JMM Foundation Day 2021: झामुमो ने मनाया 49 वां स्थापना दिवस, शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की उठी मांग
झामुमो का गठन 4 फरवरी 1974 को धनबाद के गोल्फ ग्राउंड में हुआ था। गोल्फ ग्राउंड ( अब रणधीर वर्मा स्टेडियम) में प्रत्येक साल 4 फरवरी को झामुमो का सालाना उत्सव होता है। गोल्फ ग्राउंड का साैंदर्यीकरण चल रहा है। इस कारण पहली बार यहां कार्यक्रम नहीं हुआ।
धनबाद, जेएनएन। झारखंड मुक्ति मोर्चा का गुरुवार को धनबाद में 49वां स्थापना दिवस मनाया गया। 4 फरवरी, 1973 को धनबाद में ही झामुमो की स्थापना हुई थी। प्रत्येक साल 4 फरवरी को यहां स्थापना दिवस मनाया जाता है। समारोह के दाैरान झामुमो अध्यक्ष शिबू सोरेन को भारत रत्न देने की मांग की गई।
धनबाद में आयोजित समारोह में शिबू-हेमंत के स्थान पर केंद्रीय नेताओं की तरफ से पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य उपस्थित थे।
किसान आंदोलन को लेकर केंद्र पर साधा निशाना
झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 20 सालों के बाद झारखंड में झामुमो की सरकार बनी है। मूलवासियों को उनकी पहचान मिली, सम्मान मिला है। मूलवासियों और आदिवासियों को अधिकार देने का काम हेमंत सरकार कर रही है। यहां के लोगों के लिए काम झारखंड सरकार करेगी। केंद्र सरकार से कोई उम्मीद नही है। भाजपा के राज में आज़ाद देश की राजधानी ही गुलाम बन गई है। देश के किसानों को रोकने के लिए घेराबंदी की गई है। भट्टाचार्य ने कहा कि सभी जानते हैं किस विकट स्थिति से यहां के लोग गुजरें हैं। यहां संपूर्ण संसाधन रहते हुए भी लोगों को बाहर जाना पड़ता है। उन्होंने कहा केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि सभी सार्वजनिक संस्थानों को बेचा जा रहा है। यह स्थापना दिवस निश्चय का दिन है कि बिनोद बाबू और एके राय के सपनो को पूरा करें।
घोषणाओं को पूरा करने के लिए झामुमो सरकार कर रही काम
टुंडी विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने कहा कि सरकार अपनी घोषणाओं को पूरा करने के लिए हर दिशा में कदम बढ़ा रही है। सभी काम समय पर पूरा होंगे। लोगों की आकांक्षाएं पूरी होंगी। झामुमो व्यवसायिक प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष अमितेश सहाय ने कहा कि जिस प्रकार से बाबा साहब अंबेडकर में दलितों की लड़ाई लड़ी और उन्हें अधिकार दिलाने का काम किया, उसी प्रकार से आदिवासियों एवं मूल वासियों के लिए शिबू सोरेन ने संघर्ष किया है। इसलिए उन्हें भारत सरकार उन्हें भारत रत्न सम्मान देने का काम करें। यह झारखंड का अधिकार है कि शिबू सोरेन को भारत रत्न मिले।