AK ROY Birth Anniversary: संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया एके राय की जयंती

झारखंड आंदोलन के पुरोधा व धनबाद के पूर्व सांसद एके राय को उनकी 86वीं जयंती पर मंगलवार को याद किया गया। मार्क्सवादी समन्वय समिति के पुराना बाजार टेंपल रोड स्थित केंद्रीय कार्यालय में एक सादे समाराेह में कार्यकर्ताओं ने उनकी जयंती संकल्प दिवस के रूप में मनाई।

By Atul SinghEdited By: Publish:Tue, 15 Jun 2021 02:41 PM (IST) Updated:Tue, 15 Jun 2021 02:41 PM (IST)
AK ROY Birth Anniversary: संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया एके राय की जयंती
धनबाद के पूर्व सांसद एके राय को उनकी 86वीं जयंती पर मंगलवार को याद किया गया। (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर)

धनबाद, जेएनएन : झारखंड आंदोलन के पुरोधा व धनबाद के पूर्व सांसद एके राय को उनकी 86वीं जयंती पर मंगलवार को याद किया गया। मार्क्सवादी समन्वय समिति के पुराना बाजार, टेंपल रोड स्थित केंद्रीय कार्यालय में एक सादे समाराेह में कार्यकर्ताओं ने उनकी जयंती संकल्प दिवस के रूप में मनाई। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने स्वनिर्भरता, जनक्रांति व समाजवाद के रास्ते पर चलते हुए बिरसा से लेनिन तक का सफर तय करने का संकल्प लिया।

इस दौरान मासस जिला अध्यक्ष हरि प्रसाद पप्पू ने एके राय के संघर्ष व विचारों को मार्क्सवाद का भारतीयकरण बताया। मार्क्सवादी युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष पवन महतो ने कहा कि झारखंड की स्थापना कर यहां के दबे-कुचले लोगों को स्वनिर्भर बनाने का सपना एके राय ने ही देखा था।

जयंती समारोह में कोरोना गाइड लाइन का पालन किया गया।

टेंपल रोड कार्यालय के अलावा बीसीकेयू के सभी कोलियरी व क्षेत्रीय कार्यालयों व मासस के सभी कार्यालयों में भी एके राय की जयंती संकल्प दिवस के रूप में मनाई गई। इस दौरान सुभाष चटर्जी, बिंदा पासवान, सुभाष सिंह, राणा चटराज, सुभाष मुर्मू, नरेश पासवान, भूषण महतो, विजय चौधरी, रामलाल दा, धर्म बाउरी, राजेश बिरूआ, हरेंद्र निषाद, राजकुमार रवानी, नितेश महतो, अखिलेश महतो, करण पासवान, सुनील सिंह, भगवान पासवान, सुरेश सिंह, बावला दा आदि शामिल थे।

अब इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं 

एके राय के निधन के बाद मासस नेताओं ने उनके नाम से किसी संस्थान या चौराहे का नामकरण करने व प्रतिमा स्थापित करने की मांग सरकार से की थी ताकि भावी पीढ़ी उनके बारे में जान सके। अधिकांश की इच्छा थी कि पाटलिपुत्र मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल को एके राय के नाम किया जाए। तब भाजपा की सरकार थी और सरकार ने सहमति भी जताई थी। हालांकि सरकार बदली और अपने लोगों की सरकार ने ही इस मांग को दरकिनार कर झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे निर्मल महतो के नाम इसका नामकरण कर दिया गया। एके राय की उपेक्षा से मासस समर्थकों में निराशा है।

जिला अध्यक्ष हरि प्रसाद पप्पू ने कहा कि सरकार ने निर्मल महतो के नाम पर मेडिकल कॉलेज कर अच्छा किया। हालांकि यह जमशेदपुर में भी किया जा सकता था। धनबाद में एके राय के नाम पर करने की मांग हमारी थी पर सरकार ने नहीं माना। अब इस सरकार से हमे कोई उम्मीद नहीं रह गई है। अब इस सरकार से हम कोई मांग नहीं करेंगे। पप्पू की मानें तो सरकार के मुखिया नहीं चाहते कि झारखंड आंदोलन में उनके परिवार के लोगों के अतिरिक्त और किसी का नाम लिया जाए या उन्हें याद किया जाए। एके राय के यादगार को भी राजनीति का विषय बना दिया गया है।

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