धनबाद में स्मार्ट सिटी बनाने के लिए मांगी 300 एकड़ जमीन, अर्बन डेवलपमेंट एंड हाउसिंग डिपार्टमेंट ने डीसी से मांगा प्रस्ताव
ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी के लिए कम से कम 300 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी। इस जमीन पर किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। इसी आधार पर प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है।
धनबाद, जेएनएन। रांची के बाद अब धनबाद मेंं भी स्मार्ट सिटी बनेगी। स्मार्ट सिटी की तर्ज पर इलाके का विकास किया जाएगा, जहां जरूरत की तमाम सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इसको लेकर रांची स्मार्ट सिटी कॉरपोरेशन लिमिटेड (अर्बन डेवलपमेंट एंड हाउसिंग डिपार्टमेंट झारखंड सरकार) के चीफ एग्जीक्यूटिव आफिसर शशि रंजन ने उपायुक्त धनबाद को पत्र लिखकर जमीन का प्रस्ताव देने को कहा है। ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी के लिए कम से कम 300 एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी।
इस जमीन पर किसी भी तरह का अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। इसी आधार पर जल्द से जल्द प्रस्ताव भेजने का निर्देश दिया है। पत्र में स्मार्ट सिटी में मिलने वाली सुविधाओं का भी जिक्र किया गया है। इसमें 24 घंटें बिजली, पानी, फोर लेन रोड, सीवरेज सिस्टम, अंडरग्राउंड रिजरवायर, स्पोट्र्स कांप्लेक्स, पार्क, यूटिलिटी डक्ट, एजुकेशनल सेंटर, हेल्थ सेंटर और अन्य मूलभूत सुविधाएं होंगी। स्मार्ट सिटी निर्माण के लिए नवंबर 2019 में मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक का भी हवाला दिया गया। जमीन का प्रस्ताव मिलने के बाद धनबाद में भी स्मार्ट सिटी का काम शुरू होगा।
स्मार्ट सिटी में ये होंगी सुविधाएं (संभावित) ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी में आवासीय मकान और फ्लैट बनेंगे। डेढ़ लाख लोगों के रहने की व्यवस्था। कुल आबादी का 50 फीसद वर्किंग क्लास। चार प्रवेश और निकास द्वार होंगे। स्मार्ट सिटी के अंदर बननेवाली स्मार्ट सड़क करीब 40 मीटर चौड़ी होगी। शहर के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी लगाए जाएंगे। स्मार्ट सिटी में भी एआइजी, एमआइची, एचआइजी और सुपर एचआइजी मकान और फ्लैट बनेंगे। आबादी के घनत्व के आधार पर शहर का वर्गीकरण। सबसे कम घनत्ववाले क्षेत्र में प्रति एकड़ में 50 से 200 लोगों की आबादी होगी। मध्यम घनत्ववाले क्षेत्र में प्रति एकड़ क्षेत्र में 201 से 400 लोग बसेंगे। अत्यधिक घनत्ववाले क्षेत्र में एक एकड़ क्षेत्र में 401-800 लोग रह सकेंगे। सूचना तकनीक की तमाम सुविधाएं होंगी, डिजिटाइजेशन पर रहेगा जोर। सौर ऊर्जा से रोशन होगा शहर। धूल से निबटने के होंगे खास इंतजाम। बेकार पानी को फिर से इस्तेमाल करने के लायक बनाया जाएगा। बिजली विभाग स्मार्ट मीटर लगाएगा। हर मकान में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था। एनर्जी एफिशिएंट मकान और ऑफिस बनेंगे। स्मार्ट सड़कों पर स्ट्रीट लाइट की अच्छी व्यवस्था होगी। ठोस कचरा के निष्पादन की भी होगी व्यवस्था। इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम विकसित किया जाएगा। पैदल चलनेवालों के लिए अलग से ट्रैक। बच्चों के लिए खेलने के पार्क बनाए जाएंगे।