26 घंटे के बाद तोपचांची झील से निकाला गया रोहित का शव
संवाद सहयोगी तोपचांची वाट्सएप पर स्टेटस डालकर तोपचांची झील में छलांग लगाने वाले तोपचांची बा
संवाद सहयोगी, तोपचांची: वाट्सएप पर स्टेटस डालकर तोपचांची झील में छलांग लगाने वाले तोपचांची बाजार निवासी शंकर दास के 16 वर्षीय पुत्र रोहित कुमार का शव 26 घंटे बाद शुक्रवार को निकाल लिया गया। गुरुवार को करीब साढ़े नौ बजे रोहित ने झील में छलांग लगा दी थी।
देर शाम तक झगड़ के सहारे उसे खोजने का काफी कोशिश किया गया था, लेकिन पता नहीं चला था। शुक्रवार की सुबह झगड़ तथा रस्सी से फिर उसकी खोजबिन शुरू की गई। करीब 5 घंटे की मशक्कत के बाद जिस स्थान पर उसका बैग मिला था। उसी जगह पर पुल के नीचे उसका शव मिला।
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गोताखोर के आने से पहले मिल गया रोहित का शव
गोताखोर झील में उतरने की तैयारी कर रहे थे कि इस बीच ग्रामीणों के झग्गड़ में रोहित का शव फंस गया। शव को खीचकर बाहर निकाला गया। शव बाहर आते उसके पिता शंकर दास तथा परिजन फफक फफक कर रो पड़े। काफी संख्या में ग्रामीण जमा हो गए।
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सुसाइड नोट बना जांच का विषय
रोहित ने आत्महत्या क्यों की, यह पहले बन गई है। उसके सुसाइड नोट में अंकित है कुछ गलतियों को सुधारने के लिए सुसाइड करना पड़ रहा है। किस गलती को सुधारने के लिए इतना बड़ा कदम उसने उठाया, यह पुलिस को जानना चुनौती है। रोहित घर का बड़ा बेटा था। उसके असमय मौत से पूरा परिवार सदमे में है। मां तथा एक भाई और एक बहन का रो-रोकर बुरा हाल है। आखिर उसने ऐसा क्यों किया? सवाल लोगों के मन कुरेद रहा है।
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झील में नहीं है कोई व्यवस्था
तोपचांची झील माडा के अधीन है और झील पानी से लबालब भरा हुआ है। यदि गलती से उसमें कोई गिर जाए तो मौत की मुंह से बचाने के लिए माडा के पास कोई व्यवस्था नहीं है।