कोरोना वारियर्स को यह कैसा सम्मान! धनबाद प्रशासन ने 72 को काम से हटाया

कोरोना संक्रमण के वक्त जिला प्रशासन ने डीएमएफटी फंड से स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से 3 महीने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली की थी। इसके बाद संक्रमण का मामला लगातार बढ़ता रहा। स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती एसएनएमएमसीएच के कैथ लैब में की गई थी।

By MritunjayEdited By: Publish:Tue, 19 Oct 2021 01:56 PM (IST) Updated:Tue, 19 Oct 2021 01:56 PM (IST)
कोरोना वारियर्स को यह कैसा सम्मान! धनबाद प्रशासन ने 72 को काम से हटाया
काम से हटाये जाने के बाद विरोध करतीं स्वास्थ्य कर्मचारी ( फोटो जागरण)।

जागरण संवाददाता, धनबाद। कोरोना संक्रमण में मरीजों की जान बचाने वाले नर्स और पारा मेडिकल कर्मियों सरकार ने कोरोना योद्धा का नाम दिया। कोरोना संक्रमण का असर कम हुआ है, तो ऐसे कर्मियों को सम्मान देने की जगह नौकरी से निकाला जा रहा है। ताजा मामला जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के कैथ लैब का है। यहां काम कर रहे 70 नर्स और आउटसोर्सिंग कर्मियों को मंगलवार से नौकरी से हटा दिया गया है। इस संबंध में अस्पताल प्रबंधन ने सभी कर्मियों को सूचना भी दे दी है। सूचना के बाद कर्मियों ने भारी मायूसी है। कर्मी जिला प्रशासन स्वास्थ्य विभाग के आदेश का विरोध कर रहे हैं।

कोरोना संक्रमण के वक्त जिला प्रशासन ने की थी बहाली

बताया जाता है कि कोरोना संक्रमण के वक्त जिला प्रशासन ने डीएमएफटी फंड से स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से 3 महीने के लिए स्वास्थ्य कर्मियों की बहाली की थी। इसके बाद संक्रमण का मामला लगातार बढ़ता रहा। स्वास्थ्य कर्मियों की तैनाती एसएनएमएमसीएच के कैथ लैब में की गई थी। 3 महीने के लिए फिर से इन कर्मियों को कार्य अवधि विस्तार दे दिया गया। कोरोना संक्रमण के मामले काफी कम हो गए हैं। ऐसे में इन कर्मियों को जिला प्रशासन डीएमएफटी फंड से वेतन भी नहीं देता रहा है। 3 महीने से इन कर्मियों का वेतन भी बकाया है। इन सभी को बकाया वेतन देकर नौकरी से हटाने का दिया गया है।

अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग का मामला

अस्पताल के अधीक्षक डॉ अरुण कुमार वर्णवाल ने बताया कि यह मामला अस्पताल का नहीं है। इनकी बहाली जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से की गई थी। उनका वेतन भी स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिल रहा था। कर्मचारियों का काम कैथ लैब में लगाया गया था। इनकी कार्य अवधि भी पूरी हो गई थी, मरीजों की संख्या भी नहीं है। अधीक्षक का कहना है यदि सरकार आदेश देती है, तो कर्मचारियों को रखा जा सकता है। लेकिन स्थानीय स्तर पर वह कुछ नहीं कर सकते हैं। दूसरी और सिविल सर्जन का कहना है संक्रमण के मामले नहीं है।इस वजह से कर्मियों से काम अभी नहीं लिया जा सकता है।

स्वास्थ्य मंत्री के आदेश का भी पालन नहीं

पिछले दिनों स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता धनबाद के दौरे पर आए थे। यहां पर स्वास्थ्य कर्मियों ने उनसे अपनी फरियाद लगाई थी। स्वास्थ्य मंत्री ने उपायुक्त संदीप सिंह को निर्देश देकर सभी कर्मियों को तत्काल वेतन मुहैया कराने तथा नौकरी से नहीं हटाने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद निर्देश का पालन जिला में नहीं किया गया है।

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