Dhanbad: मौत को मात देकर धनबाद आया नन्हा जान, सफल हुई जिंदगी मांगे आरव की मुहिम
जिले के बरमसिया निवासी 4 माह का आरव नई जिंदगी लेकर अपने घर धनबाद वापस आ गया है। मंगलवार की सुबह चेन्नई से बच्चे के पिता अजय कुमार साह उसकी मां रानी देवी धनबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंची।
जागरण संवाददाता, धनबाद: जिले के बरमसिया निवासी 4 माह का आरव नई जिंदगी लेकर अपने घर धनबाद वापस आ गया है। मंगलवार की सुबह चेन्नई से बच्चे के पिता अजय कुमार साह उसकी मां रानी देवी धनबाद रेलवे स्टेशन पर पहुंची। घर आने की खुशी में काफी संख्या में मदद करने वाले युवा रेलवे स्टेशन पहुंचे। जिंदगी मांगे आरव मुहिम चलाने वाले अंकित राजगढ़िया और उनकी टीम ने रेलवे स्टेशन पर इनका स्वागत किया। बच्चे के माता-पिता ने धनबाद वासियों का भी आभार जताया। पिता ने बताया कि धनबाद वासियों के कारण ही 25 लाख रुपए जमा हो पाए। जिससे उनके बच्चे का सफल लिवर ट्रांसप्लांट हो पाया। बच्चे के पिता ने धनबाद के मीडिया कर्मियों को भी आभार जताया।
युवाओं की मुहिम रंग लाई
अंकित ने बताया कि मुहिम ने रफ्तार पकड़ी ओर 25 लाख जमा हुआ। फिर चैन्नई के गोलोबल अस्पताल में आरव की माता रानी देवी में अपने लिवर का 25 फीसदी हिस्सा दान किया और आरव की जिंदगी बचाई। आज 3 माह के इलाज के पूर्ण होने के बाद आरव अपनी माता के साथ धनबाद आया। यहां अंकित के साथ चतर्भुज कुमार ने आरव ओर उसकी मां का भव्य स्वागत किया। मौक़े पर बच्चे के पिता अजय कुमार, शेखर वर्मा, मुन्ना साव, गुड्डू पासवान, रतन मौजूद थे।
अपने बेटे के लिए लिवर दान करके महान बनी रानी
रानी देवी अपने नवजात बच्चे जिंदगी के लिए हर कुछ करने को तैयार थी। रिम्स में कई बार बच्चे को भर्ती कराया गया डॉक्टरों ने भी हाथ खड़े कर लिए। घर की माली हालत बेहद खराब थी। चेन्नई में दिखाने के बाद डॉक्टर ने 25 लाख रुपए की मांग की थी। इतने पैसे दोनों पति-पत्नी के पास नहीं थे। घर के कई जरूरी सामान बेचने के बाद भी 5 से 6 लाख ही हो पा रहे थे। इसके बाद धनबाद वासियों से मदद की गुहार लगाई गई। आखिरकर मुहिम रंग लाई। रानी ने अपना लीवर अपने नवजात को दान किया। फिलहाल मां और बच्चे दोनों स्वस्थ हैं।