Weekly News Roundup Dhanbad: उम्र है कि बढ़ती नहीं... असली खेला तो यहां हो रहा

Weekly News Roundup Dhanbad कराटे की महिमा अपरंपार है। कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया (काई) की लीला बखानी ही नहीं जा सकती। इसी फरवरी में जेल यात्रा कर चुके काई के महासचिव भरत शर्मा पर प्रसाद की तरह ब्लैक बेल्ट बांटने के आरोप लगते रहे हैं।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 15 Apr 2021 08:59 AM (IST) Updated:Thu, 15 Apr 2021 08:59 AM (IST)
Weekly News Roundup Dhanbad: उम्र है कि बढ़ती नहीं... असली खेला तो यहां हो रहा
झारखंड में क्रिकेट में उम्र घोटाला ( फाइल फोटो)।

धनबाद [ सुनील कुमार ]। Weekly News Roundup Dhanbad जेएससीए ने कराया तो था अंडर-14 क्रिकेट टूर्नामेंट, लेकिन हो गया अंडर-18। शायद ही कोई टीम रही होगी जिसके सभी खिलाड़ी वास्तव में 14 वर्ष से नीचे के होंगे। 14 वर्ष से नीचे के खिलाड़ी टाटा डिगवाडीह स्टेडियम में छक्का मार गेंद स्टेडियम के बाहर पहुंचा दें तो उनकी प्रतिभा नहीं, बल्कि उम्र का आकलन हो सकता है। पहले होता यह था कि जन्म प्रमाणपत्र के साथ खिलाडिय़ों को हाइट-वेट के मानक पर खरा उतरना पड़ता था। मैच रेफरी फिजिकल वेरीफिकेशन करते थे। उन्हें यदि लगता था कि संबंधित खिलाड़ी की उम्र अधिक है तो वे बाहर कर सकते थे। उम्र के फर्जीवाड़ा को रोकने में जेएससीए के तत्कालीन संयुक्त सचिव असीम कुमार सिंह का बहुत बड़ा योगदान था। वे खुद आयोजन स्थल पर जाकर खिलाडिय़ों की उम्र का फिजिकल वेरीफिकेशन करते थे। नई कमेटी क्या आई, सब कुछ राम भरोसे हिंदू होटल हो गया। 

ब्लैक में ब्लैक बेल्ट

कराटे की महिमा अपरंपार है। कराटे एसोसिएशन ऑफ इंडिया (काई) की लीला बखानी ही नहीं जा सकती। इसी फरवरी में जेल यात्रा कर चुके काई के महासचिव भरत शर्मा पर प्रसाद की तरह ब्लैक बेल्ट बांटने के आरोप लगते रहे हैं। इस खेल के जन्मदाता राष्ट्र में भी इतने सिक्स डान, सेवेन डान नहीं मिलेंगे, जितने हमारे इस छोटे से शहर धनबाद में मिल जाएंगे। कमाल की बात यह कि वुशु स्टाइल वाले पांड़े जी कराटे में सिक्स्थ डान हैं। प्रसाद वितरण के कारण जानने की जब कोशिश की गई तो पता चला कि भरत बाबा पक्के गांधीवादी हैं। गांधी जी की तस्वीर वाली नोटों की गड्डी देखते ही ही प्रसाद देने को तत्पर हो जाते हैं। अब इस डिग्री का फायदा भी समझ लीजिए। इसेे दिखा कर पब्लिक स्कूलों में खेल शिक्षक बन जाएंगे। इससे बेरोजगारी दूर होगी। चलिए, यह भी काम बढिय़ा ही है। 

नोएडा में सिमडेगा क्रिकेट लीग

जेएससीए अंडर-14 क्रिकेट टूर्नामेंट में जमशेदपुर टीम के दो खिलाडिय़ों को अचानक बदल दो अन्य को शामिल करने से बवाल मच गया। आरोप लगा कि पैसे लेकर खेल कर दिया गया। यहां तो सिर्फ दो की बात है, मगर सिमडेगा जिले का किस्सा तो और भी दिलचस्प है। यहां तो पूरी टीम ही दिल्ली, नोएडा, गुडग़ांव, देहरादून के खिलाडिय़ों से बनी है। बाहरी खिलाडिय़ों से पैसे लेकर अवसर दे दिया गया। स्थानीय खिलाड़ी से खेल कर दिया गया। क्रिकेट जगत में तो यह चर्चा आम है कि सिमडेगा का लीग टूर्नामेंट नोएडा में होता है। वंश दिल्ली के नरेला क्रिकेट अकादमी से खेलते हैं। अमन, मोनित, योजित शर्मा भी दिल्ली के लिए खेलते हैं। सागर मथुरा के एनएस क्रिकेट अकादमी से खेलते हैं। उनका यह डाटा क्रिकहीरोज एप पर उपलब्ध है। सिर्फ सिमडेगा ही नहीं, कई अन्य जिले भी अब इस खेल में शामिल हैं। 

संक्रमण ने बिगाड़ा खेल

टाटा स्टील में खेल गतिविधियां शुरू होने की सुगबुगाहट शुरू हुई ही थी कि कोरोना फिर अपना रंग दिखाने लगा। पिछले माह टाटा स्टील जमशेदपुर के सीनियर मैनेजर (स्पोट्र्स) व पूर्व ओलंपियन आनंद मेंजेस झरिया डिवीजन के दौरे पर आए। यहां उपलब्ध मूलभूत सुविधाओं से प्रभावित दिखे। पिछले साल टाटा स्टील से जुड़े आनंद ने झरिया डिवीजन के महाप्रबंधक से मुलाकात की और यहां टाटा फीडर सेंटर को लेकर चर्चा की। महाप्रबंधक भी अप्रैल से इसे शुरू करने पर सहमत दिखे। इसे लेकर प्रशिक्षण के लिए आने वाले बच्चों में उत्साह का माहौल था, लेकिन कोरोना की दूसरे वेब ने उनके उत्साह पर पानी फेर दिया। टाटा स्टील के कई कर्मचारियों के संक्रमित पाए जाने पर कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया जाने लगा। अब बच्चों के सामने इस कहर के गुजर जाने का इंतजार करने के सिवा दूसरा कोई चारा भी तो नहीं है।

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