बिना कार्यालय आदेश के अकाउंट मैनेजर ने खरीदी चार लाख रुपये की दवा

धनबाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों का इलाज भले ही सही से नहीं किया जाता हो लेकिन दवा और सामान खरीदने में विभाग कभी भी पीछे नहीं रहता। ऐसा ही एक मामला धनबाद सीएचसी में देखने को मिला है। यहां के अकाउंट मैनेजर ने बिना किसी कार्यालय आदेश के लगभग चार लाख रुपये की दवा खरीद ली है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 06:09 AM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 06:09 AM (IST)
बिना कार्यालय आदेश के अकाउंट मैनेजर ने खरीदी चार लाख रुपये की दवा
बिना कार्यालय आदेश के अकाउंट मैनेजर ने खरीदी चार लाख रुपये की दवा

जागरण संवाददाता, धनबाद : स्वास्थ्य विभाग की ओर से मरीजों का इलाज भले ही सही से नहीं किया जाता हो, लेकिन दवा और सामान खरीदने में विभाग कभी भी पीछे नहीं रहता। ऐसा ही एक मामला धनबाद सीएचसी में देखने को मिला है। यहां के अकाउंट मैनेजर ने बिना किसी कार्यालय आदेश के लगभग चार लाख रुपये की दवा खरीद ली है। यह खरीदारी बिना किसी कार्यालय आदेश और प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के अनुमति के बिना की गई है। खरीदारी जनवरी और फरवरी 2021 में हुई है। यह मामला तब खुला जब संबंधित एजेंसी भुगतान के लिए स्वास्थ्य विभाग पहुंची। जब भुगतान की बात हुई, तो प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. सुनील कुमार ने इससे साफ इन्कार कर दिया। उन्होंने बताया कि दवा की खरीदारी के लिए उन्होंने कोई निर्देश नहीं दिया था। मामले की सूचना सिविल सर्जन डा. श्याम किशोर कांत को दी गई। इसके बाद मामले की जांच शुरू हुई है। स्थानीय स्तर पर दवा खरीदने पर भी ली जाती है अनुमति :

डा. सुनील ने बताया कि स्थानीय स्तर पर भी जो दवाई खरीदी जाती हैं, उसके लिए कार्यालय आदेश या विभागीय अधिकारियों का निर्देश जरुरी होता है। किसी भी आपातकालीन स्थिति में भी दवा का क्रय बिना कार्यालय आदेश के नहीं किया जा सकता है। डा. सुनील ने बताया कि लोकल स्तर से जिस एजेंसी के साथ करार हुआ है, उसके लिए अलग से कोटेशन भी तय किए जाते हैं। लेकिन चार लाख रुपये की दवा की खरीदारी में क्या प्रक्रिया अपनाई गई है, इसके बारे में भी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। मामले की जानकारी सिविल सर्जन को दी गई है। एजेंसी का फंस गया पैसा : इधर, दवा सप्लाई करने वाली एजेंसी का पैसा फंस गया है। एजेंसी ने भुगतान के लिए विभागीय अधिकारियों को सूचित किया है। एजेंसी वालों का कहना है कि भुगतान नहीं होने से उनकी कंपनी की आर्थिक स्थिति खराब हो जाएगी। मामले की जांच की जा रही है। संबंधित पदाधिकारी और कर्मी को तलब किया गया है। जांच के बाद जो दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।

- डा. श्याम किशोर कांत, सिविल सर्जन, धनबाद

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