Dhanbad Jail के अंदर से अपराधियों के खेल पर लगेगा ब्रेक, लगाए जाएंगे 172 सीसीटीवी कैमरा और पांच 5G जैमर
धनबाद जेल के अंदर से अपराधी मोबाइल फोन के माध्यम से बाहरी दुनिया में गिरोह का संचालन करते रहते हैं। अंदर से ही हत्या और रंगदारी जैसे मामलों को हैंडलिंग करते हैं। इसे रोकने के लिए जेल प्रशासन ने 5G जैमर लगाने का निर्णय लिया है।
जागरण संवाददाता, धनबाद। धनबाद जेल से रंगदारी का खेल अब नहीं चलेगा। जेल प्रशासन धनबाद मंडल कारा में 5G जैमर लगाने जा रहा है। इसके लिए प्रस्ताव भी पास हो गया है। यह जानकारी जेल आईजी मनोज कुमार ने दी। बताया कि 172 नए सीसीटीवी कैमरे भी जेल में लगाए जाएंगे ताकि किसी तरह की गतिविधि होने पर जेल प्रशासन को तुरंत इसकी खबर हो जाए, वही अभी धनबाद जेल में 2G जैमर लगा हुआ है और जेल में बंद खतरनाक अपराधी 4G का इस्तेमाल कर रहे हैं आने वाले समय में 5G मोबाइल भी लॉन्च हो रहा है। इसी को देखते हुए जेल में 5G जैमर लगाए जाएंगे ताकि जेल से कोई भी फोन कर अपने अपराधी साथी को कोई क्राइम करने की सूचना या किसी से रंगदारी मांगने के लिए नहीं बोल सकेगा। शनिवार को जेल आईजी मनोज कुमार धनबाद मंडल कारा पहुंचे थे इस दौरान जेल अधीक्षक अजय कुमार जेलर अश्विनी तिवारी और जेल डॉक्टर आलोक शर्मा के साथ बैठक की। जमा हुआ सीसीटीवी के बारे में उन्होंने बताया कि एजेंसियों से सर्वे करा कर जय मां की व्यवस्था बहाल की जाएगी।
जेल से चलता रहा है रंगदारी का खेल
राज्य भर के जेलो से अपराधियों का रंगदारी का खेल चलता ही रहा है। अपराधी जेल के अंदर ही बैठकर लोगों से रंगदारी की मांग करते हैं। नहीं देने पर हत्याएं भी करवा देते हैं। अभी ताजा उदाहरण पुलिस मुखबिर नीरज तिवारी का है, जिसमें अमन सिंह रांची होटवार जेल में बैठकर रौनक को फोन करके नीरज तिवारी की हत्या करने को कहा और रौनक गुप्ता ने कार्य को अंजाम दे दिया।
धनबाद जेल में बंद है कई खतरनाक अपराधी
धनबाद मंडल कारा में इन दिनों कई खतरनाक अपराधी बंद है। नीरज तिवारी हत्याकांड के आरोपी शुभम यादव वह आशीष रंजन का भाई प्रियरंजन सहित उसके गैंग के आधा दर्जन लोग अभी धनबाद जेल में ही है। इसके अलावा नीरज सिंह हत्याकांड में शामिल डबलू मिश्रा, धनजी सिंह, जैनेंद्र सिंह उर्फ पिंटू, रंजय का भाई संजय सिंह सहित आधा दर्जन लोग धनबाद जेल में है। वही अमन सिंह के विरोधी गुट सतीश सिंह हत्याकांड में आरोपित अंबिकापुरम निवासी विकास सिंह और उसका साथी गांधी भी धनबाद जेल में है। वासेपुर के भी कई अपराधी इन दिनों धनबाद जेल में है। ऐसे में जेल में गैंगवार की आशंका भी रहती है।