहुत कम लोग ही जानते होंगे। केंद्रीय वित्त मंत्री दक्षिण भारत से संबंध रखती हैं और इंडियन बैंक भी। इसलिए इलाहाबाद बैंक का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया और इसका जोनल कार्यालय भी देवघर कर दिया गया। सहाय ने कहा कि धनबाद एक अदद एकयरपोर्ट के लिए तरस रहा है और देवघर में अंतरराष्ट्रीय स्तर का हवाई अड्डा बनकर तैयार है। संभवत: सितंबर में यहां से उड़ान की शुरूआत भी हो जाए। एम्स जैसा अस्पताल भी देवघर चला गया। धनबाद होकर गुजरने वाली कई ट्रेनें जसीडीह का रूख कर चुकी हैं। सांसद के मौन का धनबाद की जनता कितना खामियाजा भुगतेगी।

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