HURL के जलागार में नहाने गई छात्रा डूबी, सिंदरी बस्ती में पसरा मातम

सिंदरी बस्ती निवासी फटीक मंडल की 17 वर्षीय पुत्री सुनीता कुमारी बुधवार को स्नान करने के दौरान हर्ल के जलागार में डूब गई। काफी देर तक घर नहीं पहुंची तो उसके स्वजनों ने खोजबीन शुरू की। इसके बाद वह जलागार में अचेत अवस्था में मिली।

By MritunjayEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 04:06 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 04:17 PM (IST)
HURL के जलागार में नहाने गई छात्रा डूबी, सिंदरी बस्ती में पसरा मातम
हर्ल सिंदरी का विशाल जलागार ( फाइल फोटो)।

संस, सिन्दरी। सिंदरी बस्ती निवासी फटीक मंडल की 17 वर्षीय पुत्री सुनीता कुमारी बुधवार को स्नान करने के दौरान हर्ल के जलागार में डूब गई। काफी देर बाद भी जब वह घर नहीं पहुंची तो स्वजनों ने  खोजबीन शुरू की। पता चला कि वह जलागार में डूब गई है। उसके पिता और सिंदरी बस्ती के लोग जलागार के पास पहुंचे। किसी तरह सुनीता को पानी से बाहर निकाला गया। स्वजन और बस्ती के लोग उसे इलाज के लिए तुरंत धनबाद के एसएनएमएमसीएच ले गए। चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। 

इंटर की छात्रा थी सुनीता

फटीक एसीसी सिंदरी सीमेंट कारखाना में मजदूर है। उनकी पुत्री सुनीता अकेले हर्ल के जलागार में स्नान करने गई थी। स्नान के दाैरान वह गहरे पानी में डूब गई। इस कारण उसकी माैत हो गई। घटना के बाद से स्वजन रो-रोकर बेहाल हैं। सुनीता इंतर की छात्रा थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि हर्ल के जलागार की लंबाई और चौड़ाई लगभग आधा किलोमीटर है। वहीं इसकी गहराई लगभग 12 फीट है।

जलागार खुला होने के कारण होते रहता हादसा

स्थानीय लोगों ने बताया कि जलागार की सुरक्षा के उपाय प्रबंधन की ओर से नहीं किए हैं। इस कारण डूबने का हादसा होते रहता है। पहले भी कई लोग स्नान के दाैरान डूब कर मर चुके हैं। सिंदरी में एफसीआइ खाद कारखाना बनने के समय 1948 में इस सेटलिंक टैंक यानी जलागार का निर्माण किया गया था। यह खुला हुआ है। लगभग तीन किलोमीटर दूर दामोदर नदी से पाइप और मोटर पंप के माध्यम से यहां पानी को लाकर जमा किया जाता है। इसमे लोग स्नान भी करते हैं। इसके बगल में फिल्टर प्लांट है। इस फिल्टर प्लांट से पानी को फिल्टर कर सिंदरी कालोनी में जलापूर्ति की जाती है। 

chat bot
आपका साथी