23 तक न्यायिक कार्य से अलग रहेंगे अधिवक्ता

जिले के अधिवक्ता 23 मई तक किसी भी न्यायालय में न्यायिक कार्य में हिस्सा नहीं लेंगे। रविवार को हुए ऑनलाइन रिव्यू बैठक में धनबाद बार एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है। साथ ही इसका सख्ती से पालन करने का निर्देश भी दिया है।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 06:20 AM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 06:20 AM (IST)
23 तक न्यायिक कार्य से अलग रहेंगे अधिवक्ता
23 तक न्यायिक कार्य से अलग रहेंगे अधिवक्ता

विसं, धनबाद : जिले के अधिवक्ता 23 मई तक किसी भी न्यायालय में न्यायिक कार्य में हिस्सा नहीं लेंगे। रविवार को हुए ऑनलाइन रिव्यू बैठक में धनबाद बार एसोसिएशन ने यह निर्णय लिया है। साथ ही इसका सख्ती से पालन करने का निर्देश भी दिया है। धनबाद बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अमरेंद्र कुमार सहाय व महासचिव जीतेंद्र कुमार ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए न्यायिक कार्य शुरू करने या न्यायिक कार्य से वकीलों को दूर रखने से संबंधित निर्णय लेने हेतु कांउसिल ने जिला एसोसिएशन को अधिकृत किया था। उन्होंने बताया कि संक्रमण का खतरा अभी टला नहीं है इसी कारण 23 मई तक खुद को न्यायिक कार्य से अलग रहने का फैसला लिया गया है। इस आदेश के अवहेलना पर संबंधित अधिवक्ता पर कार्रवाई होगी। उन्होंने बताया कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं होती तब तक सुनवाई को पूरी तरह से ऑनलाइन करने का अनुरोध किया गया है ताकि अधिवक्ता को आवेदन दाखिल करने, सत्यापित दस्तावेज लेने के लिए भी कोर्ट न आना पड़े। महासचिव जीतेंद्र कुमार ने बताया कि बार एसोसिएशन ने उपायुक्त धनबाद से बार एसोसिएशन परिसर में वैक्सीनेशन कैंप लगाकर अधिवक्ताओं को टीका लगाने का आग्रह किया है। ऑनलाइन जेल अदालत में एक बंदी मुक्त

विसं, धनबाद : जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा रविवार को ऑनलाइन जेल अदालत का आयोजन किया गया। इस बाबत जानकारी देते हुए प्राधिकार के सचिव सह अवर न्यायाधीश अरविंद कच्छप ने बताया कि प्रभारी प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डीएलएसए धनबाद अरविंद कुमार पाडे के निर्देशानुसार वर्चुअल जेल अदालत का आयोजन किया गया। इसमें धनबाद के अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शशि भूषण शर्मा, प्रतिमा उराव जे एम, अíपत श्रीवास्तव एवं रेलवे मजिस्ट्रेट गौरव खुराना के कोर्ट से कुल आठ विचाराधीन अभियुक्तों का उप स्थापन किया गया, जिसमें से एक अभियुक्त रंजीत कुमार सोनी को मुक्त करने का आदेश दिया गया। अन्य सात अभियुक्त के कारावास की सीमित अवधि पूरी नहीं होने के कारण नहीं छोड़ा जा सका।

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