98 साल पुरानी पाइप से कतरास शहर में जलापूर्ति
कतरास शहर में जलापूर्ति की व्यवस्था करीब एक सौ साल पुरानी है।
बृजनंदन ठाकुर, कतरास: कतरास शहर में जलापूर्ति की व्यवस्था करीब एक सौ साल पुरानी है। यहां के लोगों को शुद्ध जल उपलब्ध कराने के लिए ब्रिटिश शासनकाल के दौरान 1915 में योजना को धरातल पर उतारने की शुरुआत हुई थी। तोपचांची झील में जलाशय और पानी को परिष्कृत करने की व्यवस्था हुई। बिना मोटर के होम पाइप के जरिए झील से तिलाटांड़ जलाशय में पानी लाने की व्यवस्था सुनिश्चित की गई। तिलाटांड़ से तेतुलमारी, सिजुआ, अंगारपथरा होते हुए कतरास शहर के कई मोहल्लों में पाइप लाइन बिछाई गई। इसके बाद 1924 में जलापूर्ति शुरू हुई। कतरास के लोगों को तोपचांची झील का पानी मिलने लगा।
कालांतर में इस योजना को अत्यधिक उपयोगी बनाने के लिए अन्य पाइप बिछाई गई। यहां तक कि भटमुड़ना, सोनारडीह, खरखरी तक पाइप बिछाई गई ताकि वहां के लोगों को भी झील का पानी मिल सके, लेकिन तंत्र की उपेक्षा के चलते सोनारडीह, भटमुरना, खरखरी के लोगों को झील का पानी नसीब नहीं हुआ। कतरास शहर में जलापूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए न तो झमाडा और न ही नगर निगम ने अब तक कोई ठोस कदम बढ़ाया।
कुछ वर्षों में कुछ छोटी पाइप बदली गई, लेकिन कतरी नदी से छाताबाद पुल तक 10 इंच की पाइप नहीं बदली गई। यह पाइप कई जगह नाली से गुजर रही है। मोहल्लों में आपूर्ति की जाने वाली पाइप भी कई जगह नाली के गंदगी से गुजर रही है। विभागीय कर्मी की मानें तो जुगाड़ तंत्र पर जलापूर्ति की जा रही है। जर्जर पाइप की मरम्मत करानेवाला कोई नहीं है। लो प्रेशर और मोटर के इस्तेमाल के चलते रानीबाजार सहित पड़ोस मोहल्लों के कई घरों में पानी नहीं पहुंच रहा है। अनेक लोगों को पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं मिल रहा है। छाताबाद- मालकेरा रोड में कटहल धौड़ा तक पाइप लाइन बदलने की जरूरत है। पाइप काफी नीचे चले जाने के चलते जलापूर्ति में परेशानी आ रही है। कतरास शहर की जलापूर्ति व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए योजना तैयार कर उसको धरातल पर उतारने की जरूरत है।
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दो दशक पूर्व जमुनिया जलापूर्ति योजना को धरातल पर उतारकर कतरास बाजार, सलानपुर, गुहीबांध सहित दर्जन भर मोहल्लों में जलापूर्ति की जा रही है।
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खास सिजुआ व बन तुलसी धौड़ा में गहराया जल संकट, दो माह से पिट वाटर की आपूर्ति ठप
संस, तेतुलमारी: तेतुलमारी क्षेत्र के वेस्ट मोदीडीह, खास सिजुआ, बन तुलसी धौड़ा सहित अन्य जगहों पर करीब दो माह से पिट वाटर की समस्या उत्पन्न हो गई है। लोगों को दूर-दराज से साइकिल, बाइक, ठेला व टेंपो के माध्यम से पानी लाना पड़ता है, इसके बाद घरेलू काम कर पाता है। यह समस्या पिछले दो माह से बनी हुई है। खास सिजुआ निवासी बबलू रवानी, मनोज चौहान, विजय कुमार, सूरज कुमार ने बताया कि कोलियरी प्रबंधन द्वारा पिट वाटर आपूर्ति कराने के लिए लगाए गए मोटर पंप में तकनीकी खराबी आ जाने से यहां पिट वाटर की समस्या उत्पन्न हो गई है। इस समस्या से पिछले दिनों कतरास क्षेत्रीय प्रबंधन को भी अवगत कराया गया है, लेकिन अभी तक निदान नहीं किया गया है। ग्रामीणों ने कहा कि पानी की समस्या से गृहणियों के अलावा स्कूली बच्चों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वे समय पर स्कूल नहीं जा पाते हैं। नहाने, कपड़ा व बर्तन धोने के लिए तालाब या जोरिया जाना पड़ता है। पीने के लिए जार का पानी खरीद कर उपयोग करते हैं।