टिक-टॉक बना हॉट टाक, कोई खुश, किसी ने कहा-ये तो गलत है

कोर्ट के आदेश के बाद भारत में गूगल एप से इसकी डाउनलोडिंग को बैन कर दिया गया है। बुधवार को एपल ने भी अपने एप स्टोर से इसे हटा दिया।

By mritunjayEdited By: Publish:Thu, 18 Apr 2019 10:04 AM (IST) Updated:Thu, 18 Apr 2019 10:04 AM (IST)
टिक-टॉक बना हॉट टाक, कोई खुश, किसी ने कहा-ये तो गलत है
टिक-टॉक बना हॉट टाक, कोई खुश, किसी ने कहा-ये तो गलत है

धनबाद, जेएनएन। ऐसा कोई भी दिन नहीं होगा जब आपके मोबाइल पर आपके चाहने वालों का टिक टॉक वीडियो का लिंक न आए। किसी गाने या डॉयलॉग पर लिप्स चमकाते युवाओं का वीडियो कुछ महीनों से क्रेज में था। स्कूली बच्चे हों या कॉलेज के युवा, हर किसी पर इसकी दीवानगी छाई हुई थी। हालांकि इसी बीच, अचानक कोर्ट के हथौड़े ने इस टिक-टॉक को देशभर में हॉट टॉक बना दिया।

कोर्ट के आदेश के बाद भारत में गूगल एप से इसकी डाउनलोडिंग को बैन कर दिया गया है। बुधवार को एपल ने भी अपने एप स्टोर से इसे हटा दिया। इस प्रतिबंध के बाद जब हमने शहर के कुछ युवाओं से बात की, तो उनसे अलग-अलग प्रतिक्रिया सुनने को मिली। कुछ युवाओं में खुशी है, कोई इस खबर से बहुत दुखी भी है। कुछ इसे चाइना का एप बताते हुए इस पर प्रतिबंध को जायज ठहरा रहे हैं, तो बाकियों का कहना है कि युवाओं से मनोरंजन का एक साधन छिन गया।

दरअसल, हाल के दिनों में यह तेजी से बढ़ता एप बन गया था। इस एप के जरिए आप अपनी आवाज के साथ वीडियो बना सकते हैं या फिर किसी दूसरे के गीत व संवाद पर अपनी कलाकारी दिखा सकते हैं। टिक टॉक वीडियो अपलोड करने के दौरान अश्लीलता भी बढ़ गई थी, जो प्रतिबंध करने का प्रमुख कारण भी बनीं। हीरापुर के अमित सिन्हा कहते हैं कि इसे बंद करना बिल्कुल सही कदम है। बच्चे इससे बिगडऩे लगे थे। कुछ वीडियो तो ऐसे भी बनाए गए, जो धार्मिक भावनाओं को भी आहत कर रहे थे।

इस एप के कारण युवाओं का समय बर्बाद होने लगा था। चीन के सामान अथवा एप के प्रयोग पर सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाया जाना सराहनीय है। यह अश्लीलता परोस रही थी।

- कुंदन झा, कतरास

किसी भी एप पर अश्लीलता का प्रदर्शन नहीं होना चाहिए। ऐसे सिस्टम पर रोक कारगर है। विशेष कर युवतियों को इससे ज्यादा तकलीफ है।

- उत्तम कुमार, धनबाद

खाली समय में लोग अपना वीडियो बनाकर मनोरंजन किया करते थे, अब वह मौका नहीं मिलेगा। यदि टिक टॉक को बंद किया गया है, तो पबजी भी बंद होना चाहिए।

- किरण कुमारी, धनबाद

टिक टॉक के बंद होने से उन्हें काफी दुख हुआ है। इससे थोड़ी आमदनी भी होती थी। न्यायालय को चाहिए कि इसके कंटेंट की निगरानी करे। इस तरह आजादी नहीं छीननी चाहिए।

- सुहानी स्वर्णा, पुराना बाजार

न्यायालय इसके अश्लील प्रदर्शन को रोकने का काम करे। ना कि इसे बंद करना चाहिए था। मेरा मानना है कि इस पर एक बार फिर से विचार किया जाना चाहिए।

- सुरभि राजपूत, मनईटांड़

युवाओं के बीच तेजी से फैलने लगा है टिकटॉकः यह एक सोशल मीडिया एप्लिकेशन है। इसके जरिए स्मार्टफोन यूजर छोटे-छोटे वीडियो बनाकर शेयर करते हैं। इसका निर्माण चीन की बाइट डान्स नामक कंपनी ने किया है। चीन में इसे सितंबर 2016 में लांच किया गया था। पिछले साल इसकी लोकप्रियता बहुत तेजी से बढ़ी और अक्टूबर 2018 में यह अमेरिका में सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला एप बन गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक टिक टॉक का उपयोग भारत में करीब 20 करोड़ लोग करते हैं। भारत समेत दुनिया के तमाम देशों में टिक-टॉक के जरिए जो वीडियो बनाए जाते हैं, उसमें एक बड़ी संख्या 13 साल से कम उम्र के लोगों की है। प्राइवेसी के लिहाज से टिक-टॉक खतरों से खाली नहीं है, क्योंकि इसमें सिर्फ  दो प्राइवेसी सेटिंग की जा सकती है। अगर कोई यूजर अपना टिक-टॉक अकाउंट डिलीट करना चाहता है, तो वो खुद से ऐसा नहीं कर सकता।

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