Dhanbad Judge murder case: फरार रामदेव पकड़ाया तो खुलेंगे राज, उसी से शुरू होती संदेह की कहानी

गाड़ी की मालकिन सुगनी देवी के पति रामदेव लोहार ने घटना के एक दिन पहले कहा था कि आटो की चोरी कराने के बाद उसे कटवा देना है। बीमा की राशि भी लेनी है। घटना के बाद से रामदेव फरार है। एसआइटी को बेसब्री से उसकी तलाश है।

By MritunjayEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 12:26 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 12:26 PM (IST)
Dhanbad Judge murder case: फरार रामदेव पकड़ाया तो खुलेंगे राज, उसी से शुरू होती संदेह की कहानी
जज उत्तम आनंद और हादसे के समय का सीसीटीवी फुटेज।

अश्विनी रघुवंशी, धनबाद। न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के मुकदमे की जांच कर रहे अपर पुलिस महानिदेशक संजय आनंद लाटकर की अगुवाई में पुलिस को कई अहम सुराग मिले हैैं। उनको डीजीपी ने इस मुकदमे के विशेष जांच दल का मुखिया बनाया है। जिस आटो से उत्तम आनंद को मारा गया, उसके स्थायी चालक गोपाल लोहार ने विशेष जांच दल के सामने स्वीकार किया कि गाड़ी की मालकिन सुगनी देवी के पति रामदेव लोहार ने घटना के एक दिन पहले कहा था कि आटो की चोरी कराने के बाद उसे कटवा देना है। बीमा की राशि भी लेनी है। विशेष जांच दल जानने में लगा है कि लखन और राहुल वर्मा ने वास्तव में आटो की चोरी की थी अथवा रामदेव के कहने पर चुराया था। अवैध दारू का कारोबार करने वाले रामदेव को खोजा जा रहा है। रामदेव का आपराधिक इतिहास रहा है। गिरफ्तारी के बाद रामदेव और आटो चालक गोपाल को आमने सामने किया जाएगा तब और राज खुल सकते हैैं। दल को यकीन है कि रामदेव की गिरफ्तारी के बाद न्यायाधीश की हत्या के पीछे कोई साजिश है तो वह भी सामने आ सकती है।

गौरतलब है कि आटो का स्थाई चालक सोनार है तो न्यायाधीश को मारने वाले लखन और राहुल भी सोनार भी हैैं। टीम को शक है कि सबका कुछ न कुछ संबंध हो सकता है। यद्यपि, अभी तक इस बाबत ठोस साक्ष्य नहीं मिले हैैं। गिरिडीह से लखन वर्मा और धनबाद रेलवे स्टेशन से राहुल वर्मा की गिरफ्तारी के बाद कड़ी पूछताछ की गई है। दोनों ने दोहराया कि मंगलवार की रात आटो चुराने के बाद वे लोग धनबाद रेलवे स्टेशन आए थे। वहां झोपड़ी होटल में देर रात तक शराब पी। संजय आनंद लाटकर के निर्देश पर झोपड़ी होटल के मालिक से भी पूछताछ की गई। होटल मालिक ने स्वीकार किया कि उन लोगों ने देर रात तक शराब पी थी। अनुसंधान में यह बात आई है कि दोनों आधा घंटा तक धनबाद रेलवे स्टेशन के आटो पड़ाव पर थे। दरअसल, जो आटो रोजाना पाथरडीह से धनबाद चलती थी। उसे चुराने के बाद धनबाद स्टेशन पर कई घंटे तक गाड़ी के साथ रुकना शक पैदा करता है। पहलू पर भी अनुसंधान करने का अधीनस्थ अधिकारियों को निर्देश दिया है। लखन और राहुल की गिरफ्तारी के बाद शहीद निर्मल महतो मेमोरियल अस्पताल में दोनों आरोपितों के खून और पेशाब के नमूने लिए गए हैैं ताकि नशाखोरी की चिकित्सकीय जांच भी हो सके।

अपर पुलिस महानिदेशक ने धनबाद पुलिस द्वारा इकट्ठा किए गए सभी सीसीटीवी फुटेज का सूक्ष्मता से अध्ययन किया। संज्ञान में आया है कि न्यायाधीश को मारने के बाद कुछ दूर आगे राहुल आटो से उतर गया था। पूछताछ में राहुल ने पुलिस को बताया कि लखन के साथ उसकी पुरानी खटपट थी। लखन शराब पीकर बिना मतलब का बखेड़ा करता था। इस कारण राहुल के पिता ने एक बार लखन को मारा भी था। लखन ने एक्सीडेंट किया तो वह धनबाद स्टेशन आ गया था। इसके बाद लखन अकेले आटो में गोविंदपुर की ओर गया था। इसके बाद चोरी की आटो खपाने गिरिडीह निकल गया था। गौरतलब है कि गिरिडीह की लंबी यात्रा के दौरान कथित तौर पर खूब नशे में होने पर भी लखन ने फिर कोई दुर्घटना नहीं की। आरोपितों के बयान सुनने के बाद पुलिस ने उनके कॉल रिकार्ड को भी खंगाल रही है।

विशेष जांच दल के कहने पर दो लोगों की शिद्दत से तलाश

न्यायाधीश को आटो ने टक्कर मारी थी तो महज कुछ मीटर पीछे एक व्यक्ति वाहन से गुजरा था। उसने तिरछी निगाहों से न्यायाधीश की ओर देखा था। इसके बाद आटो के पीछे बढ़ता गया। विशेष जांच दल को उस व्यक्ति पर शक है। सीसीटीवी वीडियो में यह भी दिखा कि कुछ मीटर आगे एक व्यक्ति बांयी ओर से आटो के सामने आया। दाहिनी तरफ तक गया। फिर आटो की बांयी ओर आ गया। सब कुछ कुछ सेकेंड में घटित हुआ। विशेष जांच दल इसके दो पहलू मान रहा है। एक यह कि उस व्यक्ति ने आटो को रुकवाने का प्रयास किया। दूसरा पहलू यह है कि अगर आटो अनियंत्रित होकर भाग रहा था तो वो दाहिने ओर जाने के बाद वो शख्स जान को खतरे में डालते हुए आटो के सामने से बांयी तरफ क्यों गया।

नर्स ने जज को बचाने की कोशिश की थी, बच्चों ने की थी मदद

न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत के मामले में पुलिस के संज्ञान में कई ऐसी बातें आई है जो मानवता को शर्मसार करती है। न्यायाधीश के ठीक पीछे चार लोग सुबह की सैर कर रहे थे। आटो ने टक्कर मारी थी तो चार में दो लोग उन्हें यूं ही छोड़ आगे बढ़ गए थे। सिर्फ दो लोगों ने मदद की कोशिश की थी। एक पुरुष के साथ नर्स भी आगे बढ़ गई थी। कुछ आगे जाने के बाद नर्स वापस आई। उसने न्यायाधीश को बचाने का भरसक प्रयास किया था। प्रारंभिक चिकित्सा के लिए हर मुमकिन कोशिश की थी। सड़क की दाहिने ओर तीन चार बच्चे साइकिलिंग कर रहे थे। वे बच्चे भी न्यायाधीश को बचाने के लिए तुरंत दौड़े आए थे। एक गरीब व्यक्ति ने वो सब कुछ किया, जो कोई अपना करता। हां, सुबह की सैर करने वाले कई लोग चुपचाप आगे बढ़ गए मानो न्यायाधीश की जगह उन लोगों की मानवता मर गई हो।

न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के मुकदमे में सारे पहलुओं की पड़ताल हो रही है। आरोपित जो भी बयान दिए हैैं, उसका सत्यापन किया जा रहा है। कई प्रत्यक्षदर्शी हैैं। उनसे पूछताछ हो रही है। कुछ ऐसे लोग भी हैैं जिनकी तलाश चल रही है। इस मुकदमे की एक-एक बात का सच सामने लाया जाएगा। यकीन रखिए।

-संजय आनंद लाटकर, अपर पुलिस महानिदेशक, झारखंड पुलिस

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