DMC Estimate Scam: पूर्व मेयर के सामने एसीबी ने चार घंटे तक दागे सवाल, शेखर का एक ही जवाब-कोई घोटाला नहीं

DMC Estimate Scam धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की योजना में लगभग 200 करोड़ रुपये के प्राक्कलन घोटाले की जांच सरकार के निर्देश पर हो रही है। इस योजना के तहत धनबाद नगर निगम में 40 सड़कें स्वीकृत की गई थीं।

By MritunjayEdited By: Publish:Mon, 11 Oct 2021 08:14 PM (IST) Updated:Tue, 12 Oct 2021 05:57 AM (IST)
DMC Estimate Scam: पूर्व मेयर के सामने एसीबी ने चार घंटे तक दागे सवाल, शेखर का एक ही जवाब-कोई घोटाला नहीं
धनबाद के पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल ( फाइल फोटो)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। धनबाद नगर निगम में 200 कराेड़ रुपये के इंटीग्रेटेड सड़क इस्टीमेट घाेटाले की जांच कर रही एसीबी (Anti Corruption Bureau) के समक्ष साेमवार को पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल उपस्थित हुए। एसीबी डीएसपी नितिन खंडेलवाल ने चार घंटे तक पूर्व मेयर से पूछताछ की। इस दौरान लगभग 40 प्रश्न पूछे। इसमें आय से अधिक संपत्ति और प्राक्कलन घोटाले से संबंधित प्रश्न शामिल थे। झारखंड प्रदेश भाजपा कार्यसमिति सदस्य अग्रवाल ने जवाब में सारे आरोपों को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा-राजनीतिक साजिश के तहत शिकायत की गई है। एसीबी ने पूर्व मेयर से इंटीग्रेटेड सड़क निर्माण के तकनीकी पहलुओं, निर्माण की लागत, नाली, एलईडी लाइट, पेवर्स ब्लाक आदि का प्रावधान, परामर्शी एजेंसी मेसर्स मास एंड वायड से डीपीआर तैयार कराने, इसके एवज में परामर्श शुल्क भुगतान से संबंधित विस्तृत जानकारी ली। इससे पहले भी एसीबी ने अप्रैल से अभी तक कई बार पूर्व मेयर को पत्र भेजकर जानकारी मांगी थी। एसीबी 14वें वित्त आयोग के अंतर्गत प्राक्कलन घोटाले की जांच की जा रही है। पूर्व मेयर पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और प्राक्कलन घोटाले में संलिप्ता का आरोप है।

यह है मामला

धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की योजना में लगभग 200 करोड़ रुपये के प्राक्कलन घोटाले की जांच सरकार के निर्देश पर हो रही है। 14वें वित्त आयोग की राशि से धनबाद नगर निगम में 40 सड़कें स्वीकृत की गई थीं। इनमें से 27 का प्राक्कलन नगर निगम के ही तकनीकी पदधिकारियों ने बनाया। डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाने के एवज में किसी भी परामर्शी एजेंसी को शुल्क का भुगतान नहीं किया। इसमें 13 सड़कों के साथ नाली, एलईडी लाइट, पेवर्स ब्लाक आदि का प्रावधान होने के कारण परामर्शी एजेंसी मेसर्स मास एंड वायड से इसका डीपीआर और परामर्श शुल्क देकर डिजाइन तैयार कराया गया। इन 13 सड़कों की कुल प्राक्कलित राशि 156.33 करोड़ रुपये है। इसके डीपीआर के अवलोकन से पता चला कि किसी भी डीपीआर में डिजाइन संलग्न नहीं है। डीपीआर में तकनीकी प्रतिवेदन भी नहीं है। इसके अलावा सड़कें बनाने में कई खामियां रहीं। तकनीकी प्रावधानों के उल्लंघन का भी आरोप लगाया गया है।

राजकुमार ने की थी शिकायत

बरटांड़ निवासी राजकुमार ने लाेकायुक्त से शिकायत की थी। लाेकायुक्त ने नगर विकास विभाग काे जांच का निर्देश दिया। विभाग के तत्कालीन संयुक्त सचिव एके रतन के नेतृत्व वाली टीम ने अपनी रिपाेर्ट में मामले की विस्तृत जांच कराने की अनुशंसा की थी। आरोप है कि धनबाद नगर निगम में 14वें वित्त आयोग की राशि से बनने वाली सड़कों का परामर्शी से डीपीआर तैयार कराकर पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल के निर्देश पर पहले से अच्छी स्थिति वाली पीसीसी सड़कों को ही तोड़कर प्राक्कलित राशि कई गुना बढ़ा दी गई। फिर उसी पीसीसी सड़कों का निर्माण करा दिया गया। इस मामले में एसीबी प्रारंभिक सूचना दर्ज कर जांच कर रही है। जांच का विषय यह है कि यह मामला चलने लायक है या नहीं? एसीबी की रिपोर्ट के आधार पर सरकार प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई करने का निर्देश देगी। इस मामले में अब तक शिकायतकर्ता सामने नहीं आया है। एसीबी को उसकी तलाश है। 

जांच में पूरा सहयोग किया। लगभग चार घंटे तक एसीबी ने कई चीजों के बारे में जाना। एसीबी ने सड़क निर्माण, इसके तकनीकी चीजों को भी समझने का प्रयास किया। एसीबी प्रश्नों के जवाब से संतुष्ट दिखी। इससे पहले भी एसीबी को जांच में सहयोग किया था। जितनी दफा एसीबी ने पत्र दिया उसका पूरा जवाब तथ्यों के साथ दिया।

- चंद्रशेखर अग्रवाल, पूर्व मेयर धनबाद

पूर्व मेयर से आय से अधिक संपत्ति जुटाने और सड़क के प्राक्कलन घोटाले के संबंध में पूछताछ की है। उन्होंने जांच में सहयोग किया। इसकी रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी।

- नितिन खंडेलवाल, डीएसपी एसीबी

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