Corona Era में झारखंड के किसानों की नहीं सुनवाई, बकाया भुगतान के लिए आप ने कृषि मंत्री को लिखा पत्र
22 अप्रैल से झारखंड में लॉकडाउन है। इस लॉकडाउन अवधि में किसानों को आर्थिक क्षति हो रही है। रवि फसल (खासकर सब्जी) का उत्पादन अचछा होने के बाद भी लॉकडाउन के चलते किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।
धनबाद, जेएनएन। कोरोना और लॉकडाउन के कारण धनबाद समेत पूरे झारखंड के किसान परेशान हैं। एक तरफ रवि फसल ( खासकर सब्जी) का अच्छा उत्पादन होने के बावजूद किसानों को उचित लाभ नहीं मिल पा रहा है। दूसरी तरफ अब तक धान अधिप्राप्त के बाद किसानों का पैसा पैक्सों के पास बकाया है। पैक्स सरकार से पैसा नहीं मिलने का रोना रो रहे हैं। इन सबके बीच फिर से खरीफ फसल लगाने का समय नजदीक आ गया है। किसान बीज और खाद के लिए परेशान हैं। धनबाद के आम आदमी पार्टी सह किसान नेता दीप नारायण सिंह ने कृषि मंत्री बादल पत्रलेख को पत्र लिखकर धान अधिप्राप्त का बकाया भुगतान सुनिश्चित करने की मांग की है।
22 अप्रैल से झारखंड में लॉकडाउन
सिंह ने कहा है कि कोविड-19 की दूसरी लहर ने पूरे देश के साथ - साथ झारखंड को भी प्रभावित किया है। कोविड-19 के दूसरी लहर को रोकने के लिए आवश्यकता अनुसार देश के लगभग सभी राज्य सरकारों ने अपने - अपने स्तर से लॉकडाउन किया है। पिछले 22 अप्रैल से झारखंड में भी लॉकडाउन है। इस लॉकडाउन अवधि में किसानों को बहुत ही अधिक आर्थिक क्षति हुई है। रवि फसल (खासकर सब्जी) का उत्पादन अच्छे ढंग से होने के बाद भी लॉकडाउन के चलते किसानों को उनके उपज का उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है। इस वर्ष सरकार द्वारा किसानों से क्रय की गई धान का पैसा भी अब तक किसानों के खाते में नहीं आ पाया है।
25 जून को रोहिणी नक्षत्र का शुभारंभ
दीपनारायण ने कहा है कि आगामी 25 जून से खेती- किसानी का शुभ नक्षत्र (रोहिणी) प्रारंभ होने जा रहा है। रोहिणी नक्षत्र से ही खेती का काम शुरू हो जाएगा। ऐसी परिस्थिति में किसानों की आर्थिक हालत को देखते हुए सरकार किसानों के धान का बकाया राशि जल्द से जल्द भुगतान नहीं करती है और सरकार किसानों को पूर्ण अनुदान में खाद - बीज की व्यवस्था नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में झारखंड में धान, मक्का आदि खरीफ फसल की उत्पादन में भारी गिरावट आ सकती है। किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। आम आदमी पार्टी, झारखंड प्रदेश मांग करती है कि किसानों को जल्द से जल्द धान का बकाया राशि का भुगतान किया जाए और किसानों को पूर्ण अनुदान में खाद एवं खरीफ फसल की बीज (जैसे-धान, मक्का,मडुआ,बाजडा आदि,) (रोहिणी ) नक्षत्र प्रारम्भ होने से पहले मुहैया कराया जाए।