साहिबगंज पहुंची सीबीआइ की फारेंसिक टीम, तोड़ा जाएगा Rupa Tirkey के कमरे का सील ताला

Rupa Tirkey Suicide Case साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की आत्महत्या केस की जांच सीबीआइ कर रही है। गुरुवार सुबह सीबीआइ की एक फारेंसिक टीम साहिबगंज पहुंची। अब जांच में तेजी आएगी। रूपा के सील कमरे का ताला तोड़ा जाएगा।

By MritunjayEdited By: Publish:Thu, 16 Sep 2021 08:37 AM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 09:36 AM (IST)
साहिबगंज पहुंची सीबीआइ की फारेंसिक टीम, तोड़ा जाएगा Rupa Tirkey के कमरे का सील ताला
सीबीआइ ने साहिबगंज महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की आत्महत्या केस की जांच तेज की ( सांकेतिक फोटो)।

जागरण संवाददाता, साहिबगंज। साहिबगंज की महिला थाना प्रभारी रूपा तिर्की की मौत की जांच कर रही सीबीआइ की जांच में और तेजी आ गयी है। साहिबगंज व्यवहार न्यायालय में दर्ज मामले को धनबाद सीबीआइ की अदालत में ट्रांसफर कराने क काम छोड़कर सीबीआइ अब इस मामले से जुड़े लोगों की पूछताछ में जुट गयी है। बुधवार को सीबीआइ अधिकारियों ने इस कांड की पहली अनुसंधानकर्ता (आइओ) स्नेहलता सुरीन से उनेक आवास पर जाकर पूछताछ की। दहला महिला कालेज के पास उनके आवास पर जाकर सीबीआइ अधिकारियों ने रूपा की मौत से जुड़े एक-एक पहलू जानकारी ली। दूसरी तरफ गुरुवार सुबह सीबीआइ की एक 8 सदस्यीय फारेंसिक टीम भी पहुंच गई। यह टीम रूपा तिर्की के सील कमरे का ताला तोड़ेगी। इसके बाद आत्महत्या स्थल से साक्ष्य जुटाने की कोशिश की जाएगी।

सीबीआइ अधिकारियों ने नए परिसदन के अस्थायी कार्यालय में बुला कर जिरबाबाड़ी ओपी के मुंशी अनिल दुबे, पुलिस जवान सतीश आशीष तिर्की, सुमित सोनी एवं एक और पुलिसवाले से पूछताछ की। इनमें अधिकतर पुलिसकर्मी जिरवाबाड़ी ओपी में तैनात हैैं। सतीश आशीष तिर्की का पैतृक आवास रूपा तिर्की के पैतृक आवास के आसपास है। इसी वजह से उनमें बेहतर संबंध थे। दोनों में अक्सर बातचीत होती थी। सीबीआइ अधिकारी उससे यह जानना चाहते थे कि रूपा तिर्की ने कभी उसे काम अथवा किसी और तरह के दबाव के संबंध में किसी तरह की चर्चा की थी। सीबीआइ पुरुषों को परिसदन में बुला रही है तो महिलाओं के घर जाकर पूछताछ कर रही है। सूत्रों की मानें तो एक-दो दिनों में सीबीआइ कुछ बड़े लोगों से पूछताछ कर सकती है।

बता दे कि तीन मई को रूपा तिर्की उनके सरकारी क्वार्टर में फांसी के फंदा से लटकते मिला था। कांड की प्राथमिकी जिरवाबाड़ी ओपी में दर्ज की गई थी। दारोगा स्नेहलता सुरीन को कांड का जांच पदाधिकारी बनाया गया था। नौ मई को राजमहल के पुलिस इंस्पेक्टर राजेश कुमार के बयान पर इस मामले में आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं को जोड़ दिया गया। इस कांड का जांच पदाधिकारी भी पुलिस इंस्पेक्टर राजेश कुमार को बनाया गया था। उन्होंने इस मामले में पुलिस अवर निरीक्षक शिव कनौजिया को दोषी पाते हुए गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। बाद में इस कांड की जांच का जिम्मा नगर प्रभाग के पुलिस इंस्पेक्टर शशिभूषण चौधरी को सौंपा गया। शशिभूषण चौधरी ने कोर्ट में आरोपपत्र समॢपत किया। उधर, रूपा तिर्की के स्वजनों की मांग पर झारखंड हाईकोर्ट ने मामले की जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंप दिया।

chat bot
आपका साथी