चक्रवर्ती नर्सिंग होम पर कार्रवाई सही नहीं : आइएमए
चक्रवर्ती नर्सिग होम को दो माह के लिए बंद करने का आदेश गैर-न्यायिक और असहनीय है। शिकायतकर्ता ने स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसके बाद एसएनएमएमसीएच ने इस मामले की जांच मेडिकल बोर्ड से कराई थी। जिसमें कई विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद थे। बोर्ड ने जांच के बाद डा. डी चक्रवर्ती को क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने मुख्यालय में इसकी शिकायत की। इसके बाद राज्य स्तरीय टीम ने जांच कर डा. चक्रवर्ती को दोषी करार दे दिया गया। तो क्या यह मानें कि पहली जांच सही से नहीं की गई थी। उक्त बातें बुधवार को आइएमए के प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश अध्यक्ष डा. एके सिंह ने कही।
जागरण संवाददाता, धनबाद : चक्रवर्ती नर्सिग होम को दो माह के लिए बंद करने का आदेश गैर-न्यायिक और असहनीय है। शिकायतकर्ता ने स्थानीय थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसके बाद एसएनएमएमसीएच ने इस मामले की जांच मेडिकल बोर्ड से कराई थी। जिसमें कई विशेषज्ञ चिकित्सक मौजूद थे। बोर्ड ने जांच के बाद डा. डी चक्रवर्ती को क्लीन चिट दे दी थी। इसके बाद शिकायतकर्ता ने मुख्यालय में इसकी शिकायत की। इसके बाद राज्य स्तरीय टीम ने जांच कर डा. चक्रवर्ती को दोषी करार दे दिया गया। तो क्या यह मानें कि पहली जांच सही से नहीं की गई थी। उक्त बातें बुधवार को आइएमए के प्रेस वार्ता के दौरान प्रदेश अध्यक्ष डा. एके सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि एक अन्य टीम को मुख्यालय रांची से नर्सिग होम भेजा गया, जिसमें दो डाक्टर शामिल थे, जिनकी योग्यता का खुलासा नहीं किया गया है। क्या वे एसएनएमएमसीएच के बोर्ड के सदस्यों द्वारा लिए गए निर्णय को रद करने के लिए योग्य थे, या फिर ये एक साजिश के तहत किया गया है। उन्होंने कहा कि कंडिका नौ के तहत कहीं से भी यह मामला प्रोफेशनल मिसकंडक्ट का नहीं है। तो ऐसे में नर्सिंग होम बंद कर देना उचित नहीं है। कार्रवाई से पता चलता है कि स्वास्थ्य विभाग अदालत की भूमिका निभाने की कोशिश कर रहा है। मौके पर डा. एके सिंह, डा. मेजर चंदन, डा. निर्मल ड्रोलिया, डा. राकेश इंदर आदि समेत अन्य शामिल थे। मामला कोर्ट में तो फिर क्लीनिक क्यों किया बंद
आइएमए के जिला अध्यक्ष डा. मेजर चंदन ने कहा कि जब मामला कोर्ट में है, तो फिर नर्सिंग होम को किस आधार पर बंद कर दिया गया। अगर डा. चक्रवर्ती दोषी हैं तो उनपर अस्थाई कार्रवाई की जा सकती थी, लेकिन जिस नर्सिंग होम से कई नर्सिंग स्टाफ जुड़ें हों, एक ब्लड बैंक हो, तो कैसे नर्सिंग होम को दो माह के लिए बंद कर दिया गया। बॉक्स
दावा पेश करने का मिलेगा एक और मौका : सीएस
इधर, सिविल सर्जन डा. एसके कांत ने कहा कि राज्य सरकार के निर्देश को मानना ही होगा। वे नर्सिंग होम प्रबंधक को अपना पक्ष रखने का एक और मौका देंगे। उन्हें विभाग के समक्ष दावा पेश करना होगा। अगर पेश किया गया दावा सही पाया जाता है तो नर्सिंग होम खुल सकता है। बाकी कोर्ट फैसला करेगा।